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आकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud of

आकाश महेशपुरी आकाश महेशपुरी is offline

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  1. आकाश महेशपुरी
    ग़ज़ल
    . . . . .
    तूने मुझको ये क्या बना डाला
    जितना चाहा मुझे सता डाला

    मैँ तो कबसे तेरा दीवाना था
    तूने बन्दर मुझे बता डाला

    जिसकी बाँहोँ का बस सहारा था
    उसने बाँहोँ मेँ ही फसा डाला

    जिस्म लेकर ही अब तो चलते है
    जो थी इज्जत यहीँ गवाँ डाला

    पहले मैँ ही उदास रहता था
    तुमने खुद को भी क्योँ सुखा डाला

    घर तो था ही 'आकाश' छोटा सा
    तुमने उसको यूँ ही जला डाला

    ग़ज़ल - आकाश महेशपुरी

    पता-वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
    ग्राम- महेशपुर
    पोस्ट- कुबेरस्थान
    जनपद- कुशीनगर
    उत्तर प्रदेश
    पिन -274304
    मो.- 09919080399
    aakashmaheshpuri@gmail.com
  2. आकाश महेशपुरी
    सूर्य
    . . . . .
    सूर्य के बिना तो कोई मोल नहीँ धरती का, धरती का सूर्य ही आधार लगता है
    पृथ्वी पे जीव कोई, सूर्य बिना जीते कहाँ, सूर्य से ही सब संसार लगता है
    घूमते हैँ सूर्य के ही चारोँ ओर हम सभी, धरती पे हो के सवार लगता है
    है जो भी हमेँ दिख रहा यहाँ वहाँ धरती पे, सूर्य से ही सब उजियार लगता है।

    रचना - आकाश महेशपुरी

    पता-वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
    ग्राम- महेशपुर
    पोस्ट- कुबेरस्थान
    जनपद- कुशीनगर
    उत्तर प्रदेश
    पिन -274304
  3. आकाश महेशपुरी
    मुक्तक - आकाश महेशपुरी
    . . . . .
    पहले से झूठा ज़माना आज लगता है
    है ग़लत सर पे उसी के ताज लगता है
    खुशी प्यार या यूँ कहूँ कि ये हमारी दोस्ती
    फीँका फीँका हर तरह का साज लगता है

    मुक्तक - आकाश महेशपुरी

    पता-वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
    ग्राम- महेशपुर
    पोस्ट- कुबेरस्थान
    जनपद- कुशीनगर
    उत्तर प्रदेश
  4. आकाश महेशपुरी
    गीत- आकाश महेशपुरी

    सरस्वती वन्दना
    . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .
    मइया तेरी शरण हम आए
    हमको राह दिखा दो ना
    मन मेँ ज्ञान दीप जल जाए
    हमको राह दिखा दो ना

    हम पापी हैँ अज्ञानी हैँ
    फिर भी देखो अभिमानी हैँ
    हरदम अँधेरोँ मेँ धाए
    हमको राह दिखा दो ना
    मन मेँ ज्ञान दीप जल जाए
    हमको राह. . . . . .

    विद्या का तूँ पर दे दे माँ
    आस लगी है वर दे दे माँ
    जीवन व्यर्थ न होने पाए
    हमको राह दिखा दो ना
    मन मेँ ज्ञान दीप जल जाए
    हमको राह. . . . .
    गीत- आकाश महेशपुरी

    (पता-वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
    ग्राम- महेशपुर
    पोस्ट- कुबेरस्थान
    जनपद- कुशीनगर
    उत्तर प्रदेश
    पिन -274304)
  5. आकाश महेशपुरी
    दोहा-
    धरती की चन्दा तलक,
    जाती है कब गन्ध ।
    इसीलिए करिए सदा.
    समता मेँ सम्बन्ध ।।
    दोहा- आकाश महेशपुरी
  6. आकाश महेशपुरी
    दोहे-
    1-
    चार चरण दो पक्ति मेँ, कहे बात गम्भीर ।
    तेरह-ग्यारह से बने, अमृत का यह तीर ।।
    2-
    चालू हो जाता पतन, सुनेँ लगाकर ध्यान ।
    आ जाता इंसान मेँ,
    जिस दिन से अभिमान ।।
    दोहे- आकाश महेशपुरी
    aakashmaheshpuri@gmail.com
  7. आकाश महेशपुरी
    मुक्तक- आकाश महेशपुरी
    मत पूछो यार कि ये कैसा है आदमी
    आज के माहौल मेँ पैसा है आदमी
    घायल तड़प रहा था चलते बने सभी
    ये दिल है रो रहा कि ऐसा है आदमी?

    रचना- आकाश महेशपुरी

    पता-वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
    ग्राम- महेशपुर
    पोस्ट- कुबेरस्थान
    जनपद- कुशीनगर
    उत्तर प्रदेश
    पिन -274304
    मो.- 09919080399
  8. आकाश महेशपुरी
    कुण्डलिया- आकाश महेशपुरी
    . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .
    गरमी इतनी तेज है, मन से निकले आह ।
    भारत मेँ है अब कहां, पहले जैसी छाँह ।
    पहले जैसी छाँह, न पहले जैसा उपवन ।
    अब रहता बेचैन, छाँव बिन सबका जीवन ।
    बढ़ती है यह रोज, नहीँ आती है नरमी ।
    कैसा है यह दौर, और यह कितनी गरमी ।।

    कुण्डलिया- आकाश महेशपुरी

    { पता-वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
    ग्राम- महेशपुर
    पोस्ट- कुबेरस्थान
    जनपद- कुशीनगर
    उत्तर प्रदेश
    पिन -274304}
    aakashmaheshpuri@gmail.com
  9. आकाश महेशपुरी
    शक्ति कलमकार की
    . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .

    वेद व्यास ने कृष्ण सुदामा वाल्मीकि ने राम को
    अमर बनाया इस दुनिया मेँ देखो इनके काम को
    ग़ालिब की ग़ज़लेँ देखो या दोहे दास कबीर के
    ये सारे लक्षण दिखते हैँ मुझको तो इक वीर के
    बात करो तलवारोँ की या तुम गंगा के धार की
    बदल सके जो इस दुनिया को ये शक्ति कलमकार की

    रचना - आकाश महेशपुरी
    aakashmaheshpuri@gmail.com
  10. आकाश महेशपुरी
    बिना द्वन्द के हो भला, कैसे बेड़ा पार ।
    चले नहीँ पतवार तो, साहिल भी मजधार ।।
    दोहा - आकाश महेशपुरी
    aakashmaheshpuri@gmail.com

About Me

  • About आकाश महेशपुरी
    Biography
    जन्म तिथि 15/08/1980
    Location
    कुशीनगर, यू पी
    Interests
    काव्य लेखन

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