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गीत- हैँ उलझते आज मेरे गीत से
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हैँ उलझते आज मेरे गीत से
ये तेरे अंदाज दिल की भीत से
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तूँ जवाँ तेरी जवाँ मुस्कान है
इन गुलोँ की तुमसे ही पहचान है
पर तुझे मैँ छू नहीँ सकता कभी
जाने किसकी ऐ सनम तूँ जान है
मैँ बँधा हूँ आज उनकी प्रीत से-
हैँ उलझते आज मेरे गीत से
ये तेरे अंदाज दिल की भीत से
॰॰॰
तूँ रहे दिल की मेरे तस्वीर मेँ
जाने तुम किसकी लिखी तकदीर मेँ
वक्त मेरे आशिकी का खो गया
अब न आँखेँ डूबतीँ हैँ नीर मेँ
प्यार मत करना तूँ ऐसे मीत से-
हैँ उलझते आज मेरे गीत से
ये तेरे अंदाज दिल की भीत से
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जी करे तेरी अदा को चूम लूँ
और जुल्फोँ की घटा मेँ झूम लूँ
पर न जाने बात जँचती ये नहीँ
मैँ तेरी बाँहोँ मेँ दुनिया घूम लूँ
हार ही जायेँगे ऐसी जीत से-
हैँ उलझते आज मेरे गीत से
ये तेरे अंदाज दिल की भीत से...
गीतकार- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
9919080399
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कुण्डलिनी (नव कुण्डलिया छन्द)
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ऐसे तुम क्योँ हो रहे, भाई पीले लाल।
भाई पीले लाल क्योँ, मैँ जो हूँ कंगाल!
मैँ जो हूँ कंगाल, नहीँ हैँ इतने पैसे।
इतने पैसे पास, न डूबो रँग मेँ ऐसे।।
कुण्डलिनी- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
* * * * *
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399
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ग़ज़ल- हमेँ भी तो खज़ाने का...
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हमेँ भी तो खज़ाने का ज़खीरा मिल गया होता
अगर जो बेईमानी का किया कुछ हौसला होता
वो मेरा हमसफर शायद नहीँ ऐसे खफा होता
कि होता पास जो पैसा नया ही सिलसिला होता
ग़रीबी के वजह से दब गई है जिन्दगी मेरी
ये वरना कामयाबी से न इतना फासला होता
अगर जिन्दा रहेँ अच्छा मरेँ तो भी न हो मुश्किल
कि मुश्किल है, नहीँ जब जिन्दगी का फैसला होता
सितमगर है मगर फिर भी मेरी यादोँ मेँ रहता है
वो दिल को चोट देकर भी नहीँ दिल से जुदा होता
मेरी ये जिन्दगी शायद नया रुख दे भी सकती थी
अगर 'आकाश' हमको भी कोई मौका मिला होता
ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
9919080399
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कुण्डलिनी (नव कुण्डलिया छन्द)
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कभी शाम जैसी लगे, और कभी यह भोर।
कुण्डल सी है जिन्दगी, सुख-दुख के ना छोर।
सुख-दुख के ना छोर, चार दिन का यह जीवन।
पतझड़ का भी दौर, कभी बन जाता सावन।।
कुण्डलिनी- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
9919080399
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चौका कुण्डलिया
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कुण्डलिया से तेज है, यारोँ इसका पुत्र।
छोटा पर गम्भीर ये, ज्योँ होता है सूत्र।
ज्योँ होता है सूत्र, सूत्र मेँ गूँथीँ कलियाँ।
चार दलोँ से युक्त, बनीँ चौका कुण्डलियाँ
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चौका कुण्डलिया- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
महेशपुर, कुबेरस्थान, कुशीनगर, उत्तर प्रदेश
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चौका कुण्डलिया
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ताजा है अंदाज ये, आया हमेँ पसन्द।
चौके से चौका दिया, नव कुण्डलिया छन्द।
नव कुण्डलिया छन्द, देख लो छक्का राजा।
होकर के तब्दील, बने हैँ चौका ताजा।।
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चौका कुण्डलिया- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
महेशपुर, कुबेरस्थान, कुशीनगर, उत्तर प्रदेश
09919080399
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कुण्डलिया- अक्सर जो डरता रहा
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गाने वाला मैँ यहाँ, लेकर आया दर्द।
अक्सर जो डरता रहा, होकर के भी मर्द।
होकर के भी मर्द, बना कायर था भाई।
भ्रष्टोँ का है राज, बन्द क्योँ थी कविताई।
लिखा न कोई छन्द, माह है जाने वाला।
नहीँ रहूँगा मौन, आज मैँ गाने वाला।।
कुण्डलिया- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
9919080399
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ग़ज़ल- ये नहीँ पूछना...
ये नहीँ पूछना क्या करे शायरी
घाव हो गर कोई तो भरे शायरी
तेरा कुनबा रहे आसमाँ के तले
फिर भी करते हो तुम तो अरे शायरी
खौफ़ फैला हुआ आजकल चार सू
मैँ हूँ शायर डरूँ ना डरे शायरी
एक सच्चे किसी हमसफर की तरह
रोज दर्दे जिगर को हरे शायरी
साथ 'आकाश' है दर्द से जो अगर
जिन्दगी से कहाँ है परे शायरी
ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
9919080399
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दो दोहे-
तन अपना पुलकित हुआ, मन हर्षित है आज।
रोजी कुछ ऐसे मिली, ज्योँ भिक्षुक को ताज।।
अब कोई चिन्ता नहीँ, रोज भरेँगे पेट।
जो जो दुख अबतक मिले, लेँगे सभी समेट॥
दोहे- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
9919080399
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पाँच दोहे
1-
धीरे धीरे ही सही, करते कोशिश रोज।
वे ही भर पाते यहाँ, जीवन मेँ कुछ ओज।।
2-
एक सफलता है यही, चैन अगर हो पास।
यह पाने के वास्ते, कर आलस का नाश।।
3-
धन असली है खो रहा, यह पूरा संसार।
नाम कहूँ तो पेड़ है, जो धरती का सार।।
4-
कैसे हो सकता भला, अमर किसी का नाम।
अमर नहीँ जब ये धरा, नश्वर सारे धाम।।
5-
असली धन है गाँव मेँ, हरियाली है नाम।
याद करूँ जब शहर को,
दिखलाई दे जाम।।
दोहे- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399