Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
पत्नी अपने लिए बाज़ार से एक नई ड्रैस लेकर आई तो उस ड्रैस को देखकर पति गुस्से में बोला," यह तुम क्या पारदर्शी ड्रैस उठा लाई हो, इस मे तो आर- पार सब दिखाई देता है।" पत्नी मुस्कुराकर बोली, " आप भी बडे भोले हो, भला जब मैं इस ड्रैस को पहन लूंगी तो आर- पार क्या दिखाई देगा?"
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कम्पनी बाग मे कोने की एक बैंच पर बैठे प्रेमी प्रेमिका प्रेम वार्तालाप मे मग्न थे। एकाएक प्रेमिका ने स्वाल कर दिया," रमन सच-सच बताओ कि क्या तुम शादी के बाद भी मुझे इसी तरह प्यार करते रहोगे?" प्रेमी चहक कर बोला, "बल्कि इस से भी ज्यादा क्योकि शादी शुदा स्त्रियां मुझे पहले से ही बहुत पसंद रही है।"
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सडक पर एक मजमेबाज़: "यह दवा ज़रुर लिजिये। आपकी जवानी लौट आयेगी। मुझे देखिए, इस दवा के कारण ही तीन सौ साल की उमर तक पहुँच गया हूँ।"
क्या यह तीन सौ साल का हो सकता है? मज़मे मे से एक व्यक्ति ने उसके नौजवान सहायक से पूछा। " कह नही सकता। क्योकि मैने सिर्फ सवा सौ साल से ही इसके साथ काम किया है।" सहायक ने जवाब दिया । |
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गाँव के एक सरपंच ने वाटर सप्लाई के अफसर से शिकायत की कि, हमारे गाँव मे कई दिनो से पानी नही आ रहा है, जिसकी वजह से गाँव के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पडता है।"
अफसर -"देखो सरपंच साहब, मै आप की बात बिल्कुल नही मान सकता कि आपके गांव मे पानी नही आ रहा है।" सरपंच- "क्यो नही मान सकते?" अफसर - क्योकि आप के गांव का दूध वाला मुझे हर रोज़ पानी मिला दूध दे कर जाता है। |
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एक पार्टीमें दो बिझीनेसमन की बातें चल रही थी -
पहला - अरे आजकल मै इतना बिझी रहता हूं की बच्चे उठनेके पहलेही घरसे बाहर निकलता हूं और बच्चे सोनेके बादही घर आ पाता हू. एक दिन जल्दी घर आया था तो बच्चेने दरवाजा खोलकर पुछा कौन चाहिए . दुसरा - अरे मै तो इतना बिझी रहता हूं की खानेकोभी वक्त नही मिलता. पहला - खाने को वक्त नही मिलता? फिर कैसा करते हो? दुसरा - अरे कुछ नही सुबह का खाना शामको और शाम का खाना सुबह खा लेता हूं. |
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चोर (बन्दूक तनते हुए)- "ज़िन्दगी चाहते हो तो अपना पर्स मेरे हवाले कर दो।"
व्यक्ति - "यह लो।" चोर- " कितने मुर्ख हो तुम, मेरी बंदुक मे तो गोली ही नही थी। हा..हा...हा।" व्यक्ति - " और मेरे पर्स मे भी कहां रुपये थे। हो..हो..हो..।" |
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एक लडका साइकिल पर बडी तेज़ी से जा रहा था कि एक बूढे से टक्कर हो गयी तथा दोनो गिर पडे। बूढा फोरन उठा और लडके को एक रुपये देते हुए कहा, "लो बेटा! अंधो को भीख देना बडे पुण्य का काम है।"
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क्या बात है पापा! आप हर नए साल बडे-बडे नेताओं को और अधिकारियो को ग्रिटिंग कार्ड भेजते है, जबकि वे लोग आप को जानते तक नही ?" दस साल के बेटे ने पूछा।
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संता रोज भगवान से प्रार्थना करता था- हे भगवान मेरी लॉटरी लगा दे, हे भगवान मेरी लॉटरी लगा दे..
ग्यारह साल बाद भगवान को गुस्सा आ गया वो बोले अबे एक बारी टिकट तो खरीद लें। |
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अरे तू नही समझेगा बिटवा ! मुझे जब इन कार्डो के जवाब मे उन लोगो के धन्यवाद पत्र आते आते है तो मै भी उस समय अपने आप को वी० आई० पी० समझने लगता हूं।" पिता ने मुस्कुराते हुए रहस्यमयी आवाज़ मे बेटे को पते की बात बताई।
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