नमस्ते अनिल जी! आपने हमें अपना मित्र बनाया इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद. आप जैसे ज्ञानी का साथ पाना बहुत ख़ुशी और गर्व की बात है. अब हम मित्र होने के नाते बस इतना बता देना चाहते हैं की अभी २८ से एक्साम शुरू है, उसकी तैयारी में व्यस्त होने के कारण कुछ दिन अभी मुश्किल है. लेकिन इसके बाद मैं अधिक से अधिक नियमित होने की कोशिश करुँगी.
-हर्षिता