Re: ! आशिकाना शायरी !
जा रे चल उड़ जा रे पंछी
बहारों के देश जा रे यहाँ तेरा क्या है प्यारे उजड़ गयी बगीया तेरे मन की जा रे जा रे चल उड़ जा रे पंछी.................. |
Re: ! आशिकाना शायरी !
न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरजू थी मुलाकात की |
Re: ! आशिकाना शायरी !
जिन्दगी जब भी तेरी बज्म में लाती है हमें
ये जमी चाँद से बेहतर नजर आती है हमें |
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मुफ्त हुवे बदनाम किसी से हाय दिल को लगा के
जीना हुवा हराम किसी से हाय दिल को लगा के मुफ्त हुवे बदनाम |
Re: ! आशिकाना शायरी !
परिचय इतना इतिहास यही , उमड़ी कल थी मिट आज चली , मैँ नीर भरी दुख की बदली , मैँ नीर भरी दुख की बदली ।
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Re: ! आशिकाना शायरी !
गिर - गिर के उठो , उठ - उठ के चलो , बस चलते रहना जीवन है , जब तलक तरँग उमँगोँ की , अवशेष समझ लो यौवन है ।
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Re: ! आशिकाना शायरी !
नीँद भी खुली न थी कि हाय धूप ढल गयी , पाँव जब तलक उठे कि जिन्दगी फिसल गयी , और हम खड़े - खड़े वक्त से पिटे - पिटे , उम्र के चढ़ाव का उतार देखते रहे ।
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Re: ! आशिकाना शायरी !
Quote:
क्या बात कही कारवां गुजर गया गुबार देखते रहे |
Re: ! आशिकाना शायरी !
कभी न कभी कहीं न कहीं
कोई न कोई तो आएगा अपना मुझे बनाएगा दिल मैं मुझे बिठाएगा |
Re: ! आशिकाना शायरी !
ये दुनिया उसी की जमाना उसी का
मुहब्बत मैं जो हो गया हो किसी का |
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