My Hindi Forum

My Hindi Forum (http://myhindiforum.com/index.php)
-   India & World (http://myhindiforum.com/forumdisplay.php?f=27)
-   -   कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=5264)

Dark Saint Alaick 22-11-2012 03:26 AM

Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
 
सोचा नहीं था जो हुआ : विष्णु

आतंकवादियों का कहर छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर भी टूटा था। इस रेलवे स्टेशन के उद्घोषक विष्णु जेन्डे ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि इस तरह की खबर मुझे सुनने को मिलेगी।’ झेन्डे ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि उसे फांसी पर लटकाया गया। उसे फांसी पर लटका कर, हमले में मारे गए सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी गई है। स्टेशन पर हमले के बारे में जेन्डे ने ‘पब्लिक एड्रेस सिस्टम’ पर लगातार उद्घोषणा कर कई लोगों की जान बचाई थी।

Dark Saint Alaick 22-11-2012 03:28 AM

Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
 
1 Attachment(s)
सरकार ने दिया नए साल का उपहार : मुकेश

http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1353540471

ताज होटल में कहर बरपाया था तो उनकी गोलीबारी में जीवित बचे मुकेश अग्रवाल ने कहा कि कसाब को चार साल पहले ही फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए था। मुकेश ने कहा ‘लेकिन आज जो कुछ हुआ, वह बहुत अच्छा है। हमले में अपनी जान गंवाने वालों के परिवारों के लिए यह बहुत अच्छा उपहार है। सरकार ने नए साल का उपहार दिया है।

Dark Saint Alaick 22-11-2012 03:46 AM

Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
 
कसाब का शव लाने के लिए परिजनों की ओर से कोई अनुरोध नहीं मिला : पाक

पाकिस्तान ने आज कहा कि वर्ष 2008 में मुंबई के आतंकी हमले में शामिल अजमल कसाब को आज भारत में फांसी पर चढाये जाने के बाद उसके परिजनों की ओर से शव को वापस स्वदेश लाने के बारे में कोई अनुरोध नहीं मिला है। गृह मंत्री रहमान मलिक ने इस्लामाबाद में संवाददाताओं से कहा कि कसाब के परिवार की ओर से आने वाले किसी अनुरोध पर पाकिस्तानी कानून के अनुसार कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा, ‘कसाब के परिवार में किसी सदस्य या संबंध ने सरकार से अनुरोध नहीं किया है (शव लाने के लिए)। जब परिवार का कोई सदस्य अनुरोध करेगा तो हम भारत सरकार के समक्ष उसे रखेंगे।’ मलिक ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि आतंकवादी कृत्य में शामिल किसी भी व्यक्ति को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाना चाहिए। पाक गृह मंत्री मलिक ने कहा, ‘जहां तक फांसी की बात है आप पाकिस्तान का संकल्प और आतंकवाद के खिलाफ हमारे स्पष्ट रूख को जानते हैं। यदि कोई आतंकवादी है और यदि किसी ने आतंकवादी कृत्य को अंजाम दिया है तो मेरा मानना है कि आतंकवादी को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाना चाहिए।’ मीडिया में विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोअज्जम खान के हवाले से कहा गया कि कसाब के शव को वापस लाने के मुद्दे को उसके परिवार की इच्छाओं के अनुरूप निपटाया जायेगा। एक अन्य संबद्ध घटनाक्रम में प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी ने पेशकश की कि यदि कसाब का परिवार उनके संगठन से इस संबंध में संपर्क करता है तो वह शव को वापस लाने में मदद केंगे। बर्नी ने कहा कि उन्हें कसाब से कोई सहानुभूति नहीं है लेकिन परिवार को इस्लामी परंपराओं के अनुसार शव को दफन करने का अधिकार है। कसाब को पुणे के यरवदा जेल में आज सुबह साढे सात बजे फांसी पर चढा दिया गया। इस फांसी के बारे में पाकिस्तान सरकार को सारी जानकारी दी गयी थी।

Dark Saint Alaick 22-11-2012 03:48 AM

Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
 
पाक चैनलों के मुख्य समाचार में शामिल नहीं है कसाब की फांसी

भारत में अजमल कसाब को फांसी मिलने के कुछ ही घंटों बाद यह खबर पाकिस्तान के समाचार चैनलों के मुख्य समाचारों की सूची से हट गई है । इसकी जगह गाजा में चल रहे घटनाक्रम और घरेलू घटनाक्रमों ने ले लिया है । हालांकि सुबह पाकिस्तान के सरकारी रेडियो चैनल और जिओ न्यूज जैसे निजी समाचार चैनलों पर कसाब की फांसी पहली खबर थी लेकिन बाद में वह सूची से गायब हो गई । मुंबई में वर्ष 2008 में हुए आतंकवादी हमलों के एकलौते जीवित आरोपी 25 वर्षीय अजमल कसाब की फांसी के बारे में खबरें देते वक्त समाचार चैनलों ने काफी एहतियात बरती । ज्यादातर समाचार चैनलों, वेबसाइटों और डॉन तथा द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने इस घटना पर बिना किसी टिप्पणी और विचार के खबरें दी हैं । कसाब का पाकिस्तान का नागरिक होना शुरू से ही संवेदनशील मुद्दा रहा है और पूरे मुकदमे की सुनवायी के दौरान या फिर इससे जुड़ी घटनाओं की रिपोर्टिंग में पाकिस्तानी मीडिया ने काफी संयम दिखाया है। द फ्राइडे टाइम्स के संपादक रजा रूमी का कहना है, ‘एक सामान्य धारणा थी कि अफजल गुरू की भांति, कसाब को भी फांसी नहीं दी जाएगी, लेकिन इस घटना वास्तव में पाकिस्तान को झटका दिया है ।’ रूमी ने कहा, ‘ज्यादातर पाकिस्तानियों ने मुंबई हमलों की निंदा की है और सबूतों को देखते हुए कोई भी फांसी के खिलाफ नहीं बोलेगा । हालांकि सबसे बड़ा सवाल अभी भी यही है कि दोनों पक्ष आतकंवाद से कैसे निपटते हैं ।’

Dark Saint Alaick 22-11-2012 03:50 AM

Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
 
सुरक्षाकर्मियों ने संवाददाताओं को कसाब के गांव जाने से रोका

पाकिस्तानी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने आज संवाददाताओं और टेलीविजन कैमरामैन को अजमल कसाब के पैतृक गांव में प्रवेश करने से रोक दिया। कसाब का गांव पंजाब प्रांत में है। मुंबई आतंकी हमलों में अभियुक्त कसाब को आज सुबह पुणे के एक जेल में फांसी दी गयी। सादे कपड़ों में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने पत्रकारों को पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर से करीब 150 किलोमीटर दूर स्थित फरीदकोट गांव में जाने से रोक दिया। सुरक्षाकर्मियों ने टीवी न्यूज चैनल के कैमरामैन से उनके कैमरे छीनने का भी प्रयास किया। उन मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी भी की गयी जो कसाब के पडोसियों का साक्षात्कार लेने गए थे। एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक के संवाददाता ने नाम उजागर नहीं करने के अनुरोध पर बताया कि सुरक्षा एजेंसियों के लोग ग्रामीणों के वेष में थे। कसाब के गांव जाने वाली सड़क पर उन्हें तैनात किया गया था। उन लोगों ने पत्रकारों से वापस जाने और पाकिस्तान को बदनाम नहीं करने को कहा।

Dark Saint Alaick 22-11-2012 04:18 AM

Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
 
1 Attachment(s)
इस शख्स से डरता था कसाब, देखते ही छिपने भागा...

http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1353543398

26/11 को देश पर हुए आतंकी हमले को सोचकर हर किसी की रूह कांप जाती होगी। मुंबई का छत्रपति शिवाजी टर्मिनल स्टेशन पर उस दिन आतंकी कसाब और उसके साथियों के गोलियों से मानों लहूलुहान हो चुका था। तभी आतंकी कसाब पर किसी ने कुर्सी खीच कर मारी और आतंकियों के कदम पीछे हट गए। सेफ पोजीशन से आतंकी कसाब ने हमला करने वाले व्यक्ति पर AK 47 से 15 राउंड गोलियां झोंक दीं। मौका मिलते ही इस अंजान व्यक्ति ने एक बार फिर से एक सिपाही की गन छीन खतरनाक आतंकी कसाब पर 2 फायर कर दिए, तो मजबूरन कसाब को वहां से भागना पड़ा। अजमल कसाब से को खदेड़ना वाला कोई और नहीं बल्कि वाराणसी के मोहाव गांव का आरपीएफ़ ज़वान झिल्लू यादव हैं। आरपीएफ़ ज़वान झिल्लू यादव के मुताबिक वह उस वक्त छत्रपति शिवाजी टर्मिनल स्टेशन पर ही तैनात थे। उस दिन अचानक पूरे माहौल में सिर्फ गोलियों की आवाज और लोगों की चीत्कार सुनाई दे रही थी। झिल्लू यादव ने बताया कि कसाब के हाथों में AK 47 थी, जिससे वो लगातर गोलियां चला रहा था। झिल्लू यादव के पास अपने साथी से छीनी हुई 303 बोर की रायफल थी। झिल्लू का कहना है कि उनका साथी डर गया था, इसलिए उन्होंने उसकी बंदूक ले ली। झिल्लू यादव ने बताया कि रायफल छीनने से पहले उन्होंने कसाब को कुर्सी खींचकर मारी, ताकि वो पीछे हट जाये। जांबाज़ झिल्लू यादव का कहना है कि दिल में मलाल रह गया कि अजमल मेरी गोली से बच गया। झिल्लू आज बहुत खुश हैं। अजमल कसाब की फांसी की खबर जैसे ही उन्हें मिली, मानों दिल की हर तमन्ना पूरी हो गयी। झिल्लू यादव को अदम्य साहस के लिए राष्ट्रपति की ओर से पुरस्कार भी दिया गया है। झिल्लू यादव का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार अब 2007 में हुए वाराणसी ब्लास्ट के मुख्य आरोपी आतंकी वसीउल्लाह और शमीम के ऊपर मुकदमे को वापस लेने की तैयारी में है, ऐसे में देश के अंदर आतंकी वारदात कैसे रुक पाएगी। इन आतंकियों को सिर्फ फांसी होनी चाहिए।

Dark Saint Alaick 22-11-2012 04:27 AM

Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
 
1 Attachment(s)
जानिए, कसाब के नाम में छिपा एक खतरनाक सच

http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1353544064

पूरा नाम : मोहम्मद अजमल आमिर कसाब

जन्म : 13 सितंबर 1987, फरीदकोट,
जि. ओकारा, पंजाब (पाकिस्तान)

क़ स्साब के नाम में ही मार-काट छिपी है। क़स्साब बना है अरबी की क़स्ब धातु से जिसमें काटना, आघात करना, जिबह करना, खोखला करना, पृथक करना, आंत, बांस इन सभी अर्थों पर गौर करें तो क़स्ब में खोखला, रिक्त या खाली स्थान का भाव उभरता है। जानवरों को जिबह करने के बाद उनके आंतरिक अंगों को निकालने के बाद सिर्फ खाल की खोखल ही बचती है जिसमें भूसा भरकर मृत जीवों के वास्तविक मॉडल बनाए जाते थे। पुराने ज़माने में पशुओं की खाल से तम्बू, शामियाने बनाए जाते थे। कसाब शब्द के मूल में ही मार-काट जैसे भाव हैं। काटने, आघात करने जैसे भावों का विस्तार जिबह करने में हुआ। उर्दू का क़साई शब्द इसी मूल से निकला है।

Dark Saint Alaick 22-11-2012 04:31 AM

Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
 
शहीद हुये कर्मचारी के पिता ने संतोष व्यक्त किया

मुम्बई आतंकी हमले में आतंकियों की गोली का शिकार होकर शहीद हुए फरीदाबाद के युवा गौतम गोसाईं के पिता देवसिंह गोसाईं ने आतंकी अजमल कसाब को फांसी दिए जाने के बाद संतोष व्यक्त किया है । गौतम के पिता ने कहा कि यदि कसाब के साथ संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरू को भी फांसी दी जाती तो उन्हें बहुत सुकून मिलता । हमले के दौरान गौतम गोसाई होटल ताज में शेफ की ट्रेनिंग कर रहा था । देवसिंह गोसाई ने बताया कि सुबह 7.30 बजे वह अपने घर से कम्पनी के लिए निकले थे तो रास्ते में ही उन्हें मोबाइल फोन पर उनके सहकर्मी मित्र राजेन्द्र से संदेश मिला कि अजमल कसाब को फांसी दे दी गई है । देवसिंह गोसाई ने कहा कि उन्हें पुत्र की शहादत पर फक्र है लेकिन अजमल कसाब को फांसी दिए जाने में सरकार की तरफ से देरी को लेकर बेहद दुख था । कसाब को फांसी देकर देश ने आतंकवाद के मुहं पर करारा तमाचा जड़ा है । देवसिंह गोसाई ने अपनी इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि यदि अजमल कसाब के साथ ही संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरू को भी फांसी दी जाती तो बहुत ज्यादा सुकून मिलता ।
परिजन कालोनी का नाम बदलना चाहते हैं
मुंबई हमले में शहीद हुये गौतम गोसाई के परिजन फरीदाबाद के सेक्टर 48 का नाम परिवर्तित करके गौतम गोसाई एंक्लेव रखवाना चाहते हैं । गौतम के परिजनों सहित क्षेत्र के अन्य लोग भी वर्ष 2009 से यह मांग करते आ रहे हैं । नगर निगम सदन में इसका प्रस्ताव पारित हो चुका है और यह मामला सरकार के पास लंबित है ।

Dark Saint Alaick 22-11-2012 04:34 AM

Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
 
कसाब को तेजी से फांसी देने का देश में दूसरा उदाहरण

पाकिस्तानी आतंकवादी आमिर अजमल कसाब को फांसी देने की प्रकिया जिस तेजी से निपटायी गयी, वह अपने आप में एक उदाहरण है । इससे पूर्व बांसवाड़ा स्थित रामचंद्र उर्फ रावजी के मामले को इस कदर तेजी से निपटाया गया था। रावजी को अपने परिवार की हत्या करने के तीन साल के बाद ही फांसी दे दी गयी थी। सूचना का अधिकार कानून के तहत आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल द्वारा जुटाए गए दस्तावेजों से पता चला है कि रावजी को छह मई, 1993 को अपनी गर्भवती पत्नी और तीन बच्चों समेत पांच लोगों की हत्या करने के तीन साल बाद चार मई, 1996 को फांसी दे दी गयी थी। रावजी को मौत की सजा सत्र न्यायालय ने पांच दिसंबर, 1994 को सुनायी थी जिसे उच्चतम न्यायालय ने पांच दिसंबर, 1996 के अपने फैसले में बरकरार रखा था। इसके बाद रावजी ने तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के समक्ष दया याचिका दायर की जिसे राष्ट्रपति ने छह दिनों के अंदर ही खारिज कर दिया। राष्ट्रपति ने 19 मार्च, 1996 को उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उसे चार मई, 1996 को फांसी दे दी गयी। अग्रवाल द्वारा जुटाए गयी दया याचिकाओं से संबंधित जानकारियों से पता चला है कि रावजी के मामले में अपनायी गयी फांसी की प्रक्रिया सबसे तेज थी। रावजी के मामले से तुलना करने पर पता चलता है कि कसाब को फांसी देने की प्रक्रिया दूसरी सबसे तेज रही। कसाब को 26/11 मुंबई हमलों में शामिल होने के लगभग चार साल बाद फांसी दी गयी। अग्रवाल ने कहा, ‘कसाब की दया याचिका सबसे कम समय में निपटाए गए मामलों में दूसरे स्थान पर रही।’

Dark Saint Alaick 22-11-2012 04:35 AM

Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
 
कसाब की फांसी पर बरती गोपनीयता पर उमर ने की
केंद्र, महाराष्ट्र सरकार की तारीफ


पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब को फांसी देने के मामले में सफलतापूर्वक बरती गयी गोपनीयता पर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार की तारीफ की। उमर ने आज ट्वीट किया और कसाब को फांसी की खबर सबसे पहले देने का दावा करने को लेकर समाचार चैनलों पर भी चुटकी ली। उमर ने ट्विटर पर लिखा कि केंद्र और महाराष्ट्र की सरकारों ने बड़े परिपक्व तरीके से इस मामले को संभाला जो दिखाता है कि हमें अगर जरूरी हो तो गोपनीयता रख सकते हैं। मीडिया के संदर्भ में उमर ने लिखा, ‘अब हम सभी चैनलों को यह दावा करते देखेंगे कि उन्होंने फांसी की खबर सबसे पहले दी है।’ उमर ने कसाब को ‘बंदूकधारी’ कहने पर अमेरिकी मीडिया पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा, ‘हमास आतंकवादी हैं, लेकिन कसाब बंदूकधारी है। वाह, अमेरिकी मीडिया। आप उसे जो है, वह बुला सकते हैं।’


All times are GMT +5. The time now is 08:41 AM.

Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.