Re: ------------गुस्सा------------
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साभार- नवभारत टाइम्स (सभी चित्र एवं आलेख)
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[QUOTE=Arvind Shah;540120]मित्रों अब मेरी कही बातों को समझने के लिए रजनिशजी द्वारा पोस्ट की गई पोस्ट संख्या 8 में दिये इन उदाहरणों को समझते है—
इस उदाहरण में आसक्ति टूथपेस्ट की थी और अपेक्षा दूसरे कैदी द्वारा उसे प्रस्तुत करने की थी !! 4. पति पत्नी में झगड़ा हुआ तो पति ने क्रोध में आ कर बच्चों समेत पत्नी की हत्या कर दी .. क्रमश:...[/QUOT धन्यवाद अरविन्दजी ,... मेरे ख्याल से रजनीश जी ने जो उदहारण दिए हैं, उसमे आखरी वाले उदहारण में उन्होंने पहले ही क्रोध शब्द का उपयोग किया है सो मानसिक विकार नही किन्तु क्रोध याने की गुस्से की वजह से मारा तो मेरा मन्ना है की गुस्सा वजह था न की मानसिक असंतुलन आपकी क्या राय है ? |
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रजत जी बहुत बहुत धन्यवाद .... आपने बहुत अछे समाधान बताये हैं .. गुस्सा शांत करने केलिए .. ... |
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very nice
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[QUOTE=soni pushpa;540145]
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सोनीजी, इस उदाहरण में मेने मानसिक विकार की बात क्यों कही ये समझीयेगा — शुरूआत में मेने जो चार कषाय बताई वे सब की सब सामान्यत: सभी लोगों में अपने सामान्य स्तर में विद्यमान रहती है । हम सभी सामाजिक प्राणी है । आध्यात्मिक भाषा में बोलें तो संसारी जीव ! ये चों कषाय अपने सामान्य स्वरूप में हममें विद्यमान रहने के कारण ही हम सब गतिशिल रहते है ! इनमें से क्रोध कषाय भी अपने सामान्य रूप में हानिकारक नहीं कहीं जा सकती ! क्यों की परिवार में एक दूसरें से बहुत ही अपेक्षाएं होती है । जिस परिवार में एक दूसरे की अपेक्षाओं में पुरे उतरते है उस परिवार को लोग सामान्यत: सुखी परिवार के रूप में जानते है । दो बर्तन साथ रहेंगे तो खनख्नाहट स्वाभाविक है ! ...पर खकते खनकेत रोड़ पर आ जाएं ....ये अस्वाभाविक स्थिति है !! क्रोध कषाय की तिव्रतम स्थिति में व्यक्ति आत्मधात तक कर लेता है ! अब आप स्वयं निर्णय लिजिये कि जो व्यक्ति क्रोध की अधिकता में स्वघात या अपने परिवार का भी घात करने को उतारूहो जाएं उसे क्या कहेंगे ! ... सिर्फ क्रोध !!! नहीं बिल्कुल नहीं ! ऐसे व्यक्ति को मनोचिकित्सक की सक्त जरूरत है !! क्रोध बुद्धि का हरण कर लेता है ! एसे व्यक्ति की बुद्धि को ताला लग चुका होता है ! उसको खोलने की चाभी मनोचिकित्सक के पास या काउन्सलर के पास ही होती है !! |
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dhanywad arvindji ,... आपको नही लगता की ये भी क्रोध की पराकाष्ठा के फलस्वरूप होता है. .और क्रोध को वश करने के तरीके यदि अपना लिए जाय तो मानव जीवन के कई अनिष्ट होते_ होते रह जाय.
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