Conversation Between Dr.Shree Vijay and rajnish manga
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ये आपकी उपलब्धियाँ हैं, डॉ श्री विजय. इनका श्रेय भी आपको ही मिलना चाहिए. इनके पीछे आपकी लगन और परिश्रम ही काम कर रहे है. सभी मित्रों की ओर से आपको धन्यवाद व शुभकामनाएं.
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इस मिल के पत्थर में मेरा अपना कुछ भी नही हें यह सब आप जैसे मित्रों - गुणीजनों की वजह से ही सम्भव हुआ हें, अगर आप जैसो का मार्गदर्शन न होता तों शायद हम यह संयोग प्राप्त नही करपाते इन शुभकामनाऑ के हकदार तों आप सभी मित्रगण हें, में आप सभी का हार्दिक धन्यवाद करता हूँ.........
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प्रिय रजनीश जी, मेरे सूत्र मकान चाहे कच्चे थे में
आपकी इन सार गर्भित चार पंक्तियों में भी समजदार के लिए बहुत कुछ हें,
आप मुझे सदैव प्रोत्साहित करते हैं,
जिनके लिये मैं आपका हार्दिक आभार प्रकट करता हूँ..........
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मेरे जन्मदिवस के अवसर पर आपके द्वारा प्रेषित फूलों के इस गुच्छे ने मन मोह लिया. मेरा हार्दिक आभार स्वीकार करें, डॉक्टर श्री विजय जी.
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कविता के देवनागरी रूपांतरण के विषय में आपके उत्साहवर्धक उदगार के लिये आभारी हूँ, डॉ श्री विजय जी.
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भाव विभोर करने वाली सशक्त रचना यहाँ पस्तुत करने के लिए श्री पुष्पा जी एवं सुन्दर सहज अनुवाद करने के लिए श्री रजनीश जी, आप दोनों कों हार्दिक धन्यवाद.......
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आपको भी स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं, डॉ साहब.
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