आपको पता नहीं है ! मीडिया में मैं कभी टैंक के नाम से कुख्यात था ! कॉन्फ्रेंस'ज में एक-आध बोतल ख़त्म करने के बाद विसर्जन के समय आयोजक मुझे एक और बोतल भेंट करते हुए कहा करते थे, "गुरुदेव आपको तो अभी कुछ हुआ नहीं होगा, इसलिए यह भेंट स्वीकारिए, घर जाकर ग्रहण कीजिएगा !" अर्थात कितनी भी मात्रा में सेवन के बावजूद मुझ पर यह सब बेअसर रहता था, संभवतः God Gift ! ... लेकिन अब मैं हाफ से आगे नहीं बढ़ता, क्योंकि वह सुराग, जिसका जिक्र आपने किया, मुझे कभी नहीं मिला और न कभी मिलने की आशंका है !