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-   -   दोस्तों की "चौपाल". (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=992)

emptymind 21-10-2015 01:07 PM

Re: दोस्तों की "चौपाल".
 
Quote:

Originally Posted by rajat vynar (Post 555729)
main bilkul prabhavit nahi hua arvind naam se. Sirf itna brief men bataiye india men kitne states ke cm ko app jante hain? That's all.

मै यहा किसी को प्रभावित करने नहीं आया हूं। वैसे भी आप बड़े लेखक है। हम तो अदने से "खाली दिमाग" वाला जन्तु है।

emptymind 21-10-2015 01:38 PM

Re: दोस्तों की "चौपाल".
 
सबसे बड़ी बात ये है कि मेरी आईडी को बैन नहीं किया गया है, ताकि लोगो को लगे कि मै यहा सक्रिय हूं। लेकिन आईडी पासवर्ड बदल दिया गया, जिसे मैंने रीसेट कर दिया था। इसके बाद पासवर्ड के साथ-साथ ईमेल आईडी भी बदल दिया गया, ताकि पासवर्ड रीसेट न कर सकु। कम से मेरे 50 आईडी को बैन किया गया, क्योंकि मै हर बार नए आईडी से अपने मुख्य आईडी arvind को बैन करने के लिए आवाज उठा रहा था।

मेरी आज भी यही शर्त है कि मेरा आईडी बैन कर दिया जाय।

emptymind 21-10-2015 01:51 PM

Re: दोस्तों की "चौपाल".
 
मेरे द्वारा फ़ेसबूक पर 31-जनवरी 2013 को किया गया एक पोस्ट -

प्रिय मित्रो,
मुझे बहुत ही भारी मन से फोरम को छोड़ने का निर्णय लेना पड़ रहा है क्योंकि अब फोरम पर वाहियात और अश्लील सामग्री का बोलबाला ज्यादा बढ़ गया है, जो मुझे कतई पसंद नहीं है और अभिषेक जी अब ऐसी ही सड़े-गले कंटैंट के लिए लालायित है, क्योंकि उनके लिए पोस्ट की संख्या महत्वपूर्ण है, चाहे पोस्ट मे कुछ भी ना हो। इसका उदाहरण है दीपू जी द्वारा किए गए पोस्ट, जिसमे फोटो के लिंक मे asdasaf लिखा रहता है। अभिषेक जी अश्लील, सड़े-गले और वाहियात पोस्टो की संख्या देखकर संभवत: सातवे आसमान पर है। मगर मै इसका पुरजोर विरोध दर्ज करता हूं - जो अभिषेक जी को स्वीकार्य नहीं है। पोस्ट संख्या बढ़ाने के लिए कभी संतोष राजपूत तो कभी युवराज का पेरमानेंट बैन हटाया है, और अब अश्लीलता को बढ़ावा। मुझे तो लगता है कि विज्ञापन द्वारा आर्थिक लाभ का मुद्दा हो सकता है - अगर ऐसा है तो भी मै इसमे रोड़ा बनाना पसंद नहीं करूंगा, क्योंकि वो खर्च कर रहे है तो आमदनी के बारे मे सोचना कोई गलत बात नहीं है। मगर पैसा कमाने के लिए अश्लील और वाहियात काम का भी विरोध करता हूं।
वैसे तो मेरे आईडी को डिसबले कर दिया गया है मगर मै फोरम पर बैन होना चाहता हूं, ताकि लोग ये ना समझे कि मै भी इस वाहियात काम मे शामिल हूं। कृपया इस नेक काम मे मेरी मदद करे और मेरी आईडी को बैन कर दे, क्योंकि मै किसी भी हालत मे गलत का साथ नहीं दूंगा और ना ही संदेश देने दूंगा कि मै इस फोरम पर सक्रिय हूं, जैसा कि पहले भी फोरम पर अभिषेक जी दावा करते रहे है कि मै फोरम पर सक्रिय हूं।
धन्यवाद।


नोट - जो भी मैंने लिखा है, उस हर एक का सबूत भी है।

rajnish manga 21-10-2015 01:53 PM

Re: दोस्तों की "चौपाल".
 
Quote:

Originally Posted by emptymind (Post 555734)
सबसे बड़ी बात ये है कि मेरी आईडी को बैन नहीं किया गया है, ताकि लोगो को लगे कि मै यहा सक्रिय हूं। लेकिन आईडी पासवर्ड बदल दिया गया, जिसे मैंने रीसेट कर दिया था। इसके बाद पासवर्ड के साथ-साथ ईमेल आईडी भी बदल दिया गया, ताकि पासवर्ड रीसेट न कर सकु। कम से मेरे 50 आईडी को बैन किया गया, क्योंकि मै हर बार नए आईडी से अपने मुख्य आईडी arvind को बैन करने के लिए आवाज उठा रहा था।

मेरी आज भी यही शर्त है कि मेरा आईडी बैन कर दिया जाय।


मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूँ कि मन की बात कह देने से मन का बोझ हल्का हो जाता है, मित्र.

emptymind 21-10-2015 01:59 PM

Re: दोस्तों की "चौपाल".
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 555737)
मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूँ कि मन की बात कह देने से मन का बोझ हल्का हो जाता है, मित्र.

ये कोई रेडियो पर मोदी जी के प्रोग्राम "मन की बात" की चर्चा नहीं हो रही है, ये वो हकीकत है, जिसके वजह से फोरम की ये हालत हुई है।

Rajat Vynar 21-10-2015 03:48 PM

Re: दोस्तों की "चौपाल".
 
मेरी समझ में ये नहीं आ रहा- आप अपनी ऊलजलूल की बेतुकी दलीलों द्वारा क्यों अपने आप को अरविन्द साबित करने पर तुले हुए हैं?

internetpremi 21-10-2015 03:55 PM

Re: दोस्तों की "चौपाल".
 
हम कुछ समझ नहीं सके। मामला क्या है?

मैं मंच के कुछ चुने हुए विभागों के चरचों में ही भाग लेता हूँ।
मैंने अभी तक यहाँ कोई भी अशलील पोस्ट देखा नहीं।


एक साल से हम इस फोरुम से अलग हो गए थे, निजी कारणों से।
हमें फोरम से कोई शिकायत नहीं थी।
अन्य कई मंचो से भी मैं अलग हो गया था, और मेरे कई ब्लॉग्गर दोस्त भी सोच रहे थे कि मैं क्यों उनके ब्लॉग पर आना बन्द कर दिया और मेरी टिप्प्णी उन्हें क्यों नहीं मिलती।
अब मैं खुशी से और अप्नी मर्जी से लौटा हूँ।

इस बीच पता नहीं क्या क्या हुआ है और हम कोई टिप्पणे नहीं करना चाहेंगे।
बस इतना ही कहूँगा कि यदि किसी विभाग के पोस्टें मुझे पसन्द नहीं , तो मैं वहाँ जाना छोड़ दूंगा।

gv

emptymind 21-10-2015 04:43 PM

Re: दोस्तों की "चौपाल".
 
Quote:

Originally Posted by internetpremi (Post 555743)
हम कुछ समझ नहीं सके। मामला क्या है?

मैं मंच के कुछ चुने हुए विभागों के चरचों में ही भाग लेता हूँ।
मैंने अभी तक यहाँ कोई भी अशलील पोस्ट देखा नहीं।


एक साल से हम इस फोरुम से अलग हो गए थे, निजी कारणों से।
हमें फोरम से कोई शिकायत नहीं थी।
अन्य कई मंचो से भी मैं अलग हो गया था, और मेरे कई ब्लॉग्गर दोस्त भी सोच रहे थे कि मैं क्यों उनके ब्लॉग पर आना बन्द कर दिया और मेरी टिप्प्णी उन्हें क्यों नहीं मिलती।
अब मैं खुशी से और अप्नी मर्जी से लौटा हूँ।

इस बीच पता नहीं क्या क्या हुआ है और हम कोई टिप्पणे नहीं करना चाहेंगे।
बस इतना ही कहूँगा कि यदि किसी विभाग के पोस्टें मुझे पसन्द नहीं , तो मैं वहाँ जाना छोड़ दूंगा।

gv

आप अपनी जगह बिलकुल सही है।
क्योंकि आपने फोरम ज्वाईन किया है 15-जुलाई-2013 को और मैंने अपनी वास्तविक आईडी से अंतिम बार लॉगिन किया था 31-जनवरी-2013 को, यानि आपके आने के 6.5 महिना पहले। इसी वजह से आपको कुछ भी पता नहीं स्वाभाविक है। मेरा विरोध उसी समय शुरू हुआ था, यानि जनवरी 2013 मे। मोड जोन मे उस समय की सारी पोस्ट मिल सकता है, अगर उसे डिलीट न किया गया हो।

अगर आप लोग चाहेंगे तो मै प्रूफ यहा दे सकता हूँ की किस लेवेल के पोस्ट यहा होते थे। शिकायत करने के बाद भी उस पर कोई कारवाई नहीं होती थी। इसी बात का विरोध मैंने किया था। बाकी लोग तो यहा का रवैया देख कर यहा से चुपचाप निकल गए। मैंने विरोध किया तो फिर क्या हुआ, ये तो बता ही चुका हूँ।

emptymind 21-10-2015 04:45 PM

Re: दोस्तों की "चौपाल".
 
Quote:

Originally Posted by rajat vynar (Post 555742)
मेरी समझ में ये नहीं आ रहा- आप अपनी ऊलजलूल की बेतुकी दलीलों द्वारा क्यों अपने आप को अरविन्द साबित करने पर तुले हुए हैं?

असल मे मेरे परदादा के दादा जी ने काफी वसीयत रख छोड़ी है, उसे पाने के लिए ये जरूरी है।

emptymind 21-10-2015 04:52 PM

Re: दोस्तों की "चौपाल".
 
Quote:

Originally Posted by emptymind (Post 555500)
यह संदेश मेरे संदेश बॉक्स मे "प्रशासक" महोदय द्वारा भेजा गया है।

उपरोक्त से अतिरिक्त
डॉ राकेश श्रीवास्तव,
पंकज यादव,
खालिद,
भोलु,
युवराज,
हमसफर,
मुन्नेराजा,
विद्रोही नायक,
प्रशांत,
निशांत,
अरविन्द,
अमित तिवारी,
जय भारद्वाज,
जलवा,
कुमार अनिल,
आदि, इत्यादि, इत्यादि मे से भी कोई हो सकता हूँ,
क्या फर्क पड़ता है कि मै कौन हूँ?

इस बात पर दिमाग न लगाए कि मै कौन हूँ-
ये तो मै अंतत: बता ही दूंगा।
संदेश बॉक्स मे बात नहीं होगी,
जो भी होगा खुले फोरम पर होगा, सबके सामने।
एक बात समझ ले कि मै दिमाग "खाली" करके आया हूँ।
आप लोगो कि दिमाग लगाना है तो लगाए।

ऊपर कुछ नाम, जो मैंने दिये, इनमे से ज़्यादातर लोग बहुत अच्छा लिखते थे, मगर अब यहा नहीं पाये जाते है। इनके अलावे भी बहुत से लोग है, जिनका नाम मै नहीं लिख पाया हूं, वो भी अब नहीं दिखते। कहा गए वो लोग?
और सबसे बड़ी बात - क्यों गए यहा से?
अनिल कुमार शर्मा (aksh) जी और तारा चंद मलेथिया (malethia) द्वारा पीएम तो आप लोगो के समक्ष रख ही चुका हूं। ये वार्तालाप मेरे पीएम के इनबॉक्स मे अब भी होगा। अनिल शर्मा और मलेथिया जी के इनबॉक्स मे भी होना चाहिए।


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