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ये मिस इंडिया थीं गद्दाफी की माशूका, इनके सेक्स स्कैंडल्स ने हिला दिया था इंग्लैंड
http://i4.dainikbhaskar.com/thumbnai...13/0520_61.jpg अब हम आपको बताएंगे कि कामयाबी के इस मुकाम तक पहुंचने वाली इस सुंदरी के जीवन में सब कुछ कैसे उल्टा होता चला गया। जैसा कि आप जान चुके हैं कि मिस इंडिया का खिताब जीतने के बाद जल्द ही वे इंग्लैंड चली गईं थी। 1988 के बाद पामेला बॉर्ड्स के बारे में जो भी खबरें आईं वो हमेशा ही नकारात्मक रहीं। |
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http://i10.dainikbhaskar.com/thumbna...13/0513_11.jpg
1988 के बाद पामेला ब्रिटेन में कभी भी हुए बड़े सेक्स स्कैंडल्स की उभरती हुई महिला थीं। धीरे-धीरे उनका नाम इंग्लैंड की एक हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल के रूप में प्रसिद्ध हो गया जो एक रात के लिए 10 हजार पौंड का भुगतान लेती थी। |
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आज से नहीं बरसों से बर्बर है चीन, अपराधियों को देता था भयानक मौत
अपराधियों और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की हत्याएं करने का चलन दुनिया में काफी समय से है। शासकों द्वारा कैद किए गए अपने प्रतिद्वंद्वियों और किसी अपराध के दोषी को बेहद क्रूर तरीके से मौत के घाट उतारा जाता था। चीन की बात करें तो हम पाएंगे कि भारत के विपरीत वहां हार साल औसतन 70 लोगों को फांसी दी जाती है. वहीं 19वीं सदी के चीनी लोग सजा देने के मामले में सबसे ज्यादा बर्बर हुआ करते थे. न्याय प्रक्रिया का हिस्सा होने के कारण ऐसे कठोर दंडों को समाज द्वारा स्वीकार भी किया जाता था। आज हम आपको 19वीं सदी के चीन में ले चलते हैं, जहां एक गलती की सजा भी दर्दनाक मौत समझी जाती थी. |
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आज से नहीं बरसों से बर्बर है चीन, अपराधियों को देता था भयानक मौत
सिर कलम कर देना, गला घोंट देना और भूखा मार देना यह सब चीन में सजा देने के तरीके होते थे। यह सब 19वीं सदी में सबसे ज्यादा चरम पर था। वहीं ऐसे लोग, जिन्हें मार डालने की सजा नहीं भी दी जाती थी, ऐसे लोगों की बाकी जिंदगी भी खत्म ही समझी जाती थी। क्योंकि उन्हें दी जानी वाली यातनाओं की फेहरिस्त इतनी लंबी होती थी कि वह आने वाले सालों में कुछ कर सकने के काबिल नहीं होते थे। |
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आज से नहीं बरसों से बर्बर है चीन, अपराधियों को देता था भयानक मौत
बॉक्सर विद्रोह का खुनी दौर... उत्तरी चीन में 1899 से 1901 तक बॉक्सर विद्रोह चीनी इतिहास का सबसे ज्यादा रक्तपात वाला विद्रोह था। यह यूरोपियाई साम्राज्यवाद और ईसाई धर्म के फैलाव के विरुद्ध एक हिंसक आंदोलन था। यूरोप के देशों ने चीन को अपने प्रभाव क्षेत्र बांट लिया था, जहां वे अपनी हुकूमत चलाते थे। चीनियों को ईसाई भी बनाया जाता था। इसके खिलाफ एक धार्मिक यीहेतुआन नाम का संगठन खड़ा हुआ। विद्रोहियों ने सारे विदेशियों को खदेड़कर बीजिंग के दूतावासी मोहल्ले में बंद कर दिया था। चीन की शाही सरकार पहले तो अलग कर बैठी रही, लेकिन दरबार के कुछ दरबारियों के उकसाने पर उन्होंने विद्रोह का पक्ष लिया। इस दौरान बर्बरता की हदें पार कर दी गई। कई ईसाईयों को मार डाला गया। यह तस्वीरें उस समय की हैं। सार्वजनिक रूप से गले काटकर दुश्मनों को चेतवानी दी जाती थी. |
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आज से नहीं बरसों से बर्बर है चीन, अपराधियों को देता था भयानक मौत
http://i8.dainikbhaskar.com/thumbnai...001_china3.jpg यह तस्वीरें चीन के हांको की हैं, जिसे पश्चिमी फोटोग्राफर जेम्स रिकल्टन ने कैमरे में कैद किया है। गले में कांग डालकर मौत या यातना दी जाती थी। |
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