इसमें कोई शक नहीं है. मित्र में बाकी के मित्र गणों को भी आमंत्रित कर लेता हूँ. और जहाँ तक अपनी असली चौपाल की बात है यदि भगवान् ने चाहा तो आज रात रात में सब कम पूरा हो जायेगा. उम्मीद तो यही है.
अक्ष जी, यह फोरम मुझे बिलकुल नया सा प्रतीत हो रहा है. और इस पर सदस्यों की संख्या भी बहुत कम है. यदि आप और हम चाहें और अपने मित्रों को भी आमंत्रित करें तो मुझे लगता है की इस फोरम को भी स्वर्ग बनाया जा सकता है.
वही अवतार, वही नाम और वही लिखने का अंदाज और कौन हो सकता है. ये में ही हूँ मित्र नीरज.
में, सिकंदर, खालिद, जीत, युवराज और टाइगर लव ने एक फोरम ज्वाइन की थी.
यहाँ पर भाषा को लेकर बहुत विवाद हुआ है और हम लोगों को बहुत ही ज्यादा परेशानी हो रही है. वैसे फोरम अच्छा है.