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सावधान! रिफाइंड तेल से ह्नदय रोग, मधुमेह व कैंसर हो सकता है ? हमारे भोजन में सात प्रमुख तत्व माने गए हैं। ये हैं प्रोटीनए कार्बोहाइट्रेडए वसाए खनिज तत्वए विटामिन्सए फाइबर व जल। अर्थात् वसा हमारे लिए बहुत जरूरी है। वसा का मुख्य स्रोत्र तेलए घी और मक्खन है। लेकिन आजकल अखाद्य बीजों से तेल निकाल कर उसको रिफाइन्ड कर खाने योग्य बनाया जाता है। रिफाइंन्ड तेल दिखता साफ हैए स्वादिष्ट भी होता है परन्तु शीघ्र आक्सीकृत हो जाता है जिससे शरीर में कैंसर फैलाने वाले हानिकारक पदार्थ जैसे ऐक्रिलेमाइडए एचण्एनण्ईण्ए फ्री रेडिकल आदि बनते हैं। W अर्थात् तेल को रिफाइन्ड करने के उपक्रम में बहुत से घातक रसायन इसमे जुड़ जाते है यद्यपि इनको वापिस निकाल दिया जाता है लकिन 100 प्रतिशत इनको बाहर नहीं निकाला जा सकता है। आयुर्वेद में जैसा कि दवा को क्षमता संवर्धन हेतु भाप दी जाती है या सफाई की जाती है। इसी तरह इस तेल के साथ कुछ घातक रसायन इसमें आ जाते है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जर्मन वसा वैज्ञानिक डॉ. बुडविग ने तो बताया है कि इनसे कैंसर तक होता है।प्रसिद्ध डॉ. योहाना बुडविज मूलतः वसा विशेषज्ञ थी जिन्होंने पेपर क्रोमेटोग्राफिक तकनीक विकसित की थी। डॉ. बुडविग के अनुसार रिफाईन्ड तेल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। केनेडियन तेल विशेषज्ञ ऊडो इरेसमस की पुस्तक ष्ष्फेट्स देट हील फेट्स देट किलष्ष् बताती है कि परिष्कृत तेल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। रिफाइंड तेल में मधुमेहए हृदय रोग व कैंसर पैदा करने वाले घातक तत्व होते है :......... |
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सावधान! रिफाइंड तेल से ह्नदय रोग, मधुमेह व कैंसर हो सकता है ? हारवर्ड हेल्थ पब्लिक स्कूल के शोध से साबित हुआ है कि अमेरिका में कम से कम तीस हजार से ज्यादा लोगों की मृत्यु प्रतिवर्ष मारक वसा के सेवन से हो जाती है।डॉण् बुजविग खाने की वस्तुओं की सभी प्रोसेगिंग के विरूद्ध थी। प्रोसेगिंग में खाद्य पदार्थ को सड़ने.गलने से बचाने तरह की रसायनिक ट्रीटमेन्ट करते हैं। उक्त रसायन भोजन के साथ शरीर में जाकर नुकसान करते है। परिष्करण के उपक्रम में भोजन के खराब होने की अवधि तो बहुत बढ़ जाती है लेकिन उसमें से अच्छे तत्व नष्ट हो जाते हैं व घातक रसायन उसमें जुड़ जाते हैं।तेलों का परिष्करण एक आधुनिक तकनीक है। रिफाइन करने कि प्रक्रिया में मुक्त फैटी एसिडए फोस्फोलिपिड और प्राकृतिक एन्टीऑक्सिडेन्ट्स को अलग करने के लिए घातक रसायन कास्टिक सोड़ा यानि सोडियम हाइड्रोक्साइड मिलाया जाता है। इसका थोड़ा सा अंश भी तेल में बचा रहेगा तो यह हमारे स्वास्थ्य को कितना नुकसान करेगा। स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद ये पदार्थ क्यों निकाले जाते हैं क्योंकि ये जल्दी खराब हो जाते हैं और तेल में दुर्गंध देने लगते हैं। निर्माता कोई जोखिम नहीं लेना चाहता है। वह तो चाहता है कि तेल की ज्यादा से ज्यादा शैल्फ लाइफ हो और वह दुर्गंध रहित लंबे समय तक दूकानों की शैल्फों में सजा रहे और बिकने में कोई दिक्कत न आये। बीजों में कई प्राकृतिक तत्व जैसे फोस्फेटाइड्सए लेसीथिनए क्लोरोफिलए बीटा केरोटीन आदि होते हैं जों कॉलेस्ट्रोल कम करते हैंए रक्तचाप नियंत्रित रखते हैंए कैंसररोधी होते हैंए पाचन क्रिया में सहायक होते हैंए यकृत व पित्त की थैली के ठीक से कार्य करने में सहायक होते हैंए दृष्टि ठीक रखते हैंए बुद्धिमत्ता बढ़ाते हैं और प्रदाह.रोधी होते हैं। बीजों में प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेन्ट भी होते हैं जो तेलों को खराब होने से बचाते हैं। इन्हीं क्लोरोफिल और बीटा केरोटीन को निकालने और तेल को रंगहीन बनाने के लिए तेल में ब्लीचिंग क्लेज मिलाई जाती हैं। तेल में से फोस्फेटाइड्स और लेसीथिन को निकालने के लिए ;डीगमिंग करने के लिएद्ध फोस्फोरिक एसिड का प्रयोग किया जाता है। गंधहीन बनाने के लिए तेल को 460 से 520 डिग्री सेल्सियस पर गर्म किया जाता है जिससे एरोमेटिक तेलए मुक्त फैटी एसिड दुर्गन्ध देने वाले तत्व अलग हो जाते हैं। इसके बाद तेल में कृत्रिम एन्टीऑक्सीडेन्टए प्रिजर्वेटिव और स्टेबिलाइजर मिलाये जाते हैं। ये सब हमारे स्वास्थ्य का बैंड बजाने के लिए काफी हैं :......... |
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सावधान! रिफाइंड तेल से ह्नदय रोग, मधुमेह व कैंसर हो सकता है ? रिफाइंनिंग हेतु तिलहन को 200-500 डिग्री सेल्सेयस के बीच कई बार गरम किया जाता है। घातक पैट्रोलियम उत्पाद हेग्जेन का प्रयोग बीजों से 100% तेल निकालने के लिए किया जाता है। कई घातक रसायन कास्टिक सोड़ा, फोसफेरिक एसीड, ब्लीचिंग क्लेंज आदि मिलाए जाते है ताकि निर्माता हानिकारक व खराब बीजों से भी तेल निकाले तो उपभोक्ता को उसको पता न चले। इसलिए इन तेलों को गन्ध-रहित, स्वाद-रहित व पारदर्शी बनाया जाता है। रिफाइंड, ब्लीच्ड एवं डिओडोराइन्ड की प्रक्रिया में तेल के अच्छे तत्व समाप्त हो जाते है व घातक जहर घुल जाते है। तभी तो ऐसे तेल को तकनीकी भाषा में चीप कर्मशीयल आर बी डी ऑयल कहते हैं। मिनेसोटा विश्वविद्यालय के भोजन और पोषण रसायन विभाग की प्राचार्य डॉ. सेलेनी की शोध के अनुसार तेल को 200 डिग्री से 225 डिग्री पर आधे घंटे तक गर्म करने से उसमें एचएनई नामक बहुत ही टोक्सिक पदार्थ बनता है। यह लिनोलिक एसिड के ऑक्सीकरण से बनता है और उत्तकों में प्रोटीन और अन्य आवश्यक तत्वों को क्षति पहुँचाता है। यह ऐथेरास्क्लिरोसिस, स्ट्रोक, पार्किसन, एल्जाइमर रोग, यकृत रोग आदि का जनक माना जाता है। डॉक्टर बुडविग तलने के लिए बहुअसंत्रप्त तेल प्रयोग करने के विरुद्ध थी। संतृप्त वसा को गर्म करने पर ऑक्सीकृत नहीं होते हैं और इसलिए गर्म करने पर उनमें एचएनई भी नहीं बनते हैं। इसलिए घी, मक्खन और नारियल का तेल कई दशकों से मानव स्वास्थ्य को रोगग्रस्त करने की बदनामी झेलने के बाद आज कल पुनः आहार शास्त्रियों के चेहते बने हुए हैं। अब तो मुख्य धारा के बड़े-बड़े चिकित्सक भी स्वीकार कर चुकें हैं कि शरीर में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 का अनुपात सामान्य (1:1 या 1:2) रखना आवश्यक है। गृहणियों को खाना बनाने के लिए रिफाइंड तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। कच्ची घाणी से निकला तेल ही अच्छा माना जाता है। हमें कच्ची घाणी से निकला नारियल तेल, सरसों या तिल का तेल काम में लेना चाहिए। ये तेल हानिकारक नहीं होते है। जैतून का तेल भी बढि़या होता है जो हमारे यहाँ बहुत मंहगा मिलता है। मूंगफली का तेल अच्छा माना जाता है। मित्रों, इस सम्बन्ध में आपको विशेष जानकारी हो तो आप इसमें जोड़ कर स्वास्थ्य संरक्षण के यज्ञ में आहुति दें :......... |
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सावधान! रेलवे की वेबसाइट पर निकली है 11 हजार भर्तियां, भरने के पहले पढ़ें यह खबर!......... http://i10.dainikbhaskar.com/thumbna.../21/6185_3.jpg (प्रतीकात्मक फोटो) खंडवा/इंदौर :...... रेलवे भर्ती बोर्ड भोपाल की फर्जी वेबसाइट बनाकर शातिर बदमाशों ने 11814 पदों पर भर्ती निकाल दी। ऑनलाइन भरे जा रहे प्रत्येक फार्म पर अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों से 500 आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों से 300 रुपए शुल्क लिया जा रहा है। खंडवा शहर और जिले के एक हजार से ज्यादा और प्रदेश में अब तक 10 हजार 500 ज्यादा उम्मीदवारों ने ऑनलाइन फार्म भी भर दिए। 20 दिन पहले शहर के कियोस्क सेंटरों पर भर्ती संबंधी नोटिस चस्पा हुए थे। इसके बाद से ही फर्जी वेबसाइट पर युवा ऑनलाइन आवेदन करने पहुंचने लगे। रेलवे बोर्ड भोपाल के अफसरों को इस फर्जी वेबसाइट का पता चला तो उन्होंने तत्काल अपनी वेबसाइट पर महत्वपूर्ण नोटिस चलाकर एफआईआर दर्ज कराने की बात कही :......... दैनिक भास्कर के सौजन्य से : |
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सावधान! रेलवे की वेबसाइट पर निकली है 11 हजार भर्तियां, भरने के पहले पढ़ें यह खबर!......... http://i10.dainikbhaskar.com/thumbna.../21/6191_5.jpg (प्रतीकात्मक फोटो) खंडवा/इंदौर :...... शहर के प्रत्येक सायबर कैफे और कियोस्क सेंटर पर हर रोज औसतन 20 युवा फर्जी वेबसाइट पर ऑनलाइन फार्म भरने पहुंच रहे हैं। इस फर्जी वेबसाइट का पता तब चला जब एक स्थानीय कियोस्क सेंटर पर कुछ युवा फार्म भरने पहुंचे। इन्होंने रेलवे की अधिकृत वेबसाइट खोली, लेकिन रिक्रूटमेंट का विज्ञापन नहीं था। युवाओं ने बताया खंडवा टाइपिंग सेंटर पर रेलवे भर्ती का विज्ञापन लगा है। इसमें टिकट कलेक्टर, खलासी, हेल्पर, ट्रैकमैन के पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगवाए गए थे। सभी पदों के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता केवल 10वीं उत्तीर्ण है :......... दैनिक भास्कर के सौजन्य से : |
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सावधान! रेलवे की वेबसाइट पर निकली है 11 हजार भर्तियां, भरने के पहले पढ़ें यह खबर!......... http://i10.dainikbhaskar.com/thumbna.../21/6176_1.jpg (प्रतीकात्मक फोटो) खंडवा/इंदौर :...... रेलवे ने जारी किया नोटिस : रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर महत्वपूर्ण नोटिस जारी किया है। इसमें फर्जी वेबसाइट से बचने के लिए कहा गया है। संपर्क के लिए रेलवे ने नंबर दिए हैं। हालांकि, वेबसाइट के अलावा अब तक सार्वजनिक रूप से कोई सूचना नहीं दी गई है। दर्ज कराएंगे एफआईआर : फर्जी वेबसाइट की पुलिस को शिकायत की है। एफआईआर दर्ज करने को कहा है। वेबसाइट झूठी है। रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड ने कोई विज्ञापन जारी नहीं किया है। - बीएस त्रिपाठी, ओएस,रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड भोपाल :......... दैनिक भास्कर के सौजन्य से : |
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सावधान! रेलवे की वेबसाइट पर निकली है 11 हजार भर्तियां, भरने के पहले पढ़ें यह खबर!......... http://i10.dainikbhaskar.com/thumbna.../21/6182_2.jpg (प्रतीकात्मक फोटो) खंडवा/इंदौर :...... ऐसी है फर्जी वेबसाइट : { रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड पश्चिम मध्य रेल की हू-ब-हू। { यूआरएल (यूनिवर्सल रिसोर्स लोकेटर) www.rrbbpl.org है। { राष्ट्रीय चिह्न के नीचे कॉन्टैक्ट नंबर नहीं है। { रिक्रूटमेंट नोटिस जारी किया है। ऐसी है असली वेबसाइट : { यूआरएल www.rrbbpl.nic.in है { वर्तमान में रिक्रूटमेंट का कोई नोटिस नहीं है। { राष्ट्रीय चिह्न के नीचे कॉन्टैक्ट अस लिखा है, जिस पर क्लिक करने पर फोन नंबर जाएंगे :......... दैनिक भास्कर के सौजन्य से : |
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