Conversation Between भारतीय and manoj singh parwal
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रात भर तन्हा रहा,
दिनभर अकेला मैं हीं था ,
शहर की आबादियों में
अपने जैसा मैं ही था ।
मैं ही दरिया मैं ही तूफान,
मैं ही था हर मौज भी,
मैं ही ख़ुद को पी गया,
सदियों से प्यासा मैं ही था.