My Hindi Forum

My Hindi Forum (http://myhindiforum.com/index.php)
-   Mehfil (http://myhindiforum.com/forumdisplay.php?f=17)
-   -   अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें........... (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=9601)

aspundir 12-10-2013 02:41 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 389142)
गुल फेंके है औरों की तरफ बल्कि समर भी
ऐ खाना बर अन्दाज़े चमन कुछ तो इधर भी

किशोर: भीगी भीगी रातों में, मीठी मीठी बातों में ऐसी बरसातो में, कैसा लगता है? लता: (ऐसा लगता है तुम बनके बादल, मेरे बदन को भिगोके मुझे, छेड़ रहे हो ओ छेड़ रहे हो ) \- २ लता: (अम्बर खेले होली उई माँ भीगी मोरी चोली, हमजोली, हमजोली ) \- २ ओ, पानी के इस रेले में सावन के इस मेले में छत पे अकेले में कैसा लगता है किशोर: ऐसा लगता है तू बनके घटा अपने सजन को भिगोके खेल खेल रही हो ओ खेल रही हो लता: ऐसा लगता है तुम बनके बादल मेरे बदन को भिगोके मुझे छेड़ रहे हो हो. छेड़ रहे हो किशोर: (बरखा से बचा लूँ तुझे सीने से लगा लूँ आ छुपा लूं आ छूपा लूँ ) \- २ दिल ने पुकारा देखो रुत का इशारा देखो उफ़ ये नज़ारा देखो कैसा लगता है, बोलो? लता: ऐसा लगता है कुछ हो जायेगा मस्त पवन के ये झोकें सैंया देख रहे हो ओ देख रहे हो ऐसा लगता है तुम बनके बादल मेरे बदन को भिगोके मुझे छेड़ रहे हो हो छेड़ रहे हो


Dr.Shree Vijay 12-10-2013 08:51 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by aspundir (Post 390018)
किशोर: भीगी भीगी रातों में, मीठी मीठी बातों में ऐसी बरसातो में, कैसा लगता है? लता: (ऐसा लगता है तुम बनके बादल, मेरे बदन को भिगोके मुझे, छेड़ रहे हो ओ छेड़ रहे हो ) \- २ लता: (अम्बर खेले होली उई माँ भीगी मोरी चोली, हमजोली, हमजोली ) \- २ ओ, पानी के इस रेले में सावन के इस मेले में छत पे अकेले में कैसा लगता है किशोर: ऐसा लगता है तू बनके घटा अपने सजन को भिगोके खेल खेल रही हो ओ खेल रही हो लता: ऐसा लगता है तुम बनके बादल मेरे बदन को भिगोके मुझे छेड़ रहे हो हो. छेड़ रहे हो किशोर: (बरखा से बचा लूँ तुझे सीने से लगा लूँ आ छुपा लूं आ छूपा लूँ ) \- २ दिल ने पुकारा देखो रुत का इशारा देखो उफ़ ये नज़ारा देखो कैसा लगता है, बोलो? लता: ऐसा लगता है कुछ हो जायेगा मस्त पवन के ये झोकें सैंया देख रहे हो ओ देख रहे हो ऐसा लगता है तुम बनके बादल मेरे बदन को भिगोके मुझे छेड़ रहे हो हो छेड़ रहे हो




होंठों में ऐसी बात मैं दबाके चली आई,
खुल जाये वो ही बात तो दुहाई है दुहाई.................


aspundir 12-10-2013 10:04 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by Dr.Shree Vijay (Post 390436)


होंठों में ऐसी बात मैं दबाके चली आई,
खुल जाये वो ही बात तो दुहाई है दुहाई.................


इस तरह आशिकी का असर छोड जाउंगा.. तेरे चेहरे पे अपनी नज़र छोड जाउंगा..
मैं दीवाना बन गया हूं, कैसी ये मोहब्बत है.. ज़िन्दगी से बढके मुझको अब तेरी जरूरत है..
हर सांस मै अपनी तुझपे लुटाउंगा.. दिल के लहू से तेरी मांग सजाउंगा..
तेरे चेहरे पे अपनी नज़र छोड जाउंगा.. इस तरह आशिकी का असर छोड जाउंगा..
इस तरह आशिकी का असर छोड जाउंगा.. तेरे चेहरे पे अपनी नज़र छोड जाउंगा..
प्यार क्या है.. दर्द क्या है.. दीवाने समझते हैं..
इश्क मे जलने का मतलब आशिक ही समझते हैं..
मै तडपता रहूं, तुझसे कुछ ना कहूं.. बिन कहे भी मगर, मैं तो रह ना सकूं..
इस बेखुदी मे आखिर कहां चैन पाउंगा.. मरके भी मैं तुझसे जुदा हो ना पाउंगा..
तेरे चेहरे पे अपनी नज़र छोड जाउंगा.. इस तरह आशिकी का असर छोड जाउंगा..
इस तरह आशिकी का असर छोड जाउंगा.. तेरे चेहरे पे अपनी नज़र छोड जाउंगा..



internetpremi 13-10-2013 09:24 AM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
गाता रहे मेरा दिल
तू ही मेरी मंज़िल
कहीं बीते ना ये रातें
कहीं बीते ना यह दिल

rajnish manga 13-10-2013 10:31 AM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by internetpremi (Post 390869)

गाता रहे मेरा दिल
तू ही मेरी मंज़िल
कहीं बीते ना ये रातें
कहीं बीते ना यह दिल


लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
ज़िन्दगी शम'अ की सूरत हो खुदाया मेरी

Bansi Dhameja 13-10-2013 02:35 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
रिश्तों में दरार पड़ जाए तो दीवारें खड़ी हो जाती हैं
दरार पड़ती है जब दीवारों में तो दीवारें गिर जाती है

rajnish manga 13-10-2013 09:40 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by bansi dhameja (Post 390902)
रिश्तों में दरार पड़ जाए तो दीवारें खड़ी हो जाती हैं
दरार पड़ती है जब दीवारों में तो दीवारें गिर जाती है

हम जिस में मर रहे हैं वो है बात ही कुछ और
आलम में तुझसे लाख सही, तू मगर नहीं

aspundir 13-10-2013 10:07 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 391156)
हम जिस में मर रहे हैं वो है बात ही कुछ और
आलम में तुझसे लाख सही, तू मगर नहीं

हमदम मेरे मान भी जाओ, कहना मेरे प्यार का
हलका हलका, सुर्ख लबों पे, रंग तो हैं इकरार का

प्यार मोहब्बत की हवा पहले चलती हैं
फिर एक लट इनकार की रुख़ पे ढलती हैं
ये सच हैं कम से कम तो ऐ मेरे सनम
लटें चेहरे से सराकाओ, तमन्ना आँखे मलती हैं

तुम से मिल मिल के सबा, दुनियाँ महकाये
बादल ने चोरी किये आँचल के साये
ये सच हैं कम से कम तो ऐ मेरे सनम
चुरा लू मैं भी दो जलवे, मेरा अरमां भी रह जाये

internetpremi 14-10-2013 02:31 AM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
ये क्या हुआ?
कैसे हुआ?
कब हुआ?
क्यों हुआ?
ओ छोडो, यह न सोचो

Dr.Shree Vijay 15-10-2013 06:29 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by internetpremi (Post 391247)
ये क्या हुआ?
कैसे हुआ?
कब हुआ?
क्यों हुआ?
ओ छोडो, यह न सोचो




चप्पा चप्पा चरखा चले ,
औनी -पौनी यारियाँ तेरी,
बौनी -बौनी बेरिओं तले
चप्पा चप्पा चरखा चले................




All times are GMT +5. The time now is 03:45 AM.

Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.