Conversation Between jai_bhardwaj and Dark Saint Alaick
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आपको धन्यवाद, मैं प्रतीक्षा करूंगा। आपके उदगार आपके बड़प्पन की निशानी हैं, धन्यवाद।
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जय भाई, कृपया मेरी मनोदशा समझिए। उसमें विश्लेषण करने की कतई कोई जरूरत नहीं है। हमें आपका वरद हस्त चाहिए और आपको वह फोरम के सर पर रखना है। बस, इतनी सी बात है, इसमें सोच-विचार की आवश्यकता नहीं है। अनुजों को आपके आशीर्वाद की आकांक्षा है, उसमें कंजूसी कृपणता कहलाएगी। मैं मना रहा हूं कि शीघ्र ही आपके आशीर्वचन मेरे पीएम बॉक्स में प्रकट होंगे और मैं आपका स्वागत करने के लिए अभिषेकजी को पीएम कर रहा होऊंगा। कृपया निराश न करें। धन्यवाद।
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आपने मेरे पीएम् का जवाब नहीं दिया, मैं प्रतीक्षारत हूं, अन्यथा मुझे आपको बेवजह फोन पर उत्पीड़ित करना पड़ेगा।
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आपका हार्दिक स्वागत। कृपया मेरा सूत्र कुतुबनुमा अवश्य देखें।
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आपको देख हार्दिक प्रसन्नता हुई। उम्मीद है अब नियमित दर्शन होंगे।