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rajnish manga 02-04-2014 07:58 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
मुहावरा > खाक़ छानना

भावार्थ:

किसी चीज की तलाश में भटकना

उदाहरण:

क्यों खाक़ छानता है दिला कू-ब-कू अबस
मिस्ले-सबा है उसकी तुझे जुस्तजू अबस

कू-ब-कू = हर दिशा में / अबस = व्यर्थ / मिस्ले-सबा = हवा की भांति

(शायर: कोशकार स्वयं)

rajnish manga 02-04-2014 08:00 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
मुहावरा > खाला का घर नहीं

भावार्थ:

आराम और शांति का ठिकाना

उदाहरण:

दिल देने पर है जी तो करो खानमाँ ख़राब
ये आशिक़ी है शैख़ जी खाला का घर नहीं

(शायर: मो. हसन ‘मोहसिन’)

rajnish manga 02-04-2014 08:03 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
मुहावरा > ख़बर-अतर

भावार्थ:

किसी के बारे में (शुभ या अशुभ) सूचना

उदाहरण:

बादे-सबा से ज़ुल्फे-मुअत्तर की हम तलक
मुद्दत हुई कि पहुंची नहीं कुछ खबर अतर

(शायर: मीर सज्जाद)

rajnish manga 02-04-2014 08:09 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
मुहावरा > दांत निकालने
(इससे मिलता जुलता मुहावरा है- खीसे निपोरने)

भावार्थ:
1. दीनता व नम्रता दिखाना
2. हँसना

उदाहरण:
1. जुल्फों के जब उलझते हैं उस पास आके बाल
देता है शाना आजिज़ी से दांत तब निकाल

(शायर: मीर सज्जाद)

2. सुन ‘सोज़’ अबस देख के हैरां होगा, खूबां का जमाल
दिल ज़ुल्फ़ में उलझेगा परेशां होगा, मत दांत निकाल

(शायर: मीर सोज़)

rajnish manga 04-04-2014 10:55 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
मुहावरा > दोनों वक़्त का मिलना

भावार्थ:

आम धारणा के अनुसार तीसरे पहर और संध्या के बीच का समय

उदाहरण:

न लेट इस तर्ह मुंह पर ज़ुल्फ़ को बिखरा के ऐ ज़ालिम
ज़रा उठ बैठ तू इस दम कि दोनों वक़्त मिलते हैं

(शायर: मीर हसन)

rajnish manga 04-04-2014 10:57 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
मुहावरा > दिन को दिन, रात को रात न जानना

भावार्थ:

गहरी तल्लीनता / सारे संसार से बेख़बर होना

उदाहरण:

क्या कहिये कटी हिज्र में क्योंकर औक़ात
नै ख्वाबो-ख़ुरिश ध्यान में, नै मौतों-हयात
दिन रात ख़याले-ज़ुल्फो- रूखे- पेशे- नज़र
जाना नहीं, आह, दिन को दिन रात को रात

(शायर: मिर्ज़ा अली नकी ‘महशर’)

rajnish manga 04-04-2014 10:58 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
मुहावरा > दौड़ धूप करना

भावार्थ:

किसी ख़ास काम के लिये कठिन प्रयास करना

उदाहरण:

तन्हा न एक चाँद है गर्दिश में तुझ हुज़ूर
करता है आफ़ताब भी तुझ आगे दौड़ धूप

(गर्दिश में तुझ हुज़ूर = तेरे आगे पीछे चक्कर लगना / आफ़ताब = सूरज)


(शायर: मीर सज्जाद)

rajnish manga 04-04-2014 11:00 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
मुहावरा > दिल-गुर्दा

भावार्थ:

शूरवीरों की तरह साहस दिखाना

उदाहरण:

नज़र आता था बकरी सा, किया पर ज़िब्ह शेरों को
न जाना मैं कि ये कस्साब का रखता है दिल गुर्दा

(शायर: मो. क़ायम)

Dr.Shree Vijay 05-04-2014 11:13 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 

एक से बढकर एक सुंदर मुहावरे.........


rajnish manga 08-04-2014 12:22 AM

Re: शायरी में मुहावरे
 
मुहावरा > धक रह जाना या धक हो जाना

भावार्थ:

घबराहट से या कोई चिंताजनक समाचार सुन कर दिल पर अचानक आघात लगना अथवा डर जाना

उदाहरण:

एक बारी धक से होकर जी से फिर निकली न सांस
किस शिकार अंदाज़ का ये तीर बेआवाज़ है


(शायर: मीर सोज़)


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