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एक फेसबूक मित्र ने मुझे
कहा कि तू गवाँर है क्योंकि तू हिन्दी में लिखता है..
तो उनके लिए ये पोस्ट..
"हाँ मैं गवार हूँ क्योंकि मैं मेरे घर मेँ
तुलसी का पौधा है मनीप्लान्ट नही,
हाँ मैं गवाँर हूँ क्योंकि मेरे घर रामायण
पढ़ा जाता है मनोहर कहानियाँ नही,
हाँ मैं गवाँर हूँ क्योंकि मैं मात्र भाषा लिखता हूँ..
हाँ मैं गवाँर हूँ क्योंकि हमारे घर Fastion Tv
नही देखा जाता..
हाँ मैं गवाँर हूँ क्योंकि मेरे घर की बहने क्लब
नही जाती हैं..
हाँ मैं गवाँर हूँ क्योंकि मेरे आदर्श लाल बहादुर
शास्त्री है.. एन डी तिवारी नही..
हाँ मैं गवाँर हूँ क्योंकि मेरे घर गाय पाली जाती है..
विलायती कुत्ते नही..
अगर ये गवाँरपना तो मैं गवाँर हूँ
आपको आपकी पश्चिमी सभ्यता मुबारक..
वो पश्चिम जहाँ सूरज भी जाके डूब जाता है...