Re: गीत गाता चल
Movie/Album: अदालत (1958) Music By: मदन मोहन Lyrics By: राजेन्द्र कृष्ण Performed By: लता मंगेशकर जाना था हमसे दूर, बहाने बना लिये अब तुमने कितनी दूर, ठिकाने बना लिये रुख्सत के वक्त तुमने जो आँसू हमे दिये उन आसूओं से हमने फसाने बना लिये अब तुमने कितनी... दिल को मिले जो दाग, जिगर को मिले जो दर्द उन दौलतों से हमने, खजाने बना लिये अब तुमने कितनी... |
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Movie/Album: अदालत (1958) Music By: मदन मोहन Lyrics By: राजेन्द्र कृष्ण Performed By: आशा भोंसले, मो.रफ़ी ज़मीं से हमें आसमां पर, बिठा के गिरा तो ना दोगे अगर हम ये पूछें के दिल में, बसा के भूला तो ना दोगे ऐ रात इस वक्त आँचल में तेरे जितने भी हैं ये सितारें जो दे दे तू मुझको, तो फिर मैं लूटा दू, किसी की नज़र पे ये सारे कहो के ये रंगीन सपनें, सजा के मिटा तो ना दोगे अगर हम ये पूछें... तुम्हारे सहारे निकल तो पड़े हैं, है मंज़िल कहाँ दिल न जाने जो तुम साथ दोगे, तो आएगी इक दिन, मंज़िल गले से लगाने इतना तो दिल को यकीं है, हमें तुम दगा तो ना दोगे अगर हम ये पूछें... |
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Movie/Album: अदालत (1958) Music By: मदन मोहन Lyrics By: राजेन्द्र कृष्ण Performed By: आशा भोंसले, गीता दत्त दुपट्टा मेरा मलमल का रंग सलेटी हलका ज़माना लुट जायेगा सर से अगर ढलका ओ नेरी सा... बटन मेरे कुर्ते के, हाय चनवे बटन मेरे कुर्ते के सितारे आसमानी सजना होय इसी लिये देखा ना, अंधेरा कभी तेरे अंगना ओ नेरी सा... ओ तुमसा भी कोई ना, हाय चनवे ओ तुमसा भी कोई ना ज़माने में निडर होगा वहीं पे दम तोड़ेंगे, जहाँ पे तेरा दर होगा दुपट्टा मेरा मलमल का... |
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Movie/Album: अदालत (1958) Music By: मदन मोहन Lyrics By: राजिंदर कृष्ण Performed By: लता मंगेशकर, आशा भोंसले जा जा रे जा साजना काहे सपनों में आये जा के देस पराये, बेवफ़ा जा जा रे जा साजना लता: तुझको ग़रज़ क्या मेरी वफ़ा से जियूँ या मरूँ मैं तेरी बला से जा जा रे जा साजना... आशा: दिल तो दिया था तुझे बड़े अरमान से प्यार लगाया भी तो किस बेईमान से दे ही गया जो दग़ा सैयाँ जा जा जा साजना जा जा जा साजना लता: दो दिन के पहले, झूठी खुशी दी दर्द भरी फ़िर, ये ज़िन्दगी दी जा जा रे जा साजना... आशा: हाथ पकड़ बैठे क्यों ऐसे मीत का ढंग न आये जिसे ज़रा सा भी प्रीत का जाने न क्या है वफ़ा सैयाँ जा जा जा साजना... |
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Movie/Album: अदालत (1958) Music By: मदन मोहन Lyrics By: राजिंदर कृष्ण Performed By: आशा भोंसले, मो.रफ़ी जब दिन हसीं दिल हो जवाँ क्योँ ना मनाये पिकनिक सीने में आग होंठों पे राग मिलजुल के गायें पिकनिक साईकल सवार, बाँधे कतार, लो हम चले जंगल के पार, हिरनों की डार, जैसे चले हिप हिप हुर्रे! मौसम पे रंग दिल में उमंग फिर क्यों ना जायें पिकनिक जब दिल हसीं... पानी का शोर, लहरों का जोर, आ तोड़ दें तूफां में नाव, मिलजुल के आओ, सब छोड़ दें हिप हिप हुर्रे! साहिल से दूर जा के हुज़ूर ऐसी जमायें पिकनिक जब दिल हसीं... ये दिन अजीब, हम-तुम करीब, हाय फिर कहाँ मस्ती के खेल, आपस का मेल, हाय फिर कहाँ हिप हिप हुर्रे! ज़ुल्फ़ों के डाल उड़ते रुमाल रंगीं बनायें पिकनिक जब दिल हसीं... |
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Movie/Album: सी.आई.डी. (1956) Music By: ओ.पी.नैय्यर Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी Performed By: गीता दत्त जाता कहाँ है दीवाने सब कुछ यहाँ है सनम बाकी के सारे फ़साने झूठे हैं तेरी क़सम फिफ्टी कुछ तेरे दिल में फिफ्टी कुछ मेरे दिल में फिफ्टी ज़माना है बुरा पहलू बदलने लगे, घबरा के चलने लगे आँखें मिलीं भी नहीं, यूँ ही सम्भलने लगे अजी सुनिये हुज़ूर, जाना हमसे न दूर देखो दिल है किसी का जलाना बुरा जाता कहाँ है दीवाने... सैयाद है तू मगर, मुझको न यूँ तन के देख नादां ज़रा एक बार, क़ैदी मेरा बन के देख मानो-मानो मेरी बात, है ये पहली मुलाक़ात देखो पहलू से उठ के है जाना बुरा जाता कहाँ है दीवाने... |
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Movie/Album: सी.आई.डी. (1956) Music By: ओ.पी.नैय्यर Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी Performed By: शमशाद बेगम कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना जीने दो ज़ालिम बनाओ न दीवाना कहीं पे निगाहें... कोई न जाने इरादे हैं किधर के मार न देना तीर नज़र का किसी के जिगर पे नाज़ुक ये दिल है बचाना ओ बचाना कहीं पे निगाहें... तौबा जी तौबा निगाहों का मचलना देख-भाल के ऐ दिलवालों पहलू बदलना क़ाफ़िर अदा की अदा है मस्ताना कहीं पे निगाहें... ज़ख़्मी हैं तेरे जायें तो कहाँ जायें तेरे तीर के मारे हुये देते हैं सदायें कर दो जी घायल तुम्हारा है ज़माना कहीं पे निगाहें... आया शिकारी ओ पंछी तू सम्भल जा देख जाल है ज़ुल्फ़ों का तू चुपके से निकल जा उड़ जा ओ पंछी शिकारी है दीवाना कहीं पे निगाहें... |
Re: गीत गाता चल
Movie/Album: सी.आई.डी. (1956) Music By: ओ.पी.नैय्यर Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी Performed By: मो.रफ़ी, गीता दत्त ऐ दिल है मुशकिल जीना यहाँ ज़रा हट के, ज़रा बच के ये है बॉम्बे मेरी जाँ कहीं बिल्डिंग, कहीं ट्रामे, कहीं मोटर, कहीं मिल मिलता है यहाँ सब कुछ, इक मिलता नहीं दिल इन्साँ का नहीं कहीं नाम-ओ-निशाँ ज़रा हट के... कहीं सट्टा, कहीं पत्ता, कहीं चोरी, कहीं रेस कहीं डाका, कहीं फाँका, कहीं ठोकर, कहीं ठेस बेकारों के हैं कई काम यहाँ ज़रा हट के... बेघर को आवारा यहाँ कहते हँस-हँस खुद काटे गले सबके, कहे इसको बिज़नस इक चीज़ के है कई नाम यहाँ ज़रा हट के... बुरा दुनिया को है कहता, ऐसा भोला तो ना बन जो है करता, वो है भरता, है यहाँ का ये चलन दादागिरी नहीं चलने की यहाँ ये है बॉम्बे... ऐ दिल है मुश्किल... ऐ दिल है आसाँ जीना यहाँ सुनो मिस्टर, सुनो बन्धु ये है बॉम्बे मेरी जाँ |
Re: गीत गाता चल
सी आई डी फिल्म के सदाबहार नग़मे प्रस्तुत करने और सुनवाने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद, पुंडीर जी.
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Re: गीत गाता चल
wow... i kie this song geet gata chal. its a awesome song.
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