Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
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यह देश के लिए एक जीत : निकम
http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1353533777 मुंबई हमला मामले में सुनवाई के दौरान पुलिस की ओर से पेश होने वाले विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कहा कि कसाब को फांसी पर लटका कर 26 नवंबर 2008 को हुए हमले में जान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी गई है। यह देश के लिए जीत है। निकम ने कहा कि कसाब को फांसी पर लटका कर हमने उन सभी पुलिस कर्मियों और बेकसूर लोगों को श्रद्धांजलि दी है जिन्होंने मुंबई हमलों में अपनी जान गंवाई थी। निकम ने कहा कि कसाब को दोषी ठहरा कर और मौत की सजा दे कर हमने साबित कर दिया है कि पूरा षड्यंत्र किस तरह पाकिस्तान में रचा गया था। हमने एक उदाहरण पेश किया है कि भारत ऐसे हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा और आरोपियों को न्याय के दायरे में लाया जाएगा। मुंबई हमला मामले की सुनवाई के दौरान निकम निचली अदालत और उच्च न्यायालय में सरकारी वकील के तौर पर पेश हुए और उच्चतम न्यायालय में उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम की सहायता की थी। |
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कसाब के वकीलों ने फांसी को ठहराया सही
बरती गई गोपनीयता पर सवाल उठाए http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1353534164 http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1353534164 http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1353534164 कसाब की ओर से यहां सत्र अदालत एवं बंबई उच्च न्यायालय में पेश हुए वकीलों ने उसकी फांसी को सही ठहराया और कहा कि बिना बारी के उसके मामले को लेकर सरकार ने 26/11 आतंकी हमले के पीड़ितों को थोड़ी शांति प्रदान की है। बहरहाल, बचाव पक्ष के वकीलों अमीन सोल्कर, फरहाना शाह और अब्बास काजमी ने फांसी को लेकर बरती गई गोपनीयता पर सवाल उठाए। सोल्कर ने कहा कि यह अच्छी बात है कि सरकार ने इस मामले में तत्परता दिखाई, क्योंकि समाज और पीड़ितों के हित में ऐसा करना जरूरी है। हो सकता है कि इतने समय तक उसकी रक्षा करना सरकारी खजाने के लिए बोझ बन गया हो, लेकिन गोपनीयता क्यों बरती गयी। सोल्कर के मत का समर्थन करते हुए फरहाना शाह ने कहा कि मुझे सदमा लगा। यह सब अचानक हुआ। इतनी गोपनीयता के साथ फांसी क्यों दी गई। |
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संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के विरोध के एक दिन बाद फांसी
पुणे जेल में मुंबई आतंकी हमले के दोषी आतंकवादी अजमल कसाब को ऐसे समय फांसी पर लटकाया गया है, जबकि एक दिन पहले भारत ने मृत्युदंड खत्म करने की मांग करने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के मसौदा प्रस्ताव का विरोध किया था। भारत ने दलील दी कि भारत में सजा-ए-मौत ऐसे अतिजघन्य अपराध के मामले में दी जाती है जो समाज की अंतरात्मा को ‘झकझोर’ देता है। भारत सहित 39 देशों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था, जबकि 110 देशों ने इसका समर्थन किया, जिसके बाद इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया। प्रस्ताव का विरोध करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन के काउंसलर अमित कुमार ने कहा कि हर राष्ट्र को अपनी कानूनी प्रणाली तय करने और कानून के मुताबिक अपराधियों को सजा देने का अधिकार है। |
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यरवदा जेल के पास कड़ी सुरक्षा
http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1353534535 मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए हमलों के दोषी आतंकवादी अजमल कसाब को सुबह फांसी दिए जाने की खबर फैलते ही यरवदा केंद्रीय कारागार के आसपास बड़ी संख्या में लोग एकत्र होने लगे। कसाब को फांसी के ब्यौरे के बारे में जेल अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। यरवदा जेल के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। यहां एकत्र शिवसेना कार्यकर्ताओं के एक समूह ने कसाब को फांसी का स्वागत करते हुए ‘वन्दे मातरम’ के नारे लगाए और संसद हमला मामले में दोषी ठहराए गए अफजल गुरु को भी फांसी दिए जाने की मांग की। महाराष्ट्र के कारागार महानिरीक्षक मीरन बोरवानकर ने इस मुद्दे पर मीडिया के सवालों के जवाब देने से इन्कार कर दिया। |
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आईटीबीपी का दस्ता वापस बुलाया जाएगा
मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद, मुंबई हमला मामले के दोषी पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब की निगरानी कर रही आईटीबीपी की टुकड़ी को जल्द ही वापस बुला लिया जाएगा। प्रक्रिया के अनुसार, केंद्रीय बल के एक विशेष दस्ते को सौंपा गया विशेष कार्य जब पूरा हो जाता है तब केंद्रीय गृह मंत्रालय उस टुकड़ी को कार्य मुक्त करने के लिए बल के मुख्यालय को एक आदेश जारी करता है। अर्द्धसैनिक बल के सूत्रों ने बताया ‘दस्ते को कसाब की निगरानी का कार्य सौंपा गया था और अब उसे कार्यमुक्त कर वापस बुला लिया जाएगा। पाकिस्तानी आतंकवादी कसाब को जब से मुंबई की विशेष जेल ‘आर्थर रोड जेल’ में बंद किया गया था तब से ही वहां भारत तिब्बत सीमा पुलिस के 300 जवानों की टुकड़ी तैनात थी। आईटीबीपी का यह दस्ता पाकिस्तानी आतंकवादी कसाब की निगरानी के लिए राज्य सरकार के अनुरोध पर भेजा गया था। कसाब की सुरक्षा के लिए तैनात इस दस्ते के पास अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर तथा अन्य आधुनिक हथियार तथा गोलाबारूद था, ताकि आर्थर रोड जेल परिसर की कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। आईटीबीपी चीन-भारत सीमाई इलाकों की निगरानी करती है। |
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मुंबई हमले का अधूरा अध्याय खत्म हुआ: अमेरिकी पीड़ित
मुंबई हमले में अपने पति और बेटी को गंवाने वाली एक अमेरिकी महिला ने कहा है कि कसाब को फांसी देने से मुंबई अब शांति में आगे बढ़ सकेगी। नवंबर, 2008 में हुए इस हमले में किया स्चेयर के पति एलन और उनकी बेटी नाओमी मारी गई थीं। एलन को सिर के पिछले हिस्से में गोली लगी और तत्काल उनकी मौत हो गई, जबकि 13 साल की नाओमी को कई गोलियां लगीं और उसने कुछ देर बाद दम तोड़ा था। बीते दो वर्षों के दौरान मुंबई को अपना दूसरा घर बना लेने वाली स्चेयर ने कहा कि इस मामले को देखते हुए यह अंजाम बिल्कुल ठीक है। अब हम दुनिया में शांति की उम्मीद करते हैं। सच्चा इंसाफ उसी वक्त होता है जब हम शांति और स्नेह के साथ मिलकर रहें। अब मुंबई से ऐसा व्यक्ति खत्म हो गया है जो लोगों के लिए एक खीज था। मुंबई हमले की त्रासदी का अधूरा अध्याय खत्म हो गया है। |
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मृतकों के परिजनों ने कहा, कसाब को फांसी सच्ची श्रद्धांजलि
फांसी का आदर्श तरीका : उन्नीकृष्णन ताज होटल में आतंकवादियों से लोहा लेते शहीद हुए एनएसजी कमांडो के. उन्नीकृष्णन के पिता उन्नीकृष्णन ने कहा कि जिस तरह कसाब को फांसी दी गई वह एक आदर्श तरीका है। उन्होंने कहा कि दया याचिका खारिज किए जाने पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त कर पाता, इससे पहले ही सब कुछ हो गया। मैं इसकी सराहना करता हूं। इसरो के सेवानिवृत्त अधिकारी उन्नीकृष्णन ने कहा, निश्चित रूप से समाप्ति की भावना के लिए रास्ता बहुत लंबा है। कसाब को फांसी तो केवल एक अध्याय है। षड्यंत्रकारी अब भी पाकिस्तान में हैं और वहां भारत विरोधी सोच प्रबल है, जिसमें कमी आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक मामले में आखिरकार न्याय हुआ। हमें सिर्फ यही सोच कर नहीं ठहर जाना चाहिए कि हमने एक दोषी को फांसी दे दी। यह समापन नहीं है। |
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मेरे पति को श्रद्धांजलि : स्मिता सालस्कर
मुंबई हमले के दौरान आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हुए दिवंगत मुठभेड़ विशेषज्ञ विजय सालस्कर की पत्नी स्मिता सालस्कर ने अजमल कसाब की फांसी को उनके पति को श्रद्धांजलि बताया। स्मिता ने कहा कि इस फांसी के साथ मेरे पति को श्रद्धांजलि दी गई, लेकिन असली श्रद्धांजलि पाकिस्तान में छिपे अन्य आरोपियों की दोषसिद्धि से होगी। कसाब की दया याचिका खारिज करने पर राष्टñपति प्रणव मुखर्जी को धन्यवाद देते हुए स्मिता ने कहा कि पूरा परिवार यह खबर सुनकर खुश है कि हमले की चौथी बरसी से पहले कसाब को फांसी दी गई। स्मिता ने कहा कि यह फांसी निश्चित रूप से दुनिया भर में यह संदेश देगी कि भारत किसी आतंकी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा। हालांकि उन्होंने फांसी को देर से किया गया फैसला बताया। |
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हमें न्याय मिला : रागिनी
नरसंहार में मारे गए रेलवे के टिकट संग्रहकर्ता एस. के. शर्मा की पत्नी रागिनी ने कसाब को फांसी दिए जाने पर कहा कि मेरे दिमाग में सबसे पहले जो बात आई वह यह कि जो हुआ, अच्छा हुआ। हम खुश हैं कि हमें न्याय मिला। रागिनी ने कहा ‘मैं राष्ट्रपति को धन्यवाद देना चाहती हूं। देर से ही सही, हमें न्याय मिल ही गया। मैं खुश हूं कि कसाब को फांसी पर लटकाने का काम चुपचाप किया गया वरना मानवाधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले कुछ लोग इसका विरोध करते। |
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खुलेआम फांसी देनी चाहिए थी : ओंबले
अजमल कसाब को फांसी पर लटकाए जाने पर संतोष प्रकट करते हुए एकनाथ ओंबले ने कहा कि उसे खुले आम फांसी पर लटकाया जाना चाहिए था। एकनाथ ओंबले सहायक पुलिस उप निरीक्षक तुकाराम ओंबले के भाई हैं, जिन्होंने आतंकवादी को पकड़ने की कोशिश में अपनी जान गंवा दी। एकनाथ ने कहा कि मैं गौरवान्वित और खुश हूं कि मेरे भाई के प्रयास काम आए। हम बहुत खुश और संतुष्ट हैं। कसाब को खुलेआम फांसी पर लटकाया जाना चाहिए था, लेकिन मैं जानता हूं कि कानून इसकी इजाजत नहीं देता। एकनाथ ने कहा कि गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने अपना वादा निभाया कि वह ऐसा फैसला करेंगे, जिससे भारतीयों को संतोष होगा। उन्होंने इसके लिए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भी धन्यवाद दिया। |
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