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Dark Saint Alaick 31-12-2011 11:16 PM

Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
 
कांग्रेस ने की लोकपाल मुद्दे पर भाजपा की आलोचना

नई दिल्ली। कांग्रेस ने लोकपाल विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन को अनिश्तिकाल के लिए स्थगित किए जाने को लेकर राज्यसभा सभापति हामिद अंसारी पर आक्षेप लगाने के लिए भाजपा को जमकर आड़े हाथों लिया। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अंसारी पर आक्षेप को अनुचित बताते हुए खारिज कर दिया और विपक्षी दल पर आरोप लगाया कि संवैधानिक संस्थाओं पर लगातार हमले करने का उसका इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की हर जगह सनसनी और षडयंत्र तलाशने की आदत रही है। अब वे जिम्मेदारी दूसरों पर डालना चाहते हैं, क्योंकि विधेयक को पारित कराने में उनकी कभी दिलचस्पी नहीं थी। उन्होंने कहा कि जब कभी भी निर्णय भाजपा के खिलाफ गया है उसने चुनाव आयोग, सीबीआई और अन्य संस्थाओं पर हमला बोला है।

Dark Saint Alaick 31-12-2011 11:18 PM

Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
 
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चित्रा मुद्गल प्रतिष्ठित पुश्किन पुरस्कार के लिए चयनित

http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1325359098

नई दिल्ली। हिन्दी की जानी-मानी लेखिका चित्रा मुद्गल को रूस के 2009 के प्रतिष्ठित सम्मान पुश्किन पुरस्कार के लिए चुना गया है। भारत और रूस मैत्री संगठन भारत मित्र समाज ने शनिवार को यह जानकारी दी। संगठन के अनुसार रूस कवि अलेक्सांद्र जिएनकिविक की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय चयन समिति ने मुद्गल को इस पुरस्कार के लिए चुना। पहली बार किसी महिला को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। मुद्गल को आगामी कुछ दिनों में आयोजित होने वाले एक समारोह में इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। हिन्दी साहित्यकार को यह पुरस्कार प्रतिवर्ष दिया जाता है। पुश्किन पुरस्कार पाने वाले साहित्यकारों में उदय प्रकाश, लीलाधर मंडलोई, आलोक श्रीवास्तव, हरि भटनागर और महेश दर्पण शामिल हैं। दस दिसम्बर 1943 को चेन्नई में जन्मी मुद्गल ने 41 पुस्तकें लिखी हैं। इनकी रचनाओं को विभिन्न भारतीय भाषाओं के अलावा चेक, इतालवी और स्पैनिश सहित अनेक भाषाओं में भी अनूदित किया गया है। मुद्गल का कहना है कि यह एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि हिन्दी की कृतियों को मिल रही पहचान है। उन्होंने कहा कि नववर्ष की संध्या पर यह समाचार पाकर वह बहुत खुश हैं। यह हिन्दी के सभी पाठकों और लेखकों के लिए अच्छी खबर है।

Dark Saint Alaick 31-12-2011 11:21 PM

Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
 
मंत्री ने खोला लोकायुक्त के खिलाफ मोर्चा

हाथरस/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय ने राज्य के लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन. के. मेहरोत्रा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि अगर वह चाहते तो लोकायुक्त को पद से हटवा देते। लोकायुक्त ने इसे व्यक्तिगत नहीं, बल्कि बसपा का हमला करार देते हुए कहा है कि चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए। उपाध्याय ने कल रात हाथरस में एक जनसभा में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय मंत्री किरीट सोमैया की शिकायत पर लोकायुक्त ने मेरे खिलाफ जांच की, लेकिन उसमें कुछ नहीं मिला। अगर लोकायुक्त से मेरे व्यक्तिगत सम्बन्ध नहीं होते, तो मैं उच्चतम न्यायालय जाकर उन्हें हटवा देता। उन्होंने कहा कि वह लोकायुक्त उच्च न्यायालय का जज रहा है। मैंने कहा कि मैं उससे मिलना चाहता हूं, तो उसने कहा कि आपको अपने कार्यालय बुलाने की मेरी औकात नहीं है, इसलिए आप मेरे घर आइए। मैंने कहा कि मैं आऊंगा ही नहीं। अगर तुम मुझे मुल्जिम समझते हो, तो भी नहीं आऊंगा। उपाध्याय ने कहा कि मैंने उसको दो घंटे तक समझाया और बताया भी कि तुम क्या हो और हम क्या हैं। तुम क्या कर सकते हो और हम क्या कर सकते हैं। मैं कानून का छात्र रहा हूं और तुमसे ज्यादा पढ़ा हूं।
गौरतलब है कि लोकायुक्त की सिफारिश पर प्रदेश सरकार के पांच मंत्री बर्खास्त किए जा चुके हैं। लोकायुक्त ने भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री सोमैया की शिकायत पर उपाध्याय के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में जांच शुरू की है। इस वक्त उनके विरुद्ध दो मामलों में तफ्तीश की जा रही है। उधर, लोकायुक्त ने उपाध्याय के बयान के जवाब में कहा है कि यह टिप्पणी विधानसभा चुनाव में फायदा लेने के लिए की गई है और चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून में ऐसा प्रावधान है, जिसके तहत वह इस प्रकरण की शिकायत सक्षम मजिस्ट्रेट से कर सकते हैं, लेकिन चूंकि उपाध्याय इससे लाभान्वित होना चाहते होंगे, इसलिए कार्रवाई का अभी कोई विचार नहीं है। लोकायुक्त ने कहा कि उपाध्याय का यह बयान व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पार्टी की कार्रवाई है और जनता चुनाव में उपाध्याय को सबक सिखाएगी।

Dark Saint Alaick 31-12-2011 11:22 PM

Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
 
मंत्री की टिप्पणी से विपक्ष हुआ लाल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दलों ने राज्य के ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय द्वारा लोकायुक्त के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हुए इसे दुस्साहस और निर्लज्जता की पराकाष्ठा करार दिया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने टिप्पणी को संकीर्ण मानसिकता का नतीजा बताते हुए कहा कि मायावती सरकार के मंत्रियों से इससे ज्यादा की उम्मीद की भी नहीं जा सकती। रीता ने कहा कि सरकार ने अपने काले कारनामों को ढंकने की कोशिश की। मुझे खुशी है कि लोकायुक्त एन. के. मेहरोत्रा ने सच्चाई को सामने रखा। उन्होंने कहा कि बसपा सरकार की सोच बहुत छोटी है और उसके मंत्रियों से इससे ज्यादा की उम्मीद करना बेमानी है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने आज यहां कहा कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी मायावती सरकार के मंत्री अब लोकायुक्त जैसे गरिमामय अधिकारी को भी अपमानित कर रहे हैं। यह दुस्साहस और निर्लज्जता की पराकाष्ठा तथा उनकी बौखलाहट का नतीजा है। उन्होंने कहा कि मायावती सरकार के ज्यादातर मंत्री भ्रष्टाचार में डूबे हैं और उपाध्याय भी उसी जमात में शामिल हैं। चूंकि लोकायुक्त उनके खिलाफ जांच कर रहे हैं, इसलिए मंत्री ने उन्हें निशाना बनाया, लेकिन जनता ऐसे लोगों को चुनाव में सबक सिखाएगी।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्यपाल बी. एल. जोशी से ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय से इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगने का आग्रह किया है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव किरीट सोमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी राज्यपाल, मुख्य सचिव तथा कैबिनेट सचिव को पत्र लिखकर मंत्री से स्पष्टीकरण मांगने के गुजारिश करेगी। भाजपा प्रवक्ता रामनाथ कोविद ने कहा कि मुख्यमंत्री मायावती या मंत्री उपाध्याय को स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर मंत्री और लोकायुक्त के बीच क्या सम्बन्ध हैं, जिनके बारे में उपाध्याय ने जिक्र किया था।
आयोग को रिपोर्ट का इंतजार
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने आज कहा कि राज्य के ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय द्वारा हाथरस में लोकायुक्त के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के मामले में आयोग जिलाधिकारी की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। सिन्हा ने यहां कहा कि जिलाधिकारी ने कल हुए इस प्रकरण के बारे में हमें सूचित किया है और वह मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को तथ्यात्मक रिपोर्ट भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद हम यह देखेंगे कि मंत्री का बयान आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में आता है या नहीं। सिन्हा ने कहा कि हम रिपोर्ट पर गौर करेंगे और तदनुसार कार्रवाई करेंगे।

Dark Saint Alaick 31-12-2011 11:25 PM

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चांद के गर्भ के रहस्यों से पर्दा हटाने वाला रोबोट आज पहुंचेगा

केप कैनेवेरल। चांद की गर्भ में छिपे गूढ़ रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए सितंबर में प्रक्षेपित अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के दो रोबोट रविवार को इस प्राकृतिक उपग्रह पर पहुंच जाएंगे। नासा के 303 किलोग्राम वजनी ग्रैविटी रिकवरी और इंटीरियर लैबोरटरी ग्रेल नाम के इन दोनों रोबोट को एक साथ सितंबर में प्रक्षेपित किया गया था। ग्रेल एक मुख्य यान से अलग होकर चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचेगा। यह प्रक्रिया 40 मिनट में पूरी होगी। इसके करीब 25 घंटे बाद ग्रेल बी भी इसी प्रक्रिया से गुजरेगा। दोनों रोबोट चंद्रमा के गुरूत्वाकर्षण की मैंपिंग का मिशन मार्च से शुरूकरेंगे। ग्रेल एक के चांद की सतह से 34 मील दूर पहुंचने के बाद ग्रेल दो के बीच की दूरी को धीरे-धीरे मापकर चांद के गुरूत्वाकर्षण की सटीक मैंपिंग की जा सकेगी। इससे प्राप्त आंकड़ों से चांद के सतह के भीतर की बनावट का पता चलेगा। चांद के लिए 100 से भी ज्यादा मिशन भेजे जा चुके हैं, लेकिन इसके भीतर की बनावट का अभी तक पता नहीं चल सका है।

Dark Saint Alaick 01-01-2012 12:50 AM

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बसपा के मंत्री हटाओ अभियान पर कांग्रेस की चुटकी

कानपुर। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती द्वारा अपने मंत्रियों को भ्रष्टाचार के नाम पर मंत्रिमंडल से निकाले जाने के अभियान पर चुटकी लेते हुए कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने आज कहा कि पांच साल तक तो इन मंत्रियों से लगातार कमीशन लिया जाता रहा है और अब जब चुनाव नजदीक आ गया है तो ‘सत्तर चूहे खाकर बिल्ली हज को चली है’। उन्होंने दावा कि इस बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी। जायसवाल ने आज पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार जनता के पैसे को अपनी जागीर समझती है, भारत सरकार से प्रदेश की विकास योजनाओं के लिए जो पैसा आता है, वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है और जनता को उन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। इस बात को अब प्रदेश की जनता भलीभांति जानती है। उनसे जब कहा गया कि प्रदेश की मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के आरोपों में लिप्त मंत्रियों को मंत्रिमंडल से निकाल रही हैं और अब तक करीब दो दर्जन मंत्रियों को निकाल चुकी हैं, तो इस पर उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि पहले तो मंत्रियों और अधिकारियों से पांच साल तक लगातार कमीशन वसूला जाता रहा और अब उन्हें भ्रष्टाचार का नाम लेकर हटाया जा रहा है।
जायसवाल से जब पूछा गया कि बसपा नेता सतीशचन्द्र मिश्रा और मुख्यमंत्री के भाई के भी भ्रष्टाचार के मामले में शामिल होने की बात आई है, तो उन्होंने कहा कि इन सभी मामलो की जांच होनी चाहिए। अगर जांच हो जाए, तो बहुत से लोगों की कलई खुल कर सामने आ जाएगी। उन्होंने दावा किया कि जब से उत्तर प्रदेश की कमान कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने संभाली है, तब से प्रदेश में कांग्रेस की हवा बदलने लगी है और अभी आप लोगों को भले ही ताज्जुब की बात लगे, लेकिन एक माह बाद बदलाव समझ में आएगा। उन्होंने कहा कि जनता बसपा और सपा की असलियत जान चुकी है और अब कांग्रेस की बारी है। प्रियंका गांधी के प्रदेश के चुनाव अभियान में उतरने की बाबत पूछे गए सवाल के बारे में उन्होंने कहा कि वह हमारी पार्टी की नेता हैं और अगर जरूरत पड़ी, तो उन्हें चुनाव प्रचार अभियान में उतारा जा सकता है।

Dark Saint Alaick 01-01-2012 01:01 AM

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लोकपाल विधेयक पारित नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण: मनमोहन

http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1325365286

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में मध्यरात्रि की अभूतपूर्व घटना पर सीधी टिप्पणी नहीं करते हुए शनिवार को कहा कि लोकायुक्त विधेयक का पारित नहीं हो पाना दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन उनकी सरकार सशक्त लोकपाल संस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। डा. सिंह ने नववर्ष की पूर्व संध्या पर देशवासियों को नए साल की शुभकामनाएं देते हुए अपने विस्तृत संदेश में कहा कि देश में एक नए तरह का भ्रष्टाचार पैदा हुआ है जिसे लेकर देशवासियों में बहुत चिंता है। उन्होंने लोकपाल विधेयक के लोकसभा में पारित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की लेकिन राज्यसभा में विधेयक के आगे नहीं बढ़ पाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
राज्यसभा में नाटकीय घटनाक्रम में लोकपाल विधेयक पारित नहीं हो पाने पर प्रधानमंत्री की यह पहली सार्वजनिक टिप्पणी है। संसद के कामकाज पर विभिन्न वर्गों की आलोचनाओं के मद्देनजर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में खामियां हैं लेकिन देश की जनता इनसे वाकिफ है तथा उसमें इन खामियों को दूर करने की क्षमता है। आर्थिक सुधारों की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि इनसे इंस्पेक्टर, लाइसेंस राज का भ्रष्टाचार खत्म हुआ लेकिन एक नए तरीके का भ्रष्टाचार पनपा है जिसे दूर करने के लिए बहुआयामी रणनीति अपनाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार उन्मूलन देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए भी जरुरी है।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के साथ-साथ विभिन्न घोटालों के संदर्भ में आलोचना का सामना कर रहे डा. सिंह ने कहा कि वह बीते हुए साल के घटनाक्रम में नहीं जाना चाहते बल्कि भविष्य पर ध्यान केन्द्रित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मिलजुल कर देश चुनौतियों का सामना कर सकता है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र उलझनों से भरी एक प्रणाली है लेकिन इसके जरिए ही राष्टÑीय एकता और राष्टÑीय सुरक्षा को सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारतवासियों ने एक बहुलवादी धर्मनिरपेक्ष और सर्वसमावेशी लोकतंत्र में अपना भरोसा बनाए रखा है। भ्रष्टाचार उन्मूलन और सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकपाल विधेयक, न्यायिक जबादेही विधेयक और सिटीजन चार्टर जैसे उपाय इसी उद्देश्य से किए गए हैं। हालांकि यह समस्या का आंशिक समाधान ही है। हमें सरकार की पूरी प्रणाली में सुधार की ओर भी ध्यान देना होगा। भ्रष्टाचार उन्मूलन को एक लम्बी लड़ाई बताते हुए डा. सिंह ने देशवासियों से धैर्य बनाएं रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा जो उपाय किए जा रहे हैं वे बड़ा बदलाव लाएंगे लेकिन इनके नतीजे आने में समय लगेगा। प्रधानमंत्री ने देश के सामने पांच जीवकोपार्जन, सुरक्षा,आर्थिक सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण सुरक्षा और राष्टÑीय सुरक्षा जैसी चुनौतियों को गिनाया। विश्व आर्थिक मंदी से निबटने के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इनसे वित्तीय घाटा बढ़ा है और आज देश में वित्तीय अनुशासन कायम करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित करने के साथ ही वित्तीय स्थिरता पर ध्यान देना होगा। आर्थिक वृद्धि का उद्देश्य देश में रोजगार सृजन होना चाहिए। सरकार के हाल के कुछ आर्थिक फैसलों पर विरोध का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें कूपमंडूक रहने की प्रवृत्ति से उबरना होगा। बदलाव से डरने की जरुरत नहीं है आर्थिक सुधारों का अनुभव बताता है कि इनके अच्छे नतीजे रहे है।

Dark Saint Alaick 01-01-2012 01:05 AM

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लालू ने निभाई खलनायक की भूमिका : रविशंकर

http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1325365458

पटना। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि राज्यसभा में लोकपाल विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस की लिखी पटकथा में राजद सुप्रीमो लालूप्रसाद ने खलनायक की भूमिका निभाई, जिससे विधेयक पारित नहीं हो सका। प्रसाद ने यहां भाजपा के प्रदेश कार्यालय में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा रात 12 बजे के बाद भी उच्च सदन में चर्चा कराने को तैयार थी, लेकिन केंद्र ने सोची समझी रणनीति के तहत ऐसा माहौल बनाया कि बहस को समाप्त कर दिया गया। इसके तहत एक बहुत कम बोलने वाले सदस्य राजनीति प्रसाद को पटकथा में भूमिका निभाने को कहा गया और स्वयं लालूप्रसाद इसकी निगरानी राज्यसभा की दीर्घा में बैठक कर करते रहे। भाजपा नेता ने कहा कि राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने जिस प्रकार कार्यवाही का संचालन किया, उस पर भी पार्टी को आपत्ति है।

Dark Saint Alaick 01-01-2012 01:08 AM

Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
 
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लोकपाल विधेयक पर बोले गृहमंत्री चिदंबरम
एक-दो संशोधन स्वीकार कर सकती है सरकार

http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1325365699

मुंबई। गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने आज कहा कि बजट सत्र में कानून पारित करवाने के मद्दे-नजर सहयोगियों का समर्थन हासिल करने के लिए सरकार एक या दो संशोधनों को स्वीकार कर सकती है। गत 29 दिसंबर को राज्यसभा में लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक 2011 पर मतदान से पहले ही सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने के फैसले का बचाव करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि विधेयक को जीवित रखने का सरकार के पास यह ‘एकमात्र दूरदर्शी रास्ता’ था। भाजपा पर हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि उसने कुछ अन्य पार्टियों के साथ मिलकर 187 संशोधनों पर जोर देकर ‘चतुराईपूर्ण’ तरीका अपनाया। राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस द्वारा लोकपाल विधेयक का विरोध करने पर सरकार के हैरत में पड़ने की बात स्वीकार करते हुए चिदंबरम ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमें (तृणमूल कांग्रेस ने) हैरत में डाल दिया। हमें लगा मसौदे को फिर से तैयार करके हमने उन्हें मना लिया है। उन्होंने कहा कि हम तृणमूल कांग्रेस को मनाने में नाकामयाब रहे। हमें विश्वास है कि अभी और बजट सत्र के बीच हम प्रावधानों को संशोधित और मसौदे को फिर से तैयार करेंगे और तृणमूल को अपने साथ कर लेंगे। उन्होंने कहा कि हो सकता है यह काम तृणमूल कांग्रेस की इच्छा के अनुसार हो। गृहमंत्री ने कहा कि जहां तक विधेयक को राज्यसभा में पारित करने की बात है, हम एक या दो संशोधनों को स्वीकार कर सकते हैं। एक या दो संशोधनों के साथ यह उसी तरह का विधेयक होगा। हम 187 संशोधनों को स्वीकार नहीं कर सकते, इससे यह एकदम अलग हो जाएगा और इसे आसानी से पहचाना नहीं जा सकेगा। उच्च सदन में हुए घटनाक्रम पर संप्रग सरकार की आलोचना के बीच चिदंबरम ने कहा कि सरकार के पास एकमात्र दूरदर्शी रास्ता बहस को जारी रखना था, इसलिए इसे बजट सत्र के लिए रखा गया।
विधेयक पर भावी रणनीति का संकेत देते हुए उन्होंने कहा कि हमें सुधारना और पुनर्भाषित करना है। चिदंबरम ने भाजपा पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि उसने कुछ अन्य पार्टियों के साथ मिलकर 187 संशोधनों को पेशकर विधेयक को विफल करने का ‘चतुराईपूर्ण’ तरीका निकाला था। इसने इतनी कम अवधि में विश्लेषण, वर्गीकरण और उन्हें शुद्ध करना असंभव बना दिया।
उन्होंने कहा कि यह कहना संदेहपूर्ण दलील है कि भाजपा ने लोकपाल विधेयक का समर्थन किया। भाजपा ने विधेयक का समर्थन नहीं किया। चिदंबरम ने कहा कि चूंकि उनके पास कुछ वोट थे, इसलिए उन्होंने (लोकसभा में) संविधान संशोधन विधेयक को विफल किया। अगर उनके पास और संख्या बल होता या और समर्थन जुटा सकते तो वे लोकपाल विधेयक को भी गिरा देते। अपनी बात के समर्थन में चिदंबरम ने कहा कि विधेयक को राज्यसभा में 28 दिसंबर को पेश किया गया था और सरकार ने तत्काल चर्चा शुरू करने की पेशकश की। उन्होंने कहा नहीं। हम लोकपाल विधेयक और भंडाफोड़ विधेयक पर एक साथ चर्चा शुरू नहीं कर सकते और उन्होंने अलग से चर्चा कराने को कहा। हमने कहा कि ठीक है, कम से कम विधेयकों में से एक पर चर्चा शुरू करते हैं। हमारे पास दो से तीन घंटे हैं। उन्होंने कहा नहीं। विधेयक पर कल ही चर्चा हो सकती है। विपक्ष ने राज्यसभा में 187 संशोधन पेश किए थे। उन्होंने कहा कि मैंने इतने संशोधन के बारे में कभी नहीं सुना था।
निचले स्तर पर रही हिंसा
चिदम्बरम ने आज कहा कि इस साल राज्यों में आतंक और नक्सी हिंसा ऐतिहासिक रूप से सबसे निचले स्तर पर रही। प्रभावित राज्यों खासकर जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों और वाम चरमपंथ प्रभावित राज्यों में हिंसा का स्तर साल 2011 में ऐतिहासिक स्तर पर नीचे रही। जम्मू-कश्मीर में इस साल में 31 नागरिक एवं 33 सुरक्षाकमियों ने अपनी जान गंवाई, जबकि पिछले साल 47 नागरिकों एवं 69 सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई थी। इस तथ्य से भी हिंसा पर नियंत्रण का संकेत मिलता है कि जम्मू-कश्मीर में 23 साल के अंतराल के बाद पंचायत चुनाव हुए। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में 69 नागरिकों एवं 32 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई, जबकि पिछले साल 94 नागरिक और 20 सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई थी।

Dark Saint Alaick 01-01-2012 01:12 AM

Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
 
टीम अन्ना भाजपा का बजरंग दल जैसा संगठन : जायसवाल

कानपुर। टीम अन्ना को बजरंग दल या दुर्गावाहिनी जैसा भारतीय जनता पार्टी का एक सहयोगी संगठन बताते हुए कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने आज कहा कि टीम अन्ना कांग्रेस की दुश्मन है और उसका एकमात्र मकसद केन्द्र में कांग्रेस को सत्ता से हटा कर भाजपा को बिठाना है, लेकिन उसके यह मंसूबे पूरे नहीं हो पाएंगे, क्योंकि जनता टीम अन्ना की असलियत जान चुकी है। कानपुर के सांसद जायसवाल ने आज एक पत्रकार वार्ता में टीम अन्ना पर जमकर प्रहार किए। उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे एक भोलेभाले और सीधे इंसान हैं और वह वाकई देश से भ्रष्टाचार हटाना चाहते हैं, लेकिन उनकी टीम के कुछ सदस्य भाजपा से पूरी तरह से हाथ मिला चुके हैं। उन्होंने कहा कि टीम अन्ना में एक वकील पिता-पुत्र हैं, जो जन्मजात कांग्रेस के दुश्मन हैं, एक महिला है, जो दिल्ली की पुलिस कमिश्नर न बन पाने का गुस्सा उतार रही है और एक युवा नेता हैं, जो पूर्व में एक अधिकारी थे। उनके बारे में ऐसी जानकारी है कि वह कुछ समय पहले तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखा बैठकों में हॉाफ पैंट पहन कर जाते थे। जायसवाल ने कहा कि ऐसे लोगों से देश में एक सशक्त लोकपाल की उम्मीद कैसे की जा सकती हैं। टीम अन्ना की मंशा किसी भी तरह कांग्रेस को बदनाम कर भाजपा को केन्द्र की सत्ता में बैठाने की है। उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे की मंशा तो देश से भ्रष्टाचार को हटाने की है और वह एक मजबूत लोकपाल लाना भी चाहते हैं। कांग्रेस ने उनकी मांग का समर्थन करते हुए देश को एक सशक्त लोकपाल देने की कोशिश की, लेकिन टीम अन्ना और भाजपा की मंशा कभी भी देश से भ्रष्टाचार हटाने और सशक्त लोकपाल लाने की रही ही नहीं।
जायसवाल ने कहा कि अगर टीम अन्ना लोकपाल बिल वास्तव में लाना चाहती तो उसे अपने सहयोगी भारतीय जनता पार्टी पर दबाव बनाना चाहिए था कि वह कांग्रेस के लोकपाल को राज्यसभा में पास होने दे और जो संशोधन और कमियां थी उन्हें बाद में देख लिया जाता, लेकिन न तो टीम अन्ना और न ही भाजपा की मंशा लोकपाल लाने की थी, इसलिए उसे राज्यसभा में पास नहीं होने दिया। यह बात सच है कि हमारे पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, इसलिए हम इसे पास नहीं करा पाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लोकपाल को संवैधानिक दर्जा न दिए जाने और राज्यसभा में पास न होने देने के लिए भाजपा को पूूरी तरह जिम्मेदार ठहराती है, जबकि भाजपा की मांग पर ही लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री और ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों को शामिल किया गया था। लोकपाल बिल राज्यसभा में पास न होने से कांग्रेस पार्टी निराश नहीं है और वह संसद के बजट सत्र में इसे पास कराने की पूूरी कोशिश करेगी। इसके लिए सभी राजनीतिक दलों से बातचीत की जाएगी। टीम अन्ना के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ प्रचार किए जाने के सवाल पर जायसवाल ने कहा कि जब हम पिछले कई सालों से बजरंग दल, दुर्गावाहिनी जैसे संगठनों का विरोध झेल रहे हैं और पार्टी की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा, उसी तरह हम उनके एक और सहयोगी टीम अन्ना का विरोध भी झेल लेंगे। उन्होंने कहा कि अगर लोकपाल बिल पास हो जाता, तो वर्ष 2011 में एक इतिहास बन जाता, लेकिन भाजपा और उसके सहयोगी दलों के कारण ऐसा न हो सका।


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