Conversation Between Kumar Anil and abhisays
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ओपेरा ५.१ हिंदी version सही काम कर रहा है. मैंने अपने मोबाइल पर टेस्ट कर के देखा है.
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मैं इसी पर अभी काम कर रहा हूँ, जल्द ही आपको अपडेट देता हूँ.
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ओपेरा मिनी की यह समस्या कब तक समाप्त होगी ? क्या कोई सम्भावना व्यक्त कर सकते हैँ क्योँकि फोरम के प्रयोग मेँ बाधा हो रही है ।
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एक अनुरोध है कृपया मेरे नाम के सम्मुख वरिष्ठ सदस्य के स्थान पर " सदस्य " कर देँ ।
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आज चौपाल पर साइट विशेष पर हो रही वृहद चर्चा मेँ आपकी मूक स्वीकृति / उपस्थिति मेरे विचार मेँ अनुचित थी । क्या चौपाल उसकी समीक्षा के लिये उचित है ? जब हमारे अचेतन मेँ वो तथाकथित अश्लील साइट घूम रही हो तब हम स्वयं को अच्छे होने का प्रमाणपत्र देकर परनिन्दा के लिये भला कैसे स्वतन्त्र हैँ ? बात मूल्योँ की है सिद्धान्त की है तो फिर जरूरी निवेदन मेँ किये गये वायदे क्योँ तोड़े जाते हैँ । आखिर क्यूँ किसी एक के आगमन पर हम अधीरतापूर्वक अपने पाक साफ होने की दुहाई देकर समवेत स्वरोँ मेँ चिल्लाने लगते हैँ ? कुशल क्षेम के स्थान पर परनिन्दा रस ? अन्त मेँ , हमेँ उस जिन्न से कब छुटकारा मिलेगा ? हम सबके लिये विचारणीय है ।
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प्रबन्धन द्वारा दिये गये विषय एक निवेदन पर मैँने भी अपना विचार व्यक्त किया लेकिन उस सूत्र को ही हटा दिया । भला क्यूँ ? क्या सूत्र निर्माण से पूर्व प्रतिक्रियाओँ का अन्देशा नहीँ था ? प्रबन्धन की अदूरदर्शिता की क्षतिपूर्ति भला हम क्योँ करेँ ? मैँ स्वयं विवादोँ से और गुटबाजी से दूर रहता हूँ । किन्तु इस कृत्य से मेरी भावनायेँ आहत हुई हैँ । मैँ अपेक्षा करता हूँ कि एक जिम्मेदार सदस्य होने के नाते मुझे इसका स्पष्टीकरण आज शाम तक प्राप्त हो जायेगा । अन्यथा ऐसे फोरम के लिये स्वयं को अनुपयोगी मानकर मैँ इसे अलविदा कहने को विवश हो जाऊँगा ।