समय सुचक उपकरणोँ का प्रयोग उल्लेखनीय हैँ
फिरोज तुगलक के फिरोजा बाद मेँ नक्षत्र घडियां एक धुप घडी और एक जल घडी भी लगवाई थी जिसके अनुसार ठीक समय की सुचना दी जाती थी |
नार्वे और डेनमार्क की मुद्रा को क्रोन कहते हैँ ।
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सातवीँ शताब्दी से दसवीँ शताब्दी तक का युग तो भारत तथा अरब जगत के मध्य व्यापारिक संबंधो का स्वर्णकाल कहा गया हैँ
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मुहम्मद बिन कासीम के आक्रमण से भारत के लोँगोँ का अरबोँ से प्रत्यक्ष संपर्क हुआ
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शहनोँ व गुमाश्तोँ का मुख्य कार्य मार्गो की देखभाल करना व सरायोँ को सदैव आबाद बनाए रखना था
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फिरोज तुगलक ने दलाल-ए बाजारहा अर्थात
क्रय-विक्रय पर लगने वाला कर तथा चुंगी ए गल्ला अर्थात अनाजोँ पर लगने वाला कर को समाप्त कर दिया |
गुजरात के शासक सुल्तान अहमद शाह ने 1412 ई. मेँ अहमदाबाद नगर की स्थापना की
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नौका निर्माण का उधोग इस काल मेँ काफी जोँरोँ पर था
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मुल्तान नगर मेँ विदेशी व्यापारी प्रायः आकर रुकते थे
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लाहौर गजनवी शासकोँ की राजधानी रहा था
व्यापारिक दृष्टि से यह नगर गजनी के रास्ते मध्य एशिया से जुडा हुआ था पुनः रावी के तट पर स्थित होने के कारण यह जल मार्ग से मुल्तान थट्टा भक्खर आदि से जुडा हुआ था |
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