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प्रसारण से पहले ही लीक हुआ सू ची का भाषण
यंगून। सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित किए जाने वाला म्यामां की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची का भाषण प्रसारण से पहले ही लीक हो गया। इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों ने प्रसारण से पहले ही भाषण को देख लिया। ‘फेसबुक’ और ‘यूट्यूब’ पर डाले गए एक वीडियो में नोबेल पुरस्कार विजेता सू ची को आगामी एक अप्रेल को 48 सीटों पर होने वाले संसदीय उप-चुनाव में अपनी पार्टी ‘नेशनल लीग आफ डेमोक्रेसी’ की दावेदारी करती नजर आ रही हैं। सभी 17 पार्टियों को सरकारी टीवी पर अपनी नीतियों के प्रोत्साहन के लिए 15-15 मिनट का वक्त दिया गया था। रिकॉर्ड किए गए और लीक हो गए ‘नेशनल लीग आफ डेमोक्रेसी’ के बयान को 14 मार्च और 22 मार्च को प्रसारित किया जाना था। |
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इसराइल और इस्लामिक जेहाद गाजा में संघर्षविराम पर सहमत
गाजा सिटी। मिस्र की मध्यस्थता से इसराइल और गाजा में उग्रवादियों के बीच ‘संघर्षविराम ’ हो गया है। पिछले चार दिन से क्षेत्र में जारी हिंसा में 25 व्यक्ति मारे जा चुके हैं। मिस्र के एक खुफिया अधिकारी ने बताया कि संघर्षविराम तड़के एक बजे से अस्तित्त में आया। आपसी सहमति से हुई सहमति से इसराइल और इस्लामिक जेहाद के उग्रवादी दोनों हमले बंद करने पर सहमत हो गए हैं। इस्लामिक जेहाद को दक्षिणी इसराइल में रॉकेट दागने के लिए जिम्मेदार माना जाता है जिसके जवाब में इसराइली ने हवाई हमले किए। इसाइली अधिकारियों और इस्लामिक जेहाद दोनों ने इस बात की पुष्टि की है कि संघर्षविराम लागू हो गया है। रक्षा मंत्री माटन विलनाई ने इसराइली रेडियो को बताया कि एक समझबूझ बनी है और दोनों पक्षों ने ‘व्यवस्थाएं ’ की हैं लेकिन कोई लिखित समझौता नहीं है। गाजा में इस्लामिक जेहाद के एक प्रवक्ता ने कहा कि अगर इसराइल लक्षित हमले बंद करता है तो हम समझौते का सम्मान करेंगे। इसराइल ने भी यही संदेश दिया है। |
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हैकिंग में रेबेका ब्रुक्स, उनके पति समेत छह गिरफ्तार
लंदन। फोन हैकिंग मामले में मीडिया मुगल रूपर्ट मर्डोक की सहयोगी और न्यूज आफ द वर्ल्ड की पूर्व सम्पादक रेबेका ब्रुक्स और उनके पति समेत छह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। 43 साल की ब्रुक्स तथा रेस के घोड़ों के प्रशिक्षक और उनके करोड़पति पति चार्ली को चिपिंग नॉर्टन स्थित उनके घर से मेट्रोपॉलिटन पुलिस द्वारा छापे के बाद गिरफ्तार किया गया। मेट्रोपॉलिटन पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस ने लंदन, आक्सफोर्डशार, हैम्पशार और हर्टफोर्डशार से छह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि ये गिरफ्तारियां सुबह पांच से सात बजे के बीच आपरेशन विटिंग के अधिकारियों ने फोन हैकिंग मामले की जांच के सिलसिले में की। प्रवक्ता ने कहा कि पांच व्यक्तियों और एक महिला को न्याय की दिशा को गुमराह करने की साजिश के संदेह में गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तारियों से जुड़े कई पतों पर तलाशी जारी है। आपरेशन विटिंग में अब तक 23 लोग को गिरफ्तार और जमानत पर रिहा किया जा चुका है। |
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जयपुर और गाजियाबाद में खुलेगा जासूसी स्कूल
नई दिल्ली। जयपुर और गाजियाबाद में केन्द्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण विद्यालयों की स्थापना की जाएगी। गृह राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि इस समय चंडीगढ़, कोलकाता और हैदराबाद में तीन केन्द्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण विद्यालय हैं। मंत्रालय ने राजस्थान के जयपुर और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में दो अतिरिक्त केन्द्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण विद्यालयों की स्थापना की भी मंजूरी दी गई है। ये संस्थान केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों के कार्मिको सहित राज्यों के पुलिस कार्मिकों को प्रशिक्षण देते हैं। उन्होंने बताया कि नए विद्यालयों में प्रत्येक की स्थापना पर 55 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इनके 12वीं योजना अवधि के दौरान पूर्ण रूप से स्थापित कर दिए जाने की संभावना है। |
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विजय बहुगुणा ने ली उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ
देहरादून/नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद विजय बहुगुणा को मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। सांसद हरीश रावत के विद्रोह को कांग्रेस द्वारा निष्प्रभावी किए जाने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। रावत ने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी। दिवंगत कांग्रेस नेता हेमवती नंदन बहुगुणा के पुत्र 65 वर्षीय बहुगुणा ने यहां परेड ग्राउन्ड में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में अकेले पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। उनके साथ किसी अन्य मंत्री ने शपथ नहीं ली। अपने शपथ ग्रहण से पहले बहुगुणा ने संवाददाताओं से कहा कि छह और मंत्रियों को आला कमान से सलाह-मशविरे के बाद तीन या चार दिनों में मंत्री परिषद में शामिल किया जाएगा। राज्यपाल मार्गरेट अल्वा ने उन्हें शपथ दिलाई। शपथग्रहण समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी, कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक गुलाम नबी आजाद, वीरेंद्र सिंह, पार्टी सांसद सतपाल महाराज, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्य और बहुगुणा की बहन रीता बहुगुणा जोशी मौजूद थीं। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कांग्रेस के 32 विधायकों में से सिर्फ 11 मौजूद थे। उनके साथ तीन निर्दलीय विधायक मंत्री प्रसाद नेतानी, हरीष दुर्गापाल और दिनेश तन्हाई और उत्तराखंड क्रांति दल के विधायक प्रीतम सिंह पंवार मौजूद थे। मुख्यमंत्री पद के अन्य दावेदार और कांग्रेस के नेता हरक सिंह रावत और इंदिरा हृदयेश की अनुपस्थिति साफ तौर पर देखी जा रही थी। साथ ही हरीश रावत समर्थकों की भी अनुपस्थिति साफ झलक रही थी। 70 सदस्यीय राज्य विधानसभा में कांग्रेस को 32 सीटें मिली हैं। वहीं भाजपा को 31 सीटें मिलीं। कांग्रेस तीन निर्दलीयों, तीन बसपा विधायकों और उत्तराखंड क्रांति दल (के) के एक विधायक का समर्थन हासिल करने में कामयाब रही, लेकिन रावत के बगावत ने पार्टी नेतृत्व को आश्चर्यचकित किया है। ऐसा समझा जाता है कि अच्छी खासी संख्या में रावत को विधायकों का समर्थन हासिल है। पार्टी के फैसले से नाराज रावत ने कथित तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर इस्तीफा देने की पेशकश की। राजधानी में उनके समर्थकों ने दावा किया कि रावत ने इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, रावत ने खुद इसकी पुष्टि करने या खंडन करने से इन्कार कर दिया। शपथ ग्रहण समारोह रावत और उनके समर्थकों के दिल्ली स्थित उनके आवास पर गुप्त बैठक करने के बीच हुआ। मुख्यमंत्री बनाए जाने की केंद्रीय मंत्री की मांग को आला कमान द्वारा खारिज किए जाने के बाद वे अपनी अगली रणनीति पर विचार कर रहे हैं। राजपूत नेता रावत 1980 में भाजपा के कद्दावर नेता मुरली मनोहर जोशी को हराकर पहली बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में वह तब पीछे छूट गए जब सोनिया गांधी ने इस पद के लिए बहुगुणा को चुना। दस साल पहले उनकी जगह नारायण दत्त तिवारी को तरजीह देकर मुख्यमंत्री बनाया गया था। विद्रोह के बीच इस बात को लेकर अनिश्चितता है कि क्या पार्टी अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगी, लेकिन कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने मुख्यमंत्री पद के लिए चुने गए व्यक्ति में बदलाव किए जाने से इंकार किया। बहुगुणा के शपथग्रहण करने के बीच रावत के करीबी कांग्रेस सांसद प्रदीप टम्टा ने दिल्ली में रावत के आवास के बाहर यह कहकर खलबली मचा दी कि वे बहुगुणा को अपना नेता स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि उन्होंने चुनाव के दौरान पार्टी के खिलाफ काम किया था। उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान ने इससे पहले भी रावत के साथ खेल खेला था, जिसे एकबार फिर दोहराया गया है। टम्टा ने उन खबरों का खंडन किया कि रावत ने भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी या भाजपा के किसी अन्य नेता से मुलाकात या बातचीत की थी। रावत के बगावत करने के बारे में पूछे जाने पर बहुगुणा ने कहा कि पार्टी किसी भी तरह के संकट से निपटने के लिए तैयार है। यह दबाव की रणनीति है। हम इससे निपट लेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि रावत कांग्रेस के सदस्य हैं और वह सांप्रदायिक शक्तियों के साथ नहीं जाएंगे। |
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नेतृत्व का मतलब निजी भावनाओं से उबरना है : कांग्रेस
नई दिल्ली। प्रदेश कांग्रेस में विद्रोह के संकेतों और विजय बहुगुणा के उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बीच कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री हरीश रावत को संदेश दिया कि नेतृत्व का मतलब ‘वैध निराशा’ की स्थिति में भी निजी भावनाओं से उबरना है। रावत द्वारा केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा देने की अटकलों और उनके समर्थकों द्वारा विरोध जताने के बीच नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर उठे विवाद को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि पार्टी नेता जरूरी बातचीत करेंगे और उम्मीद है कि विवाद समाप्त हो जाएगा। तिवारी ने कहा कि ‘प्रतिस्पर्धी दावों के बीच फैसला किया जाना था, कुछ लोग जो इस पद के आकांक्षी होंगे उन्हें किसी तरह की जायज निराशा हो सकती है। नेतृत्व मांग करता है कि व्यापक हित में निजी भावनाओं पर नियंत्रण की जरूरत है। तिवारी ने साथ ही कहा कि रावत लंबे समय से कांग्रेस के नेता रहे हैं और राजनीति में छात्र नेता से मौजूदा पद तक पहुंचे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस ऐसे मामलों में कुछ प्रक्रियाओं का अनुसरण करती है और उत्तराखंड के मामले में भी इसका अनुसरण किया गया है। उन्होंने इस सवाल पर अनभिज्ञयता जाहिर की कि क्या रावत ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह या कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा है। |
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भाजपा से संपर्क की खबरों का खंडन किया हरीश रावत ने
नई दिल्ली। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री नहीं बनाये जाने से नाराज केंद्रीय मंत्री हरीश रावत ने इन रिपोर्टों का खंडन किया कि वह राज्य में सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी के संपर्क में हैं। रावत ने आज रात यहां कहा कि वह कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि उनके भाजपा नेताओं से संपर्क करने की अफवाहें निहित स्वार्थी तत्व फैला रहे हैं। उल्लेखनीय हे कि उत्तराखंड में सांसद विजय बहुगुणा आज मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। रावत के समर्थक विधायक शपथ ग्रहण समारोह में नहीं गये। वह तथा उनके समर्थक बहुगुणा को मुख्यमंत्री बनाये जाने का विरोध कर रहे हें। ऐसी चर्चा है कि रावत ने विरोध स्वरप केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया है। सांसद प्रदीप टम्टा भी रावत के समर्थन में खुलकर उतर आये हैं। उन्होंने कहा हे कि श्री रावत के साथ अन्याय हुआ है। |
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संकट का समाधान हो जाएगा : बहुगुणा
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद विजय बहुगुणा ने कहा कि कांग्रेस नेता हरीश रावत और पार्टी के अन्य विधायकों की बगावत के मद्देनजर राज्य में सत्तारूढ पार्टी में छाये संकट का हल कर लिया जाएगा तथा वह उनका समर्थन फिर से हासिल करने में सक्षम हो जाएंगे। बहुगुणा ने यहां संवाददाताओं से बताया, ‘‘हरीश रावत ने हमेशा ही विहिप जैसे साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। यह कोई बगावत नहीं है। यह एक पारिवारिक मामला है और हम इसका हल करने में सक्षम होंगे।’’ उन्होंने आशा जताई कि वह रावत का समर्थन वापस हासिल करने में सक्षम होंगे। उन्होंने यह कह कर इस संकट को तूल नहीं देने की कोशिश की कि इस तरह के मामले विभिन्न घरों और पार्टियों में होते रहते हैं। बहुगुणा ने कहा, ‘‘यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। इस तरह के मामले हमारे घरों में होते रहते हैं।’’ इस बात का जिक्र किए जाने पर कि पार्टी के ज्यादातर विधायक शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद नहीं थे, बहुगुणा ने कहा, ‘‘यह संख्या बल का मामला नहीं है। हम सभी एक परिवार के सदस्य हैं। हम उनका समर्थन वापस हासिल कर लेंगे।’’ उन्होंने कहा कि वह राज्य की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करेंगे और इसके लिए उन्होंने उच्च अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव के दौरान किए गए सभी वादों को पूरा करना मेरी प्रमुख प्राथमिकता होगी।’’ |
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स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद को प्रधानमंत्री के दूत जायसवाल भी नहीं मना सके
वाराणसी। गंगा की अविरलता और निर्मलता बनाये रखने के लिए अन्न जल त्याग आंदोलन चला रहे स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद को प्रधानमंत्री के दूत केन्द्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल भी नहीं मना सके। श्रीप्रकाश शाम को कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल पहुंचे और स्वामी सानंद का हालचाल लिया, लेकिन दोनों के बीच लगभग 20 मिनट तक चली बातचीत विफल रही। स्वामीजी ने अनशन समाप्त कराने के लिए 11 प्रोजेक्ट बंद करने की मांग उठायी है। श्रीप्रकाश ने इस पर प्रधानमंत्री से वार्ता कर किसी भी निर्णय पर पहुंचने के लिए तीन दिन का समय मांगा है। स्वामी सानंद से वार्ता के बाद कोयला मंत्री ने इमरजेंसी वार्ड के बगल के कमरे में मैग्सेसे पुरस्कार विजेता राजेंद्र सिंह, श्रीविद्या मठ के प्रभारी स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद, पूर्व सांसद राजेश मिश्र व कांग्रेस जिलाध्यक्ष मणिशंकर पाण्डेय से लगभग ढाई घंटे तक बातचीत की। वार्ता के दौरान स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद मंत्री की बातों को लेकर स्वामी सानंद के पास गये, लेकिन उन्होंने कुछ भी मानने से इनकार कर दिया। श्रीप्रकाश ने बाद में सर्किट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि गंगा बेसिन बोर्ड की बैठक 17 अप्रैल को दिल्ली में होगी। स्वामी ने जिन प्रोजेक्टों को बंद करने की मांग उठायी है, यदि उन पर अमल किया जाये तो उत्तर प्रदेश में बिजली संकट बढ जायेगा। स्वामी जी के अन्न जल त्यागने को लेकर सरकार चिंतित है। उन्होंने कहा कि गंगा बेसिन बोर्ड की बैठक में स्वामी सानंद ने सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बुलाने की मांग के साथ कई अन्य सुझाव दिये हैं। इनमें कुछ प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जो विभिन्न मंत्रालयों के हैं और सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में चल रहे हैं। दिल्ली में उनकी वस्तुस्थिति का अवलोकन किया जायेगा, तभी कोई निर्णय हो सकेगा। |
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कांग्रेस ने चेताया, राष्ट्रपति अभिभाषण में तृणमूल कांग्रेस के संशोधन महंगे साबित हो सकते हैं
नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस द्वारा राष्ट्रपति अभिभाषण में संशोधन पेश करने के बाद कांग्रेस ने गठबंधन सहयोगियों को चेताते हुए कहा कि इस तरह के कदम सरकार की स्थिरता को खतरे में डाल सकते हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मेजबानी में आयोजित रात्रिभोज में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने चेताया कि राष्ट्रपति अभिभाषण में संशोधन या बजट में कटौती प्रस्ताव सरकार के लिए महंगे साबित हो सकता है। उच्चपदस्थ सूत्रों ने कहा कि रात्रिभोज बैठक में गठबंधन सहयोगियों को तौरतरीके बताए गए। हालांकि रात्रिभोज में एक नेता को छोड़कर तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष संसदीय नेता नहीं पहुंचे। सूत्रों ने कहा कि मुखर्जी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में एनसीटीसी पर पैराग्राफ हटाने की मांग वाले तृणमूल कांग्रेस के संशोधन जैसे कदम सरकार के लिए महंगे साबित हो सकते हैं। उन्होंने तृणमूल से मांग की कि वह संशोधन पर न अड़कर इसे वापस ले ले। मुखर्जी ने कहा कि यह पार्टी सत्तारूढ गठबंधन का हिस्सा है और उसके लिए इस तरह के कदम उठाना सही नहीं है। एक सूत्र ने कहा, ‘‘तौरतरीके बताए गए। अगर कटौती प्रस्ताव स्वीकार किया गया तो...’’ तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधि रत्न डे नाग ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार को अस्थिर नहीं करना चाहती और वह केवल पश्चिम बंगाल के लिए अच्छा वित्तीय पैकेज हासिल करने की इच्छुक है। इससे पहले तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने संशोधन पेश करके एनसीटीसी पर पैराग्राफ हटाने की मांग की। सामान्यत: संशोधन विपक्ष की ओर से पेश किये जाते हैं। |
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