Re: केसे मनाएं महाशिव रात्रि :.........
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कब और केसे मनाएं महाशिव रात्रि का व्रत एवं पर्व – त्यौहार :......... इन विशेष कारणों से पूजनीय हें महाशिव रात्रि —– पंडित “विशाल” दयानंद शास्त्री जी के अनुसार चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिव हैं। अत: ज्योतिष शास्त्रों में इसे परम शुभफलदायी कहा गया है। वैसे तो शिवरात्रि हर महीने में आती है। परंतु फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को ही महाशिवरात्रि कहा गया है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार सूर्य देव भी इस समय तक उत्तरायण में आ चुके होते हैं तथा ऋतु परिवर्तन का यह समय अत्यन्त शुभ कहा गया हैं। शिव का अर्थ है कल्याण। शिव सबका कल्याण करने वाले हैं। अत: महाशिवरात्रि पर सरल उपाय करने से ही इच्छित सुख की प्राप्ति होती है। ज्योतिषीय गणित के अनुसार चतुर्दशी तिथि को चंद्रमा अपनी क्षीणस्थ अवस्था में पहुंच जाते हैं। जिस कारण बलहीन चंद्रमा सृष्टि को ऊर्जा देने में असमर्थ हो जाते हैं। चंद्रमा का सीधा संबंध मन से कहा गया है। मन कमजोर होने पर भौतिक संताप प्राणी को घेर लेते हैं तथा विषाद की स्थिति उत्पन्न होती है। इससे कष्टों का सामना करना पड़ता है। चंद्रमा शिव के मस्तक पर सुशोभित है। अत: चंद्रदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए भगवान शिव का आश्रय लिया जाता है। महाशिवरात्रि शिव की प्रिय तिथि है। अत: प्राय: ज्योतिषी शिवरात्रि को शिव आराधना कर कष्टों से मुक्ति पाने का सुझाव देते हैं। शिव आदि-अनादि है। सृष्टि के विनाश व पुन:स्थापन के बीच की कड़ी है। प्रलय यानी कष्ट, पुन:स्थापन यानी सुख। अत: ज्योतिष में शिव को सुखों का आधार मान कर महाशिवरात्रि पर अनेक प्रकार के अनुष्ठान करने की महत्ता कही गई है। :......... पंडित “विशाल” दयानंद शास्त्री जी :http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1392964835 साभार :......... |
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कब और केसे मनाएं महाशिव रात्रि का व्रत एवं पर्व – त्यौहार :......... इस महाशिव रात्रि पर निम्न उपाय/अनुष्ठान से पाएं लाभ—- पंडित “विशाल” दयानंद शास्त्री जी के अनुसार ज्योतिषीय दृष्टि से चतुदर्शी (1+4) अपने आप में बड़ी ही महत्वपूर्ण तिथि है। इस तिथि के देवता भगवान शिव हैं। जिसका योग 5 हुआ अर्थात्* पूर्णा तिथि बनती है, साथ ही कालपुरुष की कुण्डली में पांचवां भाव भक्ति का माना गया है। —यह करें उपाय कारोबार वृद्धि के लिए— महाशिवरात्रि के सिद्ध मुहर्त में पारद शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठित करवाकर स्थापित करने से व्यवसाय में वृद्धि व नौकरी में तरक्की मिलती है। —बाधा नाश के लिए शिवरात्रि के प्रदोष काल में स्फटिक शिवलिंग को शुद्ध गंगा जल, दूध, दही, घी, शहद व शक्कर से स्नान करवाकर धूप-दीप जलाकर निम्न मंत्र का जाप करने से समस्त बाधाओं का शमन होता है। ॥ॐ तुत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रूद्र: प्रचोदयात्॥ —-बीमारी से छुटकारे के लिए शिव मंदिर में लिंग पूजन कर दस हज़ार मंत्रों का जाप करने से प्राण रक्षा होती है। महामृत्युंजय मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला पर करें। —-शत्रु नाश के लिए शिवरात्रि को रूद्राष्टक का पाठ यथासंभव करने से शत्रुओं से मुक्ति मिलती है। मुक़दमे में जीत व समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। —-मोक्ष के लिए शिवरात्रि को एक मुखी रूद्राक्ष को गंगाजल से स्नान करवाकर धूप-दीप दिखा कर तख्ते पर स्वच्छ कपड़ा बिछाकर स्थापित करें। शिव रूप रूद्राक्ष के सामने बैठ कर सवा लाख मंत्र जप का संकल्प लेकर जाप आरंभ करें। जप शिवरात्रि के बाद भी जारी रखें। ॐ नम: शिवाय। —-रुद्राभिशेक से यदि लाभ् लेना चाह्ते है तो जल से रुद्राभिशेक करे । —–व्यधि नाश के लिये कुशा से करे । —–यदि पशुओ कि कामना चाह्ते है तो दहि से रुद्रभिशेक करे । —-यदि लक्ष्मी कि कामना चाह्ते है तो गन्ना के रस से रुद्रभिशेक करे । —-अगर आपकी जन्मकुंडली में ” चन्द्र – शनि ” एक ही स्थान पर स्थित है तो – आपकी कुंडली में ” बिष योग ” का निर्माण हो रहा है जिससे जीवन में अनेक कष्ट प्राप्त होते है अतः ” महाशिवरात्रि ” के दिन अपने वज़न के बराबर ” पुडी – पचमेला सब्जी ओर मूली ” का दान करे :......... http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1392964835पंडित दयानंद शास्त्री जी : साभार :......... |
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कब और केसे मनाएं महाशिव रात्रि का व्रत एवं पर्व – त्यौहार :......... इस महाशिवरात्रि पर करें अपनी राशि के अनुसार शिव पूजन —- पंडित “विशाल” दयानंद शास्त्री जी के अनुसार महाशिवरात्रि पर्व पर अलग-अलग राशि के लोगों के लिए विशेष पूजन के प्रकार का प्रावधान है। भगवान शिव यूं तो मात्र जल और बिल्वपत्र से प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन उनका पूजन अगर अपनी राशि के अनुसार किया जाए तो अतिशीघ्र फल की प्राप्ति होती है। अपनी हर कामना के लिए अलग द्रव्य चढ़ाएं.. मेष राशि- रक्तपुष्प से पूजन करें तथा अभिषेक शहद से करें। ‘ॐ नम: शिवाय’ का जप करें। वृषभ राशि- श्वेत पुष्प तथा दुग्ध से पूजन-अभिषेक करें। महामृत्युंजय का मंत्र जपें। मिथुन राशि- अर्क, धतूरा तथा दुग्ध से पूजन-अभिषेक करें। शिव चालीसा पढ़ें। कर्क राशि- श्वेत कमल, पुष्प तथा दुग्ध से पूजन-अभिषेक करें। शिवाष्टक पढ़ें :......... http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1392964835पंडित दयानंद शास्त्री जी : साभार :......... |
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कब और केसे मनाएं महाशिव रात्रि का व्रत एवं पर्व – त्यौहार :......... इस महाशिवरात्रि पर करें अपनी राशि के अनुसार शिव पूजन —- सिंह राशि- रक्त पुष्प तथा पंचामृत से पूजन-अभिषेक करें। शिव महिम्न स्त्रोत पढ़ें। कन्या राशि- हरित पुष्प, भांग तथा सुगंधित तेल से पूजन-अभिषेक करें। शिव पुराण में वर्णित कथा का वाचन करें। तुला राशि- श्वेत पुष्प तथा दुग्ध धारा से पूजन-*अभिषेक करें। महाकाल सहस्त्रनाम पढ़ें। वृश्चिक राशि- रक्त पुष्प तथा सरसों तेल से पूजन-*अभिषेक करें। शिव जी के 108 नामों का स्मरण करें। धनु राशि- पीले पुष्प तथा सरसों तेल से पूजन-*अभिषेक करें। 12 ज्योतिर्लिंगों का स्मरण करें। मकर राशि- नीले-काले पुष्प तथा गंगाजल से पूजन-*अभिषेक करें। शिव पंचाक्षर मंत्र का जप करें। कुम्भ राशि- जामुनिया-नीले पुष्प तथा जल से पूजन-*अभिषेक करें। शिव षडाक्षर मंत्र का 11 बार स्मरण करें। मीन राशि- पीले पुष्प तथा मीठे जल से पूजन-*अभिषेक करें। रावण रचित शिव तांडव का पाठ करें :......... http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1392964835 |
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