ओह तो ऐसी बात है.........चंद लाइनें हैं, इरशाद फरमाइए...
आप भी हो तन्हा, हमें भी मिली तन्हाई,
दो हरफ प्यार के, हमसे भी कह न सका कोई,
चलो मिलें एक जाम के साथ, निभाएं ऐसी यारी,
पोंछ लें अश्क एक-दुसरे के, फिर चाहे भूल जाए दुनिया सारी|
शुभ-संध्या श्रीमान! बहुत दिनों बाद याद किया आपने, दिल खुश हो गया| जी आपके आशीर्वाद और ऊपर वाले के साथ से हम बिलकुल ठीक हैं, आशा करता हूं कि आप भी ठीक होंगे|