PDA

View Full Version : भैंस v/s मर्सडीज


bindujain
27-08-2013, 07:24 AM
रोचक खबरें



इस भैंस के सामने मर्सडीज भी मांगती है पानी, कीमत इतनी कि होश उड़ा दे
http://i3.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/0255_31.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:25 AM
यूं तो आपने बहुत सारे किस्से सुने होंगें, जिन्होंने आपको चौंका दिया होगा। लेकिन आज जो हम आपको बताने जा रहे हैं, उसमें कुछ भी बनावटी नहीं है। ये तो सोलह आने सच्ची बात है।

!

Dainikbhaskar.com की तरफ से चलाई जा रही ‘अनोखेलाल’ सीरीज के अन्तर्गत आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक खास तरह की भैंस के बारे में। या फिर यूं कहें कि मर्सडीज को फेल कर देने वाली भैंस के बारे में।


जी हां आपने बिल्कुल सही पढ़ा है, मर्सडीज को फेल करने वाली भैंस। यह भैंस हिसार के एक गांव की है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा भी क्या है इस भैंस में कि इसकी कीमत लाखों रुपए लगाई गई? तो आइए जनाब हम आपको बताते हैं इस भैंस की खासियत। आखिर क्यों गांव की एक भैंस ने कर दिया मर्सडीज को फेल

bindujain
27-08-2013, 07:26 AM
http://i6.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/1456_22.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:26 AM
ये भैंस है हिसार के सिघंवा गांव की, लेकिन एक मर्सडीज भी इसके सामने कुछ नहीं है। जी हां मर्सडीज, क्योंकि इसकी कीमत है 25 लाख रुपए। जबसे यह भैंस 25 लाख में बिकी है, तभी से यह मीडिया में छा गई है।

bindujain
27-08-2013, 07:26 AM
http://i5.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/1459_25.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:27 AM
इस भैंस ने कई प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया है। इन प्रतियोगिताओं में यह भैंस अभी तक करीब 3 लाख रुपए के इनाम भी जीत चुकी है।

bindujain
27-08-2013, 07:27 AM
http://i9.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/1463_27.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:27 AM
भैंस की एक और खासियत है, जो इसे सबसे खास बनाती है। यह भैंस प्रतिदिन 30-32 लीटर दूध देती है। सामान्यतः कोई भैंस इतना अधिक दूध नहीं देती है

bindujain
27-08-2013, 07:28 AM
http://i6.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/1453_20.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:28 AM
यह भैंस मुर्रा नस्ल की है। यूं तो मुर्रा नस्ल की भैंस के कायल सारी दुनिया के लोग हैं, लेकिन इस भैंस ने तो कुछ नए कीर्तिमान ही स्थापित कर दिए हैं।

bindujain
27-08-2013, 07:28 AM
http://i5.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/1461_26.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:29 AM
इस भैंस को आंध्र प्रदेश के एक सरपंच ने खरीदा है। इन्होंने इस भैंस को मर्सडीज से भी मंहगे दामों में खरीदकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है

bindujain
27-08-2013, 07:29 AM
http://i4.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/1458_24.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:29 AM
यह भैंस हिसार के सिंघवा गांव के 55 वर्षीय एक किसान कपूर सिंह की थी। कपूर सिंह का कहना था कि उन्होंने इस भैंस को दो साल पहले ढाई लाख रुपए में खरीदा था

bindujain
27-08-2013, 07:30 AM
http://i3.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/1465_29.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:31 AM
कपूर सिंह ने यह भी बताया कि तब से लेकर अब तक यह भैंस लगातार कई सारी दुग्ध प्रतियोगिताओं और प्रदर्शनियों में जा चुकी है और कई इनाम जीत चुकी है

bindujain
27-08-2013, 07:31 AM
http://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/1457_23.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:32 AM
कपूर सिंह ने इसका नाम लक्ष्मी रखा है। यह भैंस जिस भी प्रतियोगिता में जाती थी, वहां जीत जाती थी। इसलिए कपूर सिंह ने इसका नाम लक्ष्मी रखा।

bindujain
27-08-2013, 07:32 AM
http://i4.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/1466_30.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:32 AM
इस भैंस के बेचे जाने के पीछे भी एक रोचक कहानी है। एक दिन कुछ व्यापारी आंध्र प्रदेश के हनुमान जंक्शन गांव के सरपंच राजीव को लेकर उनके घर पहुंचे। राजीव ने कपूर से उसकी भैंस को बेचने के लिए कहा

bindujain
27-08-2013, 07:32 AM
http://i5.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/1449_6.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:33 AM
कपूर सिंह के लिए यह भैंस बहुत ही दुलारी थी और घर का खर्च चलाने में भी बहुत काम की थी। कपूर सिंह लक्ष्मी को बेचना नहीं चाहते थे, इसलिए उन्होंने 25 लाख रुपए कीमत मांगी।

bindujain
27-08-2013, 07:33 AM
http://i4.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/1450_11.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:34 AM
कपूर सिंह को विश्वास था कि राजीव एक भैंस की कीमत इतनी अधिक नहीं देंगे और वापस चले जाएंगे। लेकिन मामला कुछ अलग ही हो गया। राजीव ने 25 लाख में भैंस खरीदने पर हामी भर दी और एक नया रिकॉर्ड कायम किया

bindujain
27-08-2013, 07:34 AM
http://i4.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/1451_15.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:34 AM
लक्ष्मी का पहला कटड़ा भी तीन लाख रुपए का बिका था। यह भैंस कपूर सिंह के लिए रियल लाइफ की लक्ष्मी थी जो घर में धन वर्षा कर रही थी।

bindujain
27-08-2013, 07:35 AM
http://i4.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/1454_21.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:35 AM
लक्ष्मी इससे पहले भी जींद में आयोजित पशु प्रदर्शनी में रैंप पर अपने जलवे दिखा चुकी है। इस भैंस के 25 लाख रुपए में बिकने के कारण अन्य किसानों को भी प्रोत्साहन मिला है

bindujain
27-08-2013, 07:35 AM
http://i1.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/1464_28.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:36 AM
मुर्रा नस्ल की भैंस पूरे एशिया महाद्वीप में पाई जाती है। इसके अलावा बुल्गारिया से लेकर दक्षिण अमेरिका के देशों में भी यह बहुत प्रसिद्ध है

bindujain
27-08-2013, 07:36 AM
http://i3.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/1694_5.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:37 AM
अब यह भैंस आंध्र प्रदेश के सरपंच के है। देखते हैं ये आंध्र प्रदेश में जाकर क्या जलवे दिखाती है और सरपंच राजीव के घर में कितनी धनवर्षा करती है

bindujain
27-08-2013, 07:37 AM
लग्जरी कार से ज्यादा मंहगा है ये घोड़ा, इसके बारे में जान आप भी रह जाएंगे हैरान

http://i5.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/4143_15.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:38 AM
रोहतक/बेरी. बेरी के गधे-घोड़े मेले में बिकने आए घोड़ों की कीमत लग्जरी कारों को भी मात देती है। इन्हीं घोड़ों में शुमार रहा खरावड़ निवासी मोहन का घोड़ा राजा। इसकी कीमत पंजाब के एक पशु पालक ने 20 लाख रुपए तक लगा दी, लेकिन मोहन ने इस कीमत में अपने घोड़े को नहीं बेचा।

मोहन के घोड़े राजा ने गधा-घोड़ा मेले में खूब जलवे बिखेरे। इसकी चाल देख हर कोई मुग्ध हो गया। मारवाड़ी नस्ल के इस घोड़े की हिंकार और इसका डील-डौल हर पशुपालक को आकर्षित कर रहा था। हालांकि, घोड़ा पालने के शौकीनों को राजा नहीं मिल सका। पंजाब के मोहाली से आए जयसिंह ने मोहन को राजा की कीमत 20 लाख रुपए देना चाहा, लेकिन मोहन ने इसे बेचने से मना कर दिया।

मोहन ने बताया कि वह बचपन से ही बेरी के मेले में आ रहा है। यहां एक से एक घोड़े देख उसने ठान लिया था कि एक दिन वह भी अपना घोड़ा यहां लाएगा और सबकी वाहवाही बटोरेगा। मोहन ने बताया कि उसने राजा को पुष्कर मेले से 2 लाख 75 हजार रुपए में खरीदा था। तब इसकी उम्र महज ढाई साल थी। अब लोग इसकी दस गुणी कीमत लगाने को तैयार हैं, लेकिन वे अपने राजा को मेले में सिर्फ नुमाइश के लिए लेकर आया है

bindujain
27-08-2013, 07:38 AM
यह है राजा की खासियत

नाम - राजा

नस्ल - मारवाड़ी

कद - 62 इंच

चाल - 50 किलो मीटर प्रति घंटा

रंग - हल्का भूरा

bindujain
27-08-2013, 07:39 AM
पाकिस्तान के चलते भारत के खिलाफ छिड़ने वाला था तीसरा विश्वयुद्ध


http://i4.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/26/5738_a1.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:40 AM
नई दिल्ली. पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। वह एलओसी पर सीमा पार से लगातार फायरिंग कर रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (नवाज नहीं दिखा रहे 'शराफत', एक महीने में 7 बार 'आंखें' दिखा चुका है पाकिस्तान) की सीमा पर संयम बरतने की सार्वजनिक अपील का भी पाकिस्तानी सेना पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।


पाकिस्तान के लिए यह सब नई बात नहीं है। वह आजादी के समय से ही भारत के खिलाफ साजिश रच रहा है। लेकिन 1971 में पाकिस्तान की हरकतों के चलते अमेरिका जैसे देश को भारत के खिलाफ खड़ा होना पड़ा था। 1971 में भारत-पाकिस्तान की ऐतिहासिक लड़ाई से पहले पाकिस्तान ने तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (जो बाद में स्वतंत्र देश बांग्लादेश बना) में जनरल टिक्का खान की अगुवाई में जबर्दस्त अत्याचार किया था। जिसके चलते लाखों की तादाद में लोग तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान से भारत की सीमा में दाखिल होने लगे। ऐसे में भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया था। ऐसे में भारत को मजबूरी में जंग में कूदना पड़ा। लेकिन इस वजह से दक्षिण एशिया में तीसरे विश्व युद्ध के हालात बन गए थे।

bindujain
27-08-2013, 07:41 AM
http://i5.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/26/5740_a5.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:41 AM
पाकिस्तान के अत्याचार के चलते भारत को कूदना पड़ा था जंग में

1971 में पाकिस्तानी सेना की ओर से पूर्वी पाकिस्तान (जो बाद में स्वतंत्र देश बांग्लादेश बना) के लोगों को जब जबर्दस्त यातनाएं दी जाने लगीं तो लोग भड़क गए और बड़ी तादाद में भारत की पूर्वी सीमा में दाखिल होने लगे। यह भारत के लिए बहुत बड़ा खतरा था। इससे न सिर्फ संसाधनों का संकट आ सकता था बल्कि देश की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती थी। मजबूरी में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया। लेकिन इसकी वजह सिर्फ पाकिस्तान था। दोनों देशों की सेनाओं के बीच पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाकों में भीषण युद्ध शुरू हो गया था।

(तस्वीर: पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तान के दमन के शिकार लोग

bindujain
27-08-2013, 07:41 AM
http://i5.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/26/5739_a3.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:42 AM
दुनिया का समीकरण

1970 के दशक के उस दौर में अमेरिका पाकिस्तान का समर्थन कर रहा था। अमेरिका ने बड़ी तादाद में हथियार, टैंक और जंगी विमान पाकिस्तान को सौंपे थे। चीन, ब्रिटेन और श्रीलंका जैसे देश भी पाकिस्तान का समर्थन कर रहे थे। वहीं, दूसरी ओर भारत के साथ मजबूती के साथ सिर्फ सोवियत संघ खड़ा था।
(तस्वीर: पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तान के दमन के शिकार लोग

bindujain
27-08-2013, 07:42 AM
http://i3.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/26/5740_a6.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:42 AM
अमेरिका ने रची थी भारत के खिलाफ साजिश

1970 के दशक के उस दौर में अमेरिका पाकिस्तान का समर्थन कर रहा था। अमेरिका न सिर्फ सामरिक तौर पर पाकिस्तान की मदद कर रहा था बल्कि कूटनीतिक तौर पर भी वह पाकिस्तान के साथ था। जब भारतीय सेनाओं ने पूर्वी पाकिस्तान पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली तो अमेरिका को लगा कि भारत की जीत न सिर्फ पाकिस्तान की हार होगी बल्कि वह अमेरिका की कूटनीतिक हार भी होगी। ऐसे में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने अपने सचिव हेनरी किसिंजर को तलब किया। किसिंजर बेहद शातिर शख्स था। उसने भारत को डराने के लिए निक्सन से कहा कि चूंकि भारत पाकिस्तान के खिलाफ दो मोर्चों (पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान) पर लड़ रहा है। ऐसी हालत में अगर चीन की तरफ से भारत की उत्तरी सीमा पर लड़ाई की खबर फैला दी जाए तो भारत के हौसले उखड़ जाएंगे और पाकिस्तानी फौज का उत्साह बढ़ जाएगा। निक्सन ने चीन पर इस बारे में दबाव बनाने का फैसला किया।
(तस्वीर: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन और उनके सचिव हेनरी किसिंजर)

bindujain
27-08-2013, 07:43 AM
http://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/26/5739_a4.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:47 AM
बन गए थे तीसरे विश्व युद्ध के हालात

पाकिस्तान के खिलाफ लड़ रहे भारत को घेरने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और श्रीलंका जैसे देश एक तरफ हो गए थे। सबसे पहले ब्रिटेन का जंगी जहाज ईगल अरब सागर में भारत की जमीन से कुछ दूरी पर पहुंच गया। जब इस बारे में सोवियत संघ को जानकारी मिली तो उसने अपना शानदार जंगी जहाज अरब सागर की तरफ रवाना कर दिया। सोवियत संघ का जहाज को देखकर ब्रिटिश नेवी के होश उड़ गए और वह अपना जहाज लेकर अफ्रीका की तरफ चला गया। इसी बीच अमेरिका ने भारत पर दबाव बनाने के लिए अपना जंगी जहाज हिंद महासागर में बंगाल की खाड़ी की तरफ भेज दिया। इसके जवाब में सोवियत संघ ने अपनी पनडुब्बियों को समंदर की सतह से इतना ऊपर उठा दिया कि उसकी तस्वीरें अमेरिकी जासूसी विमान खींच सके। जब ऐसा हुआ तो अमेरिका को यह एहसास हो गया कि अगर वह भारत के खिलाफ कोई कार्रवाई करता है तो सोवियत संघ के हमले का सामना करना पड़ेगा। इससे अमेरिका के तेवर ढीले पड़ गए। दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह पहला मौका था जब दुनिया की तकरीबन सभी बड़ी ताकतें एक ही इलाके में आमने-सामने की स्थिति में थीं।
(तस्वीर: पूर्वी पाकिस्तान से जान बचाकर भागते लोग)

bindujain
27-08-2013, 07:48 AM
http://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/26/5738_a2.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:49 AM
संयुक्त राष्ट्र में भी अमेरिका ने भारत को घेरने की कोशिश की थी

पूर्वी पाकिस्तान में भारत की जीत की जबर्दस्त संभावना को देखते हुए अमेरिका के होश उड़े हुए थे। अमेरिका ने भारत को मिलने जा रही जीत से रोकने के लिए शांति प्रस्ताव पेश कर दिया। उसने युद्ध पर तत्काल रोक और सेनाओं के वापस आने की बात कही। अमेरिका की तरफ से यह प्रस्ताव जॉर्ज डब्लू. बुश ने पेश किया था। लेकिन सोवियत संघ अमेरिका की चाल को समझ गया। सोवियत संघ को यह भी मालूम था कि इस जंग में भारत की जीत निश्चित है। इन्हीं वजहों से सोवियत संघ ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वीटो कर दिया और इस तरह अमेरिका को कूटनीतिक मोर्चे पर मात खानी पड़ी थी।

(तस्वीर: 1971 में भारत के आगे घुटने टेकती पाकिस्तानी फौज)

bindujain
27-08-2013, 07:49 AM
http://i2.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/26/5741_a7.jpg

bindujain
27-08-2013, 07:50 AM
भारत को मिली जीत

1971 में भारत ने पाकिस्तान को जबर्दस्त मात दी थी। भारत की जांबाज सेना ने करीब 90 हजार पाकिस्तानी फौजियों को सरेंडर करने पर मजबूर कर दिया था। भारत ने पूर्वी पाकिस्तान के लोगों को पाकिस्तान के अत्याचारों से आजादी दिलाई थी। इसी के साथ बांग्लादेश का उदय हुआ था। यह पाकिस्तान के लिए सीधी हार का ही मुद्दा नहीं था बल्कि यह अमेरिका, चीन और ब्रिटेन जैसे देशों की बड़ी कूटनीतिक हार भी थी।

(तस्वीर: अमेरिकी जंगी जहाज जो 1971 में भारत के नजदीक समंदर में पहुंचा था)