बड़े बे - आबरू होकर निकले तेरे कूचे से ,
अब हसरत ही नहीं किसी से मिलने की !
वो तो बच्चे ने जिद की है गेम खेलने की ,
इसलिए हमने कोशिश की है इस फोरम को झेलने की !
रफीक जी बहुत अच्छी कहानी आपने पढ़वाई! अभी अभी मै आपकी ही पोस्ट की हुई कहानी पढ़ रहा था....वह बच्ची की शादी की चिंता मैं बाप उसे मार कर गढ्ढे में दफनाने की सोचता है...वह वाली.
बहुत ही हृदयस्पर्शी कहानी थी, ईस के लिए धन्यवाद!