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30-10-2014 05:29 PM
rafik
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दलीदर
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दीवाली के होते भोरे
लागेला आइल बा चोरे
सुतले-सुतले कर दे बारे
जागेला ऊहो भिनुसारे
सूपा लेके फट फट फट फट
बकरी जइसे पट पट पट पट
खटर पटर खट खट खट घर घर
लोगवा खेदे खूब दलीदर
घोठा घारी चउकी चारा
घर दुवार अउरी ओसारा
चुल्ही तर आँगन पिछुवारे
लोगवा खूब दलीदर मारे
सूपा के सुनि के फटकारा
पगहा तूरे भागे पाड़ा
भागे बिल्ली बड़ी डरा के
चूहा बीयल में घबरा के
सहमें चिरई कउवा तीतर
बाकिर नाहीं हटे दलीदर
बैर भाव त जाते नइखे
मनवा कबो नहाते नइखे
पसरल बाटे कइ कइ मीटर
झाकीं ना मनवा के भीतर
मनवा के पाँको आ काई
सूपा से कइसे फटकाई
राखीं पानी आ सच्चाई
सदगुण के साबुन से भाई
मनवा के पहिले झटकारीं
मन में उहे दलीदर मारीं
काम करीं खूबे सुरिया के
धन दौलत आई धरिया के
रचना- आकाश महेशपुरी
पता-
वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी'
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
९९१९०८०३९९
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आपको दीपावली की अनेक अनेक शुभकामनायें.
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ग़ज़ल- अगर इतरा रहे हो तुम...
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अगर इतरा रहे हो तुम जो अपनी शान के आगे
चलेगी एक तेरी क्या समय बलवान के आगे
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ये माना आसमाँ का भी तूँ सीना चीर सकता है
मगर तूँ जा नहीँ सकता कभी शमशान के आगे
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ग़मोँ की आँधियोँ मेँ भी खुशी के सिलसिले देखो
कि ग़म टिकता कहाँ कोई तेरी मुस्कान के आगे
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हमारा यार होता तो सभी दुखड़े सुना देता
मगर अच्छा नहीँ लगता किसी अनजान के आगे
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अगर वो जा चुका है तो महज रोना है हाथोँ मेँ
तुम्हारा वश चलेगा क्या कभी भगवान के आगे
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जड़ेँ 'आकाश' होतीँ हैँ तभी ये फूल खिलते हैँ
मगर वो भूल जाता है जरा पहचान के आगे
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ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
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पता-
वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी'
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399
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गीत- मन के भद्दे लोग बहुत...
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बिन सोचे तुम खो मत जाना अनजाने के प्यार मेँ
मन के भद्दे लोग बहुत बच के रहना संसार मेँ
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सब पे ही विश्वास न करना
बहुत जरूरी डर के रहना
तेरी चिन्ता मेँ पल भर भी
नीँद न आती प्यारी बहना
दम घुटता है मेरा भी अब टोले या बाजार मेँ-
मन के भद्दे लोग बहुत बच के रहना संसार मेँ
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बहना कोई जल जाती है
सुन कर जान निकल जाती है
बेटी से है दुनिया फिर भी
दुनिया उसको छल जाती है
अच्छा होता जल जाती ये धरती ही इक बार मेँ-
मन के भद्दे लोग बहुत बच के रहना संसार मेँ
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लोगोँ मेँ ईमान कहाँ है
नारी का सम्मान कहाँ है
घूम रहे पापी ऐसे अब
प्रश्न उठे भगवान कहाँ है
देर बहुत अंधेर बहुत है उसके भी दरबार मेँ-
मन के भद्दे लोग बहुत बच के रहना संसार मेँ
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गीत- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
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पता-
वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी'
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399
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एक मुक्तक-
तुम हो मेरे साथ मगर ये रात नहीँ अच्छी लगती
लिट्टी-चोखा बिन तो ये बरसात नहीँ अच्छी लगती
प्यार करूँगा शर्त यही है आलू लेकर आ जाओ
भूखा हूँ अब दिल की कोई बात नहीँ अच्छी लगती
मुक्तक- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
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पता- वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी'
महेशपुर, कुबेरस्थान, कुशीनगर
09919080399
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ग़ज़ल- नज़ारे बड़े अलहदा...
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नज़ारे बड़े अलहदा हो चले हैँ
कि जबसे वे हमसे खफा हो चले हैँ
हैँ दिल मेँ छुपे यूँ दिखाई न देते
मुझे लग रहा वे खुदा हो चले हैँ
न देखो इधर तुम कहीँ और जाओ
कि हम तो कोई बुलबुला हो चले हैँ
निखर से गये हो मुझे भूल कर तुम
तुम्हारे लिए क्या से क्या हो चले हैँ
मुझे जान कहने से थकते नहीँ थे
वही जानकर क्योँ जुदा हो चले हैँ
हूँ बीमार 'आकाश' आये नहीँ वे
हमारे लिए जो दवा हो चले हैँ
ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
पता-
वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी'
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399
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एक मुक्तक-
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जरा सी नीँद आते ही सुनाने राग जाता हूँ
तेरी परछाइयोँ से भी मैँ अक्सर जाग जाता हूँ
कहीँ तुम प्यार का इजहार फिर करने चली आओ
तेरे कदमोँ की आहट से मैँ डर के भाग जाता हूँ
मुक्तक- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
पता-
वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी'
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399
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हरिगीतिका छन्द
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बलवान है सुनिए वही जो, सोच का धनवान हो।
जिसको झुका दुनिया न पाये, फर्ज की पहचान हो।
वो धैर्य भी अपना न खोये, जो कभी अपमान हो।
कुछ शान मेँ इतरा न जाये, या कभी सम्मान हो।
हरिगीतिका- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
पता-
वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी"
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399