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पाँच दोहे- आकाश महेशपुरी
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1-
ध्यान रखे जो वक्त का, रहता है खुशहाल।
जो इससे है चूकता, दुख भोगे तत्काल।।
2-
कुछ कहने से पूर्व ही, कर लेँ सोच विचार।
ऐसा ना हो बाद मेँ, बढ़ जाए तकरार।।
3-
हिन्दू-मुस्लिम से बड़ा, अपना भारत देश।
ये लड़ते तो देश के, दिल को लगती ठेस।।
4-
यह भी तो अच्छा नहीँ, भरना केवल पेट।
कर लेते हैँ जानवर, भी भोजन से भेँट॥
5-
कैसी उसकी सोच है, कैसा है इंसान।
छोटी-मोटी बात से, हो जाती पहचान॥
दोहे - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
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पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399
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मुक्तक-
भाषा बलशाली होती उनकी, जो होते धनवान यहाँ
हैँ सुनते कब कंगालोँ की अब, आकर के भगवान यहाँ
सुन-सुन कर के महलोँ की बोली, छप्पर डर के मौन हुआ
है ऊपर से ताना भी उसका, अब मुश्किल मेँ जान यहाँ
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मुक्तक - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
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पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399
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पाँच दोहे-
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मौसम तो बरसात का, किन्तु बरसते नैन।
सूखी सूखी ये धरा, पंक्षी भी बेचैन।।1।।
थोड़ा कम भोजन करेँ, काम करेँ भरपूर।
निर्धनता इससे डरे, रोग रहेँ सब दूर।।2।।
रूप सलोना हो भले,मन मेँ बैठा मैल।
ऐसे मानव से भले, लगते मुझको बैल।।3।।
यदि बूढ़े माँ-बाप को, पुत्र करे लाचार।
उससे पापी कौन है, तुम ही बोलो यार।।4।।
आग लगे जब गाँव मेँ, संकट हो घनघोर।
कितनी छोटी सोच है, खुश हो जाते चोर।।5।।
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दोहे - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
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पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399
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मुक्तक-
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ढोल तो ताल से हट गया देख लो
तार भी साज का कट गया देख लो
बेसुरा दम्भ से हूँ भरा आदमी
कह रहे हैँ सभी फट गया देख लो
मुक्तक- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
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पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399
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पाँच दोहे-
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आँखोँ मेँ बादल नहीँ, दिल के सूखे खेत।
हरियाली गुम हो चली, दिखती केवल रेत॥1।।
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खाता है जो धन यहाँ, बिना किये कुछ काम।
माफ उसे करते नहीँ, अल्ला, साईँ, राम।।2।।
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ये हैँ शत्रु समाज के, ताड़ी और शराब।
हो जाते विद्वान भी, पीकर बहुत खराब।।3।।
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ना कोई छोटा यहाँ, बड़ा न कोई आज।
सब हारे इस वक्त से, जग मेँ इसका राज।।4।।
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प्रेम भाव घर मेँ अगर, तो दौलत है फूल।
वरना ये लगता जहर, चुभता बन के शूल।।5।।
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दोहे - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
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पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
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बकरा जे कटवइबऽ तूँ
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हमरा से बोलीँ समधी जी गलती कवन भइल
जवना कारन कइले बानी रउवा मनवा मइल
कहलेँ समधी सुन लीँ कवनो बात न बाटे खास
मास खिआवे के कहनी बनववले बानी घास
येही से कुछ मांसाहारी लोग बाटे गुरनात
बात भइल तऽ बात निभइतीँ काहेँ कइनीँ घात?
साँच कहीले रउवा बाटे सगरी दोष हमार
बकरा तऽ हम येही खातिर बन्हले रहनी चार
बाकिर बेटी जवन रउवा घर के बनी सिँगार
बतिए अइसन कहलसि गइनी हम ओकरा से हार
कहलसि हे बाबूजी सुन लऽ बकरा जे कटवइबऽ तूँ
धरम बिआह मेँ अधरम कऽ के हमरे भागि जरइबऽ तूँ
श्लोक येने पढ़ल जाई ओने मास खिअइबऽ तूँ
देवता लो का आई येइजा उल्टे पाँव भगइबऽ तूँ
जवना अच्छत से दुवारि के बाबूजी पुजवइबऽ तूँ
ओही अन्न देव के कइसे मासे मेँ सनवइबऽ तूँ
शुभ विवाह लिखववले बाड़ऽ अउरी कतल करइबऽ तूँ
मरल मुँह कइसन लागेला हमके तनी बतइबऽ तूँ
येतनो कहला पर सुन लऽ जे मास अगर बनवइबऽ तूँ
ये ससुरारी जाइबि ना हम ओ ससुरा पहुँचइबऽ तूँ
सुनले बाति समधि के बेटहा लोर झोर हो के कहलेँ
अइसन मिलति पतोहि बा धन्य भागि प्रभु जी दिहलेँ
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कविता- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
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मुक्तक-
हमारे साथ ही सुन लो तुम्हारा ग़म भी जायेगा
तेरे ग़म के वजय से एक दिन ये दम भी जायेगा
जिगर मेँ आग जो फैली यही मुझको जलाएगी
बड़े चर्चित हुए हैँ हम कि ये मौसम भी जायेगा
मुक्तक - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
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पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
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मुक्तक-
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जिसे भगवान कहते थे बड़ी पहचान रखता है
दिखे है फूल के जैसा जिगर मेँ श्वान रखता है
तुझे गुमराह जिसने कर दिया विश्वास मेँ लेकर
कि कैसे कह दिया तुमने सभी का ध्यान रखता है
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मुक्तक - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
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पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्रा- महेशपुर
पो- कुबेरस्थान
जि- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
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भोजपुरी गीत- का कहीँ लोर के
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जिन्दगी मेँ जहर बा गइल घोर के
बन्द होते न बा का कहीँ लोर के
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ना ये पार मेँ ना तऽ ओ पार मेँ
ई जुदाई भइल उहो मजधार मेँ
दोष हमरे रहे आकि चितचोर के-
बन्द होते न बा का कहीँ लोर के...
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बेवफाई के देखऽ कइले बा हद
बस इहे सोच के दिल मेँ उठे दरद
जे जोरल उहे अब तूरल डोर के-
बन्द होते न बा का कहीँ लोर के...
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ई खाइ के कसम आ खिया के कसम
कि दी ना कबहू प्यार मेँ केहू गम
खूँ कइले बलम बा पोरे पोर के-
बन्द होते न बा का कहीँ लोर के...
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गीतकार - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
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पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्रा- महेशपुर, पो- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर, उत्तर प्रदेश
09919080399
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मुक्तक-
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अकेले अकेले चले जा रहे हैँ
हमेँ तो हमारे छले जा रहे हैँ
कि तैँतीस के हैँ पर बड़े ग़मजदा
गमोँ के असर से ढले जा रहे हैँ
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मुक्तक - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
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पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश