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-   -   शायरी में मुहावरे (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=12175)

rafik 22-07-2014 10:47 AM

Re: शायरी में मुहावरे
 
खूबसूरत अंदाज

:bravo::bravo::bravo::bravo::bravo:

rajnish manga 14-08-2014 05:53 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
मुहावरा > या क़िस्मत

भावार्थ:

होनी के आगे सिर झुकाना और भाग्य को स्वीकार कर लेना.

उदाहरण:

हुआ जुज़ दर्दो-ग़म हरगिज़ न वस्ले-दिलरुबा क़िस्मत
यही था क़िस्मते-नासाज़ में मक़सूम, .....या क़िस्मत

(शायर: अज्ञात)

rajnish manga 14-08-2014 06:00 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
उपरोक्त मुहावरों के अतिरिक्त भी यदा-कदा शायरी में मुहावरों का दीदार हो जाता है. आगे हम इसी प्रकार के अश'आर या शायरी प्रस्तुत करने की कोशिश करेंगे जिनमे मुहावरों का खूबसूरत व आलंकारिक प्रयोग किया गया हो जैसे:




वतन की रेत मुझे एडियां रगड़ने दे
मुझे यक़ीन है पानी यही से निकलेगा

-नाज़िश प्रतापगढ़ी

rajnish manga 14-08-2014 06:06 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 

जो गरजते हैं वो बरसते नहीं

सर-ए-मिज़गां ये नाले अब भी आँसू को तरसते हैं
ये सच है जो गरजते हैं वो बादल कम बरसते हैं

(शाह नसीर / Shah Nasir / 1756 - 1838)

**

तीर-तुक्का

अजब नहीं है जो तुक्का भी तीर हो जाए
फटे जो दूध तो फिर वो पनीर हो जाए
मवालियों को न देखा करो हिकारत से
न जाने कौन सा गुंडा......वजीर हो जाए

(पापुलर मेरठी)

rajnish manga 26-09-2014 01:53 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
मुहावरे एक कविता
रचना: अश्विनी

बेकार चीज़ फेंक देना होता है सही
ऐसा सुनते आए अब तक
पर जब शब्द अर्थ खोने लगें तो क्या करें
ज़ाहिर है फेंक दो उन्हें अंधी खाई में

ऐसे कुछ शब्दों से बने मुहावरे खो चुके हैं अर्थ
पर कुछ लकीर के फकीर करते हैं उनका उपयोग गाहे-बगाहे
उदाहरणार्थ वो कहते हैं
झूठ के पाँव नहीं होते

पर अक़्सर नज़र आते हैं कई झूठ, कई तरह की दौड़ों में अव्वल आते हुए..
सांच को आंच नहीं

पर सच जला-बुझा सा कोने में पड़ा मिलता है अदालतों में
भगवान के घर देर हैअंधेर नहीं..
पर भगवान ख़ुद अमीरों की इमारतों में उजाला करने में है व्यस्त
सौ सुनार की, एक लोहार की…

पर आज के बाज़ार ने लोहार को गायब कर दिया बाज़ार से
न नौ मन तेल होगान राधा नाचेगी..
पर राधा मीरा नाच रहीं चवन्नी-अठन्नी पर किसी सस्ते बार में…

चैन की नींद सोना
पर मेरे बूढ़े पिता रिटायर होने के बाद जागते हैं उल्लुओं की तरह
अनिष्ट की आशंका में
ये मुहावरे मिटा डालो
फाड़ो वो पन्ने जो इनका बोझ ढो के बोझिल हो चुके..
निष्कासित करो उन लकीर के फकीरों को..
जो इनके सच होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं
……..

****

Teach Guru 26-09-2014 11:40 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 523593)
जो गरजते हैं वो बरसते नहीं

सर-ए-मिज़गां ये नाले अब भी आँसू को तरसते हैं
ये सच है जो गरजते हैं वो बादल कम बरसते हैं

(शाह नसीर / shah nasir / 1756 - 1838)

**

तीर-तुक्का

अजब नहीं है जो तुक्का भी तीर हो जाए
फटे जो दूध तो फिर वो पनीर हो जाए
मवालियों को न देखा करो हिकारत से
न जाने कौन सा गुंडा......वजीर हो जाए

(पापुलर मेरठी)

बहुत खूब।

rajnish manga 16-12-2014 09:15 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
"मज़हर" का शे’र फ़ारसी और रेख़्ता के बीच
"सौदा" यक़ीन जान कि रोड़ा है बात का

आगाह-ए-फ़ारसी तो कहें इस को रेख़्ता
वाक़िफ़ जो रेख़्ता का ज़रा होव ठाट का

अल क़िस्सा इस का हाल यही है तो सच कहूँ
कुत्ता है धोबी का कि न घर का न घाट का


(मिर्ज़ा मुहम्मद रफ़ी ’सौदा’ (1713-1781)


rajnish manga 27-01-2015 05:16 AM

Re: शायरी में मुहावरे
 




दामन में दाग लगा ऐसा, जिसको धो ना सके पैसा
कथनी कुछ तो करनी कुछ, दीगर फल जैसे को तैसा!

rajnish manga 27-01-2015 05:47 AM

Re: शायरी में मुहावरे
 
सावन भादों के मौसम में बादल रूठ गये
अच्छी फसलें पाने के सब सपने टूट गये
न जल बरसा न गरमी से मिली निजात
इंद्र देव क्या रूठे भाग कृषक के फूट गये

rajnish manga 12-03-2015 09:09 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 

rajnish manga 12-03-2015 09:12 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 



फैसला होता है नेकी-ओ-बदी का हर दम,
दिल को इस सीने में छोटी-सी अदालत समझो।


(शाद अज़ीमाबादी)


बहुत कुछ पाँव फैलाकर भी देखा 'शाद' दुनिया में,
मगर आख़िर जगह हमने न दो गज़ के सिवा पायी


(शाद अज़ीमाबादी)



rajnish manga 12-03-2015 09:16 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
https://mukarrar.files.wordpress.com...0&h=200&crop=1

कैसर उल जाफ़री

shayari 11-07-2015 07:28 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
Mera Name Bhi Shayari Hai, Magar Aaj Se Pehle Maine Ye Kabhi Nahi Jana Ke Shayari Mein Muhavare Yaani idioms bhi Hote Hain, Wonderful Post...
Thanks for share.

Deep_ 11-07-2015 07:44 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
शायरी जी ने आते ही फोरम पर काम शुरु कर दिया है जो बहुत खुशी की बात है। धन्यवाद!

rajnish manga 11-07-2015 10:44 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
Quote:

Originally Posted by shayari (Post 553000)
mera name bhi shayari hai, magar aaj se pehle maine ye kabhi nahi jana ke shayari mein muhavare yaani idioms bhi hote hain, wonderful post...
Thanks for share.

यह सूत्र आपको पसंद आया, यह जान कर अच्छा लगा. आपका बहुत बहुत धन्यवाद. आशा है फोरम पर आपका सहयोग मिलता रहेगा.

rajnish manga 18-08-2015 09:08 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
मैं शिकार हूँ किसी और का
ऋतेश त्रिपाठी



मैं शिकार हूँ किसी और का मुझे मारता कोई और है,
मुझे जिसने बकरी बना दिया वो भेड़िया कोई और है ।

कई सर्दियॉ भी ग़ुज़र गईं मैं उसके काम न आ सका,
मैं लिहाफ़ हूँ किसी और का मुझे ओढ़ता कोई और है।

मुझे चक्करों में फँसा दिया मुझे इश्क ने तो रुला दिया,
मैं हूँ माँग तो किसी और की मुझे मांगता कोइ और है।

मेरे रोब में तो वो आ गया मेरे सामने तो वो झुक गया,
मुझे पिट के ये ख़बर हुई मुझे पीटता कोइ और है।

जो गरजते हैं वो बरसते हों कभी हम ने ऐसा सुना नहीं,
यहाँ भोंकता कोइ और है और काटता कोइ और है।

अज़ब आदमी है ये राजभी उसे बेक़सूर ही जानिए,
ये डाकिया है जनाबे मन, इसे भेजता कोई और है ।


rajnish manga 18-08-2015 09:39 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 



सिर (या सर) चढ़ाना

छेड़ती हैं कभी लब को कभी रुखसारों को
तुमने ज़ुल्फ़ों को बड़ा सर पे चढ़ा रखा है

(ख़ामख्वाह हैदराबादी)

rajnish manga 18-08-2015 09:42 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 


अक्ल ठिकाने आना


आज कल फिर दिल-ए-बर्बाद की बातें हैं वही
हम तो समझे थे के कुछ अक्ल ठिकाने आई

(कैफ़ भोपाली)


rajnish manga 22-08-2015 10:32 AM

Re: शायरी में मुहावरे
 
मुहावरा युक्त ग़ज़ल
आदिल रशीद

कल जो राइज था आज थोड़ी है
अब वफ़ा का रिवाज थोड़ी है

जिंदगी बस तुझी को रोता रहूँ
और कोई काम काज थोड़ी है

दिल उसे अब भी बावफा समझे
वहम का कुछ इलाज थोड़ी है

आप की हाँ में हाँ मिला दूंगा
आप के घर का राज थोड़ी है

है ज़रुरत तुझे दुआओं की
मय ग़मों का इलाज थोड़ी है

वो ही क़ादिर है वो बचा लेगा
अपने हाथों में लाज थोड़ी है

वो ही हाजित रवा है राज़िक़ है
तेरी मुट्ठी में नाज थोड़ी है

उस की यादों से पार पद जाए
हर मरज़ का इलाज थोड़ी है

दाद है ये हमारी ग़ज़लों की
एक मुट्ठी अनाज थोड़ी है

उम्र भी देखो हरकतें देखो
उसको कुछ लोक लाज थोड़ी है

प्यार को प्यार ही समझ लेगा
इतना अच्छा समाज थोड़ी है

मैं शिकायत किसी से कर बैठूं
मेरा ऐसा मिज़ाज थोड़ी है

शायरी छोड़ देंगे इक दिन हम
ये मरज़ ला इलाज थोड़ी है

शब्दार्थ:
राइज = चलन / मय = मदिरा,शराब / क़ादिर = सर्वशक्तिमान, ईश्वर / हाजित रवा = ज़रुरत पूरी करने वाला / राज़िक़ = अन्नदाता


rajnish manga 26-08-2015 06:58 AM

Re: शायरी में मुहावरे
 
[indent]एक और मुहावरा युक्त ग़ज़ल
आदिल रशीद तिलहरी

जिस किसी दिन तुम उसूलो के कड़े हो जाओगे
बस उसी दिन अपने पैरों पर खड़ेहो जाओगे
[/font]
:bravo::bravo:

rajnish manga 14-05-2016 07:50 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
हर बारिश में ज़ख्म हरे हो जायेंगे,
यादों को दफ़नाने से भी क्या होगा.


(सुरेंद्र चतुर्वदी)

rajnish manga 14-05-2016 07:58 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
मुहावरा: जहाँ आँख खुली वहीं सवेरा


एक दिन जब मेरी खुली आँखें
बस तभी से हुआ सवेरा है

(महेश कटारे ‘सुगम’)

rajnish manga 14-05-2016 08:04 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
मुहावरा > सर पटकना = परेशान होना

मुसाफ़िर अपनी मंज़िल पर पहुँच कर चैन पाते हैं
वो मौजें सर पटकती हैं जिन्हें साहिल नहीं मिलता

मखदूम दहलवी


rajnish manga 14-05-2016 08:36 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
मुहावरा > साँसें उखड़ना = बहुत थक जाना


मैं मंज़िल के निशाँ कभी के छू लेता
लेकिन रस्तों की भी उखड़ी साँसें थीं !!


यूसुफ रईस

soni pushpa 23-05-2016 11:24 AM

Re: शायरी में मुहावरे
 
शायरी में मुहावरे पहले कभी नहीं पढ़े थे भाई नई जानकारी मिली हमें .. यह तो बहुत बहुत अच्छी जानकारी है .. धन्यवाद सह आभार भाई

rajnish manga 15-02-2018 10:09 AM

Re: शायरी में मुहावरे
 

rajnish manga 25-06-2018 11:13 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
'असद' ख़ुशी से मिरे हाथ पाँव फूल गए
कहा जो उस ने ज़रा मेरे पाँव दाब तो दे
मिर्ज़ा ग़ालिब

सर उड़ाने के जो वादे को मुकर्रर चाहा
हँस के बोले कि तिरे सर की क़सम है हम को
मिर्ज़ा ग़ालिब
**
छानी कहाँ ख़ाक पाया कहीं तुम्हें
मिट्टी मिरी ख़राब अबस दर-ब-दर हुई
भारतेंदु हरिश्चंद्र
**
आईना देख अपना सा मुँह ले के रह गए
साहब को दिल देने पे कितना ग़ुरूर था
मिर्ज़ा ग़ालिब
**
इतना समझ चुकी थी मैं उसके मिज़ाज को
वो जा रहा था और मैं हैरान भी न थी
Parveen Shakir


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