Re: रक्तदान महादान...........
रक्तदान...... रक्तदान से हो सकता है एचआइवी संक्रमण ?:- जब तक आप सुरक्षित तरीके से रक्तदान करेंगे किसी भी प्रकार के संक्रमण का सवाल नहीं। आजकल डिस्पोजेबिल सुई का जमाना है जिसे एक बार इस्तेमाल में लाने के बाद फेंक दिया जाता है। सावधानी के साथ रक्तदान करने से संक्रमण नहीं फैलता बल्कि खुशी मिलती है। |
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रक्तदान...... रक्तदान हेतु अस्थायी अयोग्यता और अवधि ?:- गर्भपात के ६ माह तक। प्रसव, टाइफाइड बुखार, मलेरिया, टैटू मार्क गोदना, वैक्सीनेशन, पीलिया और हीमोग्लोबिन टीका के एक वर्ष के बाद रक्तदान सम्भव हैं। कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, हेपेटाइटिस बी, एच०आई०वी०, गुर्दा, यकृत, क्षय(टी०वी०), लाल रक्त कोशिकाओं की बीमारी और अज्ञात कारणों से वजन घटने के रोगी रक्तदान नहीं कर सकते है। |
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रक्तदान...... क्या रक्तदान से दाता कों कोई लाभ होता है ?:- हाँ :- रक्तदान के कई लाभ हें..... रक्तदान द्वारा किसी को नवजीवन देकर जो आत्मिक आनन्द मिलता है उसका न तो कोई मूल्य ऑंका जा सकता है न ही उसे शब्दों में व्यक्त किया जा सकता है। चिकित्सकों का यह मानना है कि खून में कोलेस्ट्रॉल की अधिकता रक्त प्रवाह में बाधा डालती है। रक्त दान शरीर द्वारा रक्त बनाने की क्रिया को भी तीव्र कर देता है। रक्त के कणों का जीवन सिर्फ 90 से 120 दिन तक का होता है। रक्तदान के तुरन्त बाद ही नई लाल कोशिकाए बनने से शरीर में स्फूर्ति पैदा होती है। यह शरीर से अतिरिक्त आयरन निकालने का बेहतरीन तरीका है। इसके अलावा कैलोरी बर्न करने और कोलेस्ट्रॉल घटाने में भी इससे काफी मदद मिलती है। रक्तदान करते रहने से हृदय रोग में ५ प्रतिशत् की कमी आती हें। प्रतिदिन हमारे शरीर में पुराने रक्त का क्षय होता रहता है और नया रक्त बनता जाता है, रक्तदान से शरीर में रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है। इसकी भरपाई करने के लिए शरीर लगातार क्रियाशील रहता है जों नई लाल रक्त कणिकाएं बनाने के लिए अस्थिमज्जा(बोनमैरो) प्रेरित करता है। इससे शरीर में नई कोशिकाएं बनती हैं और सिस्टम रिफ़्रेश हो जाता है, इसका हमें कोई अनुभव नहीं होता। बहुत से स्त्री-पुरूषों ने नियमित रूप से रक्त दान करने का क्रम बना रखा है। अतः आप भी नियमित रूप से स्वैच्छिक रक्तदान करें, जिससे रक्त की हमेशा उपलब्धता बनी रहे कोई सुहागिन विधवा न बने, वृद्व मॉ-बाप बेसहारा न हो, खिलता यौवन असमय ही काल कलवित न हो आज किसी को आपके रक्त की आवश्यकता है, हो सकता है कल आपको किसी के रक्त की आवश्यकता हो ?, रक्त द्वारा संक्रमित होने वाली बीमारियों की स्वतः जॉच हो जाती है। आवश्यकता पड़ने पर डोनर कार्ड के बदले रक्तकोश से रक्त मिल जाता है। १ यूनिट ब्लड से कई प्रकार के ब्लड कम्पोनेंट बनाकर कई मरीजों को जीवनदान दिया जा सकता है। अतः निडर होकर स्वैच्छिक रक्त दान करें। |
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रक्तदान...... रक्तदान दान कहॉं करें ?:- रक्तदान किसी भी लाईसेन्स युक्त ब्लड बैंक में किया जा सकता है। यह सुविधा सभी जिला-चिकित्सालयों में भी उपलब्ध है। इसके अलावा मान्यता प्राप्त एन.जी.ओ, मण्डलों, एजेन्सियों जैसे रोटरी क्लब, लायंस क्लब आदि द्वारा समय-समय पर रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाता है। इनमें से किसी भी अधिकृत जगहों पर आप स्वैच्छा से निश्चित होकर रक्तदान कर सकते हैं। |
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रक्तदान...... रक्तदान से पहले जांच ?:- ब्लड बैंक में जारी करने से पहले रक्त की प्रत्येक इकाई का परीक्षण मलेरिया, सिफलिस, हिपेटाइटिस (सी) व एच.आई.वी. के लिए किया जाता है ताकि सुरक्षित रक्त ही मरीज को पहुंचे। |
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रक्तदान...... क्या रक्तदान कष्टकारक या हानिकारक होता है ?:- रक्तदान के बारे में कुछ लोग मानते हैं कि यह एक दर्दनाक प्रक्रिया है, लेकिन असलियत यह है कि इसमें दर्द बिल्कुल नहीं होता। रक्त देते समय कोई पीडा नहीं होती है। सिर्फ कुछ सेंकड के लिए आपको सुई चुभोने का एहसास होगा, इससे अधिक कुछ भी नहीं। रक्तदान करने में 5 से 10 मिनट का समस लगता है। रक्त देन के पश्चात आप सभी कार्य सामान्य रूप से कर सकते हैं। रक्तदाता के सामान्य स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पडता है। |
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रक्तदान...... स्वेच्छा से दिया गया रक्त, बेचने वाले के रक्त से अच्छा होता है क्योंकि ?:- स्वेच्छा से रक्त देने वाला मनुष्य, मानव मात्र् की सहायता के लिये रक्त देता है, न की धन के लालच से इसलिए वह किसी प्रकार की वर्तमान या पुरानी बीमारी का बतानें में नहीं हिचकिचाता, रक्त बेचने वाला धन के लालच में अपने हर रोग को छिपाने का प्रयत्न करता है। जिससे रक्त प्राइज़ करने वाले का जीवन खतरें में पड सकता है। जिससे रक्त प्राइज़ करने वाले को कई प्रकार की बीमारियां लग सकती है। पेशेवर रक्तदाता बिना अन्तराल के जल्दी-जल्दी रक्तदान करते हैं, जिससे उनके रक्त में गुणवता का भी आभाव हो जाता है। |
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रक्तदान...... रक्तदाता कार्ड ?:- स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले व्यक्ति को रक्तदान करने के तुरन्त बाद रक्तदाता ऋण पत्र / प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। जिससे वह रक्तदान की तिथि से 12 महिनें तक आवश्यकता पडने पर स्वंय या अपने परिवारजन के लिये ब्लड बैंक से एक यूनिट रक्त प्राइज़ कर सकता है | अगर आपका या आपके सगे-संबन्धियों को खून चढाने की नौबत आये तो खून की बोतल- या थैली पर 'एच.आई.वी. मुक्त' की मोहर अवश्य देखें। |
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रक्तदान...... रक्तदान करके स्वस्थ रहेंगे आप ?:- रक्तदान को महादान कहा जाता है। इससे बीमारों और दुर्घटनाग्रस्त लोगों को तो सहायता मिलती ही है, मुश्किल के समय में रक्तदाता और उसके अपनों को भी लाभ मिलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन who के मुताबिक किसी देश की एक प्रतिशत जनसंख्या भी रक्तदान करे तो मरीजों के सामने रक्त की समस्या नहीं आएगी। |
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रक्तदान...... रक्तदाता का मेडिकल चेकअप ?:- रक्त प्राप्तकर्ता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रक्तदाता का मेडिकल चेकअप किया जाता है। इस परीक्षण में उसकी उम्र, लिंग, वजन, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन और ब्लड ग्रुप की जांच की जाती है। ब्लड ट्रांस फ्युजन विशेषज्ञ अमित मिश्रा बताते हैं कि रक्तदान के बाद एचआईवी और मलेरिया, एचबीएसएजी, एचसीवी, वीडीआरएल और एंटीबॉडी की स्क्रीनिंग जैसी जांच की जाती है। |
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