ज़र्रानवाज़ी का शुक्रिया, अलैक जी. मैं नहीं जानता कि किस प्रकार अपनी बात कहूँ. आप जैसे बरगद की छांव में काम करते हुये कुछ काम मुझसे भी हो गया. इसका बड़ा श्रेय आपको जाता है. इससे इतर, यदि मैं कहूँ कि फोरम को जिन महानुभाव ने ऊंचाई और गरिमा प्रदान की उनमे सबसे ऊपर आपका नाम आता है. जी हाँ, पहले भी यह बात सच थी और आज भी सच है. मैं पहले भी आपका आभारी था,आज भी हूँ और सदा रहूँगा. धन्यवाद.