अच्छा अच्छा अब पहिचाने गुरु ! अरे पहिले बताना था भाई, अपना कौन सा झगडा था |
वो तो जो कहा था वो अपने ऑनलाइन अनुभव के आधार पर कहा था | फिर एक दो कमियाँ सबमें होती हैं भाई, दोस्त वही जो मुह खोल के कह दे | छुपाने वाला तो बैरी ही हुआ ना ?
आपका नाम बहुत शुभ है, कल्याण नाम की एक पुस्तक आया करती है, मोटी सी एकदम उसमें जाने कितनी धार्मिक कहानियां होती थीं, बचपन में उन्ही को पढ़ पढ़ के इतिहास में घुसे हैं |