तो क्या होता..! (गज़लनुमा गीत ।)
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यादों की जात, कुंवारी होती तो, क्या होता..!
हिज़्र की लाश, तुम्हारी होती तो, क्या होता..!
हिज़्र = जुदाई; कुंवारी = वर्जिन.
१.
छिन लेता चैन- ओ -अमन, तेरे पैमाने से ।
किस्मत से ऐसी यारी होती, तो क्या होता..!
चैन-ओ-अमन= सुखचैन-शांति; पैमाना= ज़िंदगी.
२.
तेज़ हो जाती है क्या धड़कनें, हर वस्ल में ?
हमें भी, दिल की बिमारी होती, तो क्या होता..!
वस्ल=मिलन.
३.
गुमनाम मंज़िलों का सफर, सीधा नहीं होता ।
पैने काँटों की सवारी होती तो, क्या होता..!
मंज़िल=पड़ाव,मुकाम; सीधा=सरल,आसान.
पैना= तीक्ष्ण;धारदार.
४.
ख़ुदकुशी करने पर तुली थी कमज़ोर साँसें ।
और शिकस्त करारी होती तो क्या होता...!
ख़ुदकुशी= आपघात; शिकस्त=हार,पराजय.
मार्कण्ड दवे - दिनांक - १३-०२-२०१६.