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आकाश महेशपुरी आकाश महेशपुरी is offline

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  1. rajnish manga
    30-05-2013 12:24 PM
    rajnish manga
    फोरम पर आपका हार्दिक स्वागत है, आकाश जी. आपके प्रोफाइल में आपकी रचनाएं पढ़ कर आनंद मिला. आप फोरम के विभिन्न फलकों में रचनाएं पोस्ट कर के अन्य सदस्यों के साथ इन्हें शेयर कर सकते हैं. धन्यवाद.
  2. आकाश महेशपुरी
    ग़ज़ल
    ..........

    जबसे तेरा ये प्यार पाया है
    दिल ने असली करार पाया है

    जाने कैसा सूरूर है छाया
    जबसे तेरा दीदार पाया है

    जिन्दगी जैसे खिल गई मेरी
    जबसे बाहोँ का हार पाया है

    जब भी रहता वो दूर नज़रोँ से
    मैनै खुद को बीमार पाया है

    पहला कहते हैँ प्यार हम जिसको
    बोलो कोई बिसार पाया है

    जो था सपना वो आजकल देखो
    मैने वो बार बार पाया है

    दिल मेँ जबसे "आकाश" रहता वो
    मैँने ग़म भी हजार पाया है

    ग़ज़ल - आकाश महेशपुरी
  3. आकाश महेशपुरी
    सोना ही महँगा नहीँ,
    महँगे आलू प्याज ।
    पर सबसे महँगा हुआ,
    भाईचारा आज ।।
    दोहा - आकाश महेशपुरी
  4. आकाश महेशपुरी
    माँ को गया है भूल
    - - - - -
    कहती थी जिसे फूल वो बन गया है शूल
    बन गया है अधिकारी माँ को गया है भूल

    उदर मे लहू से सीँचा जिसको
    कहती थी जीवन का बागीचा जिसको
    माँ के बिना चैन वो रहता नहीँ था
    अब कितना बदल गया है माँ को माँ नहीँ कहता
    बनाया जिसने काबिल उसे समझता है फिजूल-
    बन गया है अधिकारी माँ को गया है भूल

    सुन्दर है घर उसका कोहिनूँर की तरह
    नाचते है घर वाले मस्त मयूर की तरह
    चमकीले महल मेँ रोज धुलतीँ हैँ कुर्सियाँ
    सुनता नहीँ है कोई बूढ़ी माँ की सिसकियाँ
    माँ के सूखे चेहरे पे जम गयी है धूल-
    बन गपा है अधिकारी माँ को गया है भूल

    माँ के मधुर हृदय मेँ पड़ गये हैँ छाले
    आँखोँ पे छा रहे संकट के बादल काले
    अपने लाडले को आशीष खुशी का देकर
    माँ करती है प्रार्थना ऐ खुदा मुझे उठा ले
    माँ देना जानती है करती नहीँ वसूल-
    बन गया है अधिकारी माँ को गया है भूल ।

    रचना - आकाश महेशपुरी

About Me

  • About आकाश महेशपुरी
    Biography
    जन्म तिथि 15/08/1980
    Location
    कुशीनगर, यू पी
    Interests
    काव्य लेखन

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