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View Full Version : मुक्तक- ढले जा रहे हैँ


आकाश महेशपुरी
29-08-2013, 04:37 PM
मुक्तक-
...
अकेले अकेले चले जा रहे हैँ
हमेँ तो हमारे छले जा रहे हैँ
कि तैँतीस के हैँ पर बड़े ग़मजदा
गमोँ के असर से ढले जा रहे हैँ
...
मुक्तक - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
. . . . . . . . . . . . . . . . . . . .
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश

Dr.Shree Vijay
29-08-2013, 06:06 PM
सुंदर............................................. .........

rajnish manga
29-08-2013, 10:50 PM
बहुत सुन्दर मुक्तक है.

प्रस्तुति हेतु धन्यवाद, आकाश जी.

dipu
30-08-2013, 03:00 PM
beautiful