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धनाक्षरी
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छन्द ये धनाक्षरी लिखने चला हूँ आज,
मुझको बताएँ जरा कहाँ कहाँ दोष है
या कि मैँ हूँ मन्दबुद्धि लिख नहीँ पाता कुछ,
सिर पे ये झूठ ही सवार हुआ जोश है
मेरी कविता से नुकशान बड़ा गृहिणी का,
प्यारे इस छन्द ने कि छीन लिया होश है
सफल नहीँ हूँ यदि छन्द लिखने मे कहीँ,
लिखूँ कुछ और भाई मुझे परितोष है
धनाक्षरी - आकाश महेशपुरी
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पता- वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
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ग़ज़ल
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मात्रा भार
21 2222 1222
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वो गुनाहोँ का एक साया था
दाग दामन पे जो लगाया था
अक्ल पे जैसे पड़ गया परदा
एक जालिम पे रहम आया था
भूल पायेगा वो मुझे कैसे
अगर आँखोँ मेँ जो बसाया था
दूर रहता है आजकल मुझसे
जो कभी बन के प्यार छाया था
दिल अगर ये 'आकाश' टूटा है
दोष मेरा है आजमाया था
ग़ज़ल - आकाश महेशपुरी
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पता- वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
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वे जग मेँ हैँ मर चुके,
सत्य न जिनके संग।
बिन डोरी कबतक उड़े,
जैसे कटी पतंग।।1।।
बोली से ही सुख मिले,
बोली से संताप।
बोली से मालूम हो,
मन के कद की नाप।।2।।
संकट हो भारी बहुत,
अंधेरा घनघोर।
हार नहीँ तुम मानना
मिल जायेगा छोर।।3।।
दारू पीने के लिए,
जो भी बेचे खेत।
बन जाता है एक दिन,
वह मुट्ठी की रेत।।4।।
धरती की चन्दा तलक,
जाती है कब गंध।
इसीलिए करिए सदा,
समता मेँ सम्बन्ध।।5।।
दोहे- आकाश महेशपुरी
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पता- वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
मो.न.- 09919080399
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दोहा-
बादल के दल आ गये,
ले दलदल का रूप।
रूप दलन का देखकर,
बिलख रही है धूप।।
दोहा- आकाश महेशपुरी
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(दलन = विनाश, संहार।)
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पता- वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
मो. न.- 09919080399
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आदरणीय rajnish manga जी! प्रणाम्
सोचा था उससे अधिक,
दिया आपने प्यार।
दिल मेरा गदगद हुआ,
करेँ नमन स्वीकार।।
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आपका सुझाव मेरी प्रगति के लिए है, बहुत बहुत आभार व नमन्।
कृपया आशीर्वाद् बनाए रखेँ।
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आकाश जी, नमस्कार.
आप तो छुपे रुस्तम निकले. आपके प्रोफाइल पर विजिट करने पर आपकी विशेषता का खुलासा हुआ. मित्र, क्षमा करें, इतनी श्रेष्ठ रचनायें 'महफ़िल' खंड के अन्तर्गर 'न्यू थ्रेड' में अलग अलग थ्रेड में पोस्ट करनी चाहियें. यानि अगर चार कवितायें हैं तो अलग अलग शीर्षक के साथ चार थ्रेड बना कर पोस्ट करें. इससे आपके पोस्ट सही स्थान पर दिखाई देंगे और शेष सदस्य भी इनका आनंद ले सकेंगे. धन्यवाद.
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ग़ज़ल
मात्रा भार-
1222 1222 122
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यहाँ रोती कहानी हर तरफ है
बड़ी लगती बिरानी हर तरफ है
नया इक आशियाना ढूँढ लेना
लगे दरिया तुफानी हर तरफ है
नज़ारे देख कर लगता कि जैसे
खुदा की राजधानी हर तरफ है
नदी यह तो बहुत उफनी हुई है
यहाँ कश्ती पुरानी हर तरफ है
कहीँ रोजी हमेँ मिलती नहीँ है
बहुत पिसती जवानी हर तरफ है
यहाँ अब भूख का मंजर दिखेगा
बड़ी बेबस किसानी हर तरफ है
नहीँ बैठो ग़मो का बोझ ले के
जरा देखो रवानी हर तरफ है
यही "आकाश" का पैगाम ले लो
हँसो तो जिन्दगानी हर तरफ है
ग़ज़ल - आकाश महेशपुरी
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पता-वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
पिन -274304
मो.- 09919080399
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आलम ये बरसात का, देख रहे हैँ नैन।
धनी देखकर मस्त हैँ, मुफलिस हैँ बेचैन।।
दोहा - आकाश महेशपुरी
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हम सेवाएँ आपकी, औ पाएँ सौ साल।
लड़ जाएँ हम काल से, लग जाये जो काल।।
दोहा - आकाश महेशपुरी
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एक आपके बिना
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है रात बहुत उदास एक आपके बिना
अँधेरा आस - पास एक आपके बिना
बाँहेँ उदास हैँ निगाहेँ उदास हैँ
मखमल लगे है घास एक आपके बिना
डसने लगी रात कब होगी मुलाकात
रूकने लगी है साँस एक आपके बिना
कहते हैँ कि जिँदगी अनमोल है रतन
पर है ये कहाँ खास एक आपके बिना
खुशी ही खुशी है इस गाँव मेँ "आकाश"
ग़म का बना हूँ दास एक आपके बिना
ग़ज़ल - आकाश महेशपुरी
पता-वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
पिन -274304
मो.- 09919080399