Re: आज का चिटकुला
बंता: यार संता तुम्हें पता है मैं और प्रीतो तलाक ले रहे है।
संता (हैरान होते हुए): क्यों क्या हो गया? तुम दोनों तो बहुत अच्छे से रहते हो। बंता: जब से हम लोगों ने शादी की है तब से प्रीतो मुझे बदलने की कोशिश में लगी हुई है। सबसे पहले उसने मुझे शराब पीने से रोका, फिर सिगरेट फिर इधर-उधर आवारा घूमने से। उसने मुझे सिखाया कि अच्छे कपड़े कैसे पहनते है, उसने मुझे संगीत और कला के प्रति रूचि आदि सब सिखाये और स्टॉक मार्केट में कैसे निवेश करना है ये सब भी उसी ने सिखाया। संता ने कहा, "क्या तुम बस इसलिए नाराज हो कि उसने तुम्हें बदलने के लिए ये सब किया।" बंता: अरे मैं नाराज नहीं हूँ, मैं अब काफी सुधर चुका हूँ तो अब वो मुझे अपने लायक नहीं लगती |
Re: आज का चिटकुला
नई-नई शादी के बाद पप्पू और उसकी पत्**नी सब्जी लेने गए.....
सब्जीवाला-बाबूजी, बहू तो कान्वेंट में पढ़ी होंगी। पप्पू- ( गर्व से सीना फुला कर बोला) हां मगर कैसे पहचाना..? सब्जीवाला-थैले में नीचे टमाटर और ऊपर कददू जो रख रही हैं। |
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टीचर-अपने पापा का नाम अंग्रेजी में बोलो?
स्टूडेंट- ब्यूटिफुल रेड अंडरवियर! टीचर-क्या बकवास है हिंदी में बताओ? स्टूडेंट-सुंदर लाल चढ्डा। |
Re: आज का चिटकुला
रामू हर रोज नए जूते पहनकर काम करने जाता था।
रामू के मित्रों को रहा नहीं गया। उन्होंने रामू को पूछा, यार रामू क्या तुमने जूते की दुकान खोल रखी है जो रोज नए जूते पहनकर आते हो। रामू हंसकर बोला, नहीं यार मेरे घर के सामने नया मंदिर बन गया है। |
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पप्पू काफी दिनों के बाद पार्क में घूमने गया। लौटकर उसने अपनी पत्**नी से कहा,जानती हो, आजकल लोग मुझे भगवान मानने लगे हैं!
पत्**नी-तुम्हें कैसे पता? पप्पू - आज जब मैं पार्क में घूमने गया तो लोग मुझे देखकर बोले- हे भगवान, तुम फिर आ गए! |
Re: आज का चिटकुला
नए-नए रईस हुए एक साहब को लोगों के ऊपर अपनी अमीरी का रौब झाड़ने का शौक चढ़ गया। इसी के चलते एक रोज उनके घर मेहमान आने वाले थे तो उन्होंने अपने नौकर को बुलाया और समझाने लगे, "मेहमानों के सामने मैं किसी भी चीज़ को तलब करूँ तो उसकी 2-3 किस्मों के नाम लेना ताकि उन पर रौब पड़ सके, समझ गए।"
नौकर: जी हुज़ूर बिल्कुल समझ गया। अगले रोज मेहमान आ गए। साहब ने नौकर से कहा, "ठाकुर साहब के लिए शरबत लाओ।" नौकर: हुज़ूर, कौन सा शरबत लेंगे, खस का, केवड़े का या बादाम का? नौकर की समझदारी पर साहब मन ही मन खुश होते हुए बोले, "केवड़े का ले आओ।" फिर थोड़ी देर बाद- साहब: ठाकुर साहब के लिए खाना लगवाओ। नौकर: हुज़ूर, कौन सा खाना खायेंगे इंडियन, कांटिनेंटल या चाइनीज? खाने के बाद- साहब: पान ले आओ। नौकर: कौन सा पान हुज़ूर लखनवी, मुरादाबादी या बनारसी? फिर थोड़ी देर बाद शहर घूमने का प्रोग्राम बन गया। साहब: हमारी गाड़ी निकलवाओ। नौकर: कौन सी गाड़ी हुज़ूर, सफारी, ऑडी, मर्सिडीज़, या बेंटली? साहब: ऑडी निकलवाओ और सुनो हमारे पिताजी से कह देना कि हम ज़रा देर से आयेंगे। नौकर: कौन से पिताजी से कहूँ हुज़ूर आगरा वाले, दिल्ली वाले या चंडीगढ़ वाले? |
Re: आज का चिटकुला
बहुत खूब. इसे कई बार पढ़ चुका हूँ और सुन चूका हूँ लेकिन इस चुटकुले के laughter potential में आज तक कोई कमीं नहीं आयी. हर बार वैसा ही मजा आता है. धन्यवाद, रफीक जी.
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Re: आज का चिटकुला
बेटा अपने पिता से पूछ रहा था कि आप ने यह बेशुमार दौलत कैसे कमाई । पिता: शादी के बाद शुरुशुरु के दिनो की बात थी । मेरे पास सिर्फ 50 रु थे । मैने उन रुपयो से कुछ सेब खरीदे और बेच दिए। अगले दिन मैने दोबारा वही किया और ऐसा कई दिनो तक चलता रहा। बेटा: अच्छा फिर ? पिता: फिर ससुर की मृत्यू हो गई और बस, उन की सारी जायदाद हमे मिल गई। |
Re: आज का चिटकुला
मैनेजर साहब ! अब तो मेरी पगार बढा दिजिए, क्योकि मेरी शादी हो गई है।" कर्मचारी ने निवेदन किया। "नही, आफिस के बाहर होने वाली किसी भी दुर्घटना के लिए हम ज़िम्मेदार नही है, मैनेजर ने मुसकुराकर जवाब दिया। |
Re: आज का चिटकुला
खरीददारः बकरा कितने का है ? दुकानदारः 200 रुपये का। खरीददारः इतना सस्ता ? दुकानदारः चाइनीज़ है , कोई गारंटी नहीं है। हो सकता है कल से भौंकने लगे !!! |
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