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jitendragarg 10-06-2011 02:45 PM

Re: My hindi forum का इतिहास
 
baat to sahi hai amit bhai, ki forum jeevan ka hissa hai, pura jeevan nahi. par kuch log is tarah ke hote hai, jo jeevan ke ek hisse ki samasya ko pure jeevan ki samasya maan lete hai. aise me un log ke jeevan ka ek hissa itna bura rahega to wo log ulti seedhi harkatein kar sakte hai. aise me un log ko jyada bura bolne se koi khaas faayda nahi. insaan ka mizaaz to badla nahi ja sakta na! bas, baaki log ko samasya nahi hone dena hi apna kaam hai!

:cheers:

slimsima 11-06-2011 12:25 PM

Re: My hindi forum का इतिहास
 
kya baat he waah waah

slimsima 11-06-2011 12:25 PM

Re: My hindi forum का इतिहास
 
aur post karo

arvind 11-06-2011 01:36 PM

Re: My hindi forum का इतिहास
 
Quote:

Originally Posted by slimsima (Post 91890)
kya baat he waah waah

Quote:

Originally Posted by slimsima (Post 91891)
aur post karo

स्लिमसीमा जी, आपका फोरम पर बहुत-बहुत स्वागत है। इतिहास को बहुत जल्द आगे बढ़ाया जाएगा, तब तक आप फोरम के अन्य सूत्रो का भी भ्रमण करे।
धन्यवाद।

YUVRAJ 20-06-2011 06:02 AM

Re: फोरम का इतिहास
 
अहा हा हा हा ... :lol:
अमित भाई जी ...:)
पर कुछ लोगों को यही भ्रम हो जाता है इससे पहले "नमून्नेराजा" और अब उन्हीं का एक और शागिर्द .... :lol:
Quote:

Originally Posted by amit_tiwari (Post 91782)
लाख टके की बात कही भाई

फोरम पर किसी ने क्या किया वो उसका चरित्र नहीं हो सकता, फिर उसे दिल से क्या लगाना, फोरम सिर्फ जीवन का हिस्सा है, जीवन नहीं |
नियामक कोई जज नहीं हैं जो अगर किसी को बैन कर दें तो उसका चरित्र हनन हो गया, ये सिर्फ प्रक्रिया है जो उनके हिसाब से बाकी सदस्यों के लिए सुविधाजनक होगी |
जैसे कल युवराज भाई बैन हो गए, मेरा उनसे व्यक्तिगत संपर्क है किन्तु उन्होंने एक के बाद एक पहले निशांत जी के लिए कुछ कहा और फिर सह प्रशासक के लिए | नतीजा इनफ्रैक्शन मिली और १० दिन का बैन |
इसमें कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है, ये एक प्रक्रिया है |
यदि हम सामान्य सूत्रों पर तू तड़ाक चलने दें तो क्या सूरत-ए-हाल होगा ???


YUVRAJ 20-06-2011 06:58 AM

Re: My hindi forum का इतिहास
 
अब कुछ बातें उनकी हो जाये ...जिनकी मेहनत से आज हमें एक प्यारा-प्यारा मंच मिला ...

यू तो फोरम दुनियाँ के तमाम प्रशासकों से नजदीकियां हैं पर अभि भाई से काफी कुछ ऐसा सीखा जिसे शब्दों में पिरोना काफी मुश्किल है पर प्रयास करता हूँ ...
एक सौम्य और शान्त व्यक्तित्व, कर्म के प्रति निष्ठावान हर पल कुछ नया करने की चाहत.. मंच के पुराने दिनों में चलभाष पर काफी परिचर्चा हुई और संजाल पर एक अच्छे इन्शान को पाया.. असामान्य परिस्थितियों में भी निर्णय कैसे और क्या लिये जायें...
मंच जितना भी सुस्त चले पर विषय सामान्य और यूवाओं पर ही केन्द्रित हो ... तमाम सेक्स कुंठित व्यक्तित्व के स्वामीयों से अकेले ही मोर्चा सभालते हुये आज माई हिन्दी फोरम जिस मुकाम पर है ..उसके लिये अभि जी सम्मान और आभार के सच्चे हकदार हैं ...


कबीर जी के ये दो शब्द अभि जी के लियें

मोह फंद सब फाँदिया, कोइ न सकै निराबार/
कोइ साधू जन पारखी, बिरला तत्व बिचार//

Ranveer 21-06-2011 01:29 AM

Re: फोरम का इतिहास
 
Quote:

Originally Posted by amit_tiwari (Post 91782)
लाख टके की बात कही भाई

फोरम पर किसी ने क्या किया वो उसका चरित्र नहीं हो सकता, फिर उसे दिल से क्या लगाना, फोरम सिर्फ जीवन का हिस्सा है, जीवन नहीं |
नियामक कोई जज नहीं हैं जो अगर किसी को बैन कर दें तो उसका चरित्र हनन हो गया, ये सिर्फ प्रक्रिया है जो उनके हिसाब से बाकी सदस्यों के लिए सुविधाजनक होगी |
जैसे कल युवराज भाई बैन हो गए, मेरा उनसे व्यक्तिगत संपर्क है किन्तु उन्होंने एक के बाद एक पहले निशांत जी के लिए कुछ कहा और फिर सह प्रशासक के लिए | नतीजा इनफ्रैक्शन मिली और १० दिन का बैन |
इसमें कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है, ये एक प्रक्रिया है |
यदि हम सामान्य सूत्रों पर तू तड़ाक चलने दें तो क्या सूरत-ए-हाल होगा ???

प्यारे दोस्तों !!
आपलोग मेरी बातों पर गौर फरमाएं |
यदि कोई बैन किया जाता है तो निश्चित है की उसने कुछ न कुछ नियमभंग किया ही होगा |
अब जब कोई व्यक्ति सामान्य फोरम के नियम की समझ नहीं रखता है तो कैसे कहा जा सकता है सामान्य जीवन में वो स्वस्थ मानसिकता के रूप से जीता होगा ??
यह कैसे कहा जा सकता है की जो स्वभाव आप फोरम पर दिखा रहें हैं वो आप न निजी जिंदगी में न दिखाते होंगे ?
आखिर कुछ तो आपके व्यक्तित्व का प्रतिविम्ब यहाँ दिखता ही है ?
यदि आप एक फोरम के नियम को ध्यान नहीं रख पाते तो क्या गारंटी है की जिंदगी के नियम को ध्यान रख पातें होगे ?
क्या तू - तड़ाक किये बिना बात असरदार नहीं होती :lol:


Quote:

Originally Posted by YUVRAJ (Post 92912)
अहा हा हा हा ... :lol:
अमित भाई जी ...:)
पर कुछ लोगों को यही भ्रम हो जाता है इससे पहले "नमून्नेराजा" और अब उन्हीं का एक और शागिर्द .... :lol:

एक उदाहरण देखिये ....
ये जनाब किसकी ओर इशारा कर रहें हैं
मुझे लगता है जय जी की ओर...
क्या ये तरीका सही है ???


YUVRAJ 21-06-2011 07:52 AM

Re: फोरम का इतिहास
 
अहा हा हा हा ....:lol:
जनाब के इशारे को आपने गलत समझा :tomato: और तरीके की बात की जाये तो ये व्यक्ति विशेष की सोच पर निर्भर करता है ...:)
और उसे पूरी स्वतंत्रता है कि अर्थ का अनर्थ निकाले ...:think:
महाप्रभू {जय भाई} जी की बात की जाये तो उनके प्रति हमारे मन में किसी प्रकार का दुर्भाव नहीं है और हम उनकी इज्जत करतें हैं ...यदा-कदा चलभाष के माध्यम से संपर्क में भी रहता हूँ ...
धन्यवाद/

Quote:

Originally Posted by Ranveer (Post 92980)
[B]
एक उदाहरण देखिये ....
ये जनाब किसकी ओर इशारा कर रहें हैं
मुझे लगता है जय जी की ओर...
क्या ये तरीका सही है ???



arvind 21-06-2011 10:22 AM

Re: My hindi forum का इतिहास
 
कुछ दिनो के लिए यह सूत्र बंद किया जाता है......
फिर से हम वापस आएंगे और इतिहास को आगे बढ़ाएँगे।

धन्यवाद।

Dark Saint Alaick 29-11-2011 10:20 PM

Re: My hindi forum का इतिहास
 
Quote:

Originally Posted by arvind (Post 85264)
धीरे-धीरे सदस्यता बढ़ती जा रही थी। एक और घटना का जिक्र करना चाहूँगा:

इस बीच मार्च के अंत मे प्रबंधन सदस्यो के बीच अप्रैल-फूल को लेकर कुछ नया करने कि बात आई। वैसे तो अनेकों योजनाए बनी, परंतु सर्व-सम्मति से तय हुआ कि एक रेयालिटी शो किया जाय, जिसमे जितेंद्र जी और अभिषेक जी के बीच झगड़ा होगा। इस झगड़े मे नियामक दो गुटो मे बट जाएँगे। एक गुट अभिषेक जी को सपोर्ट करेगा और दूसरा जितेंद्र जी का। अभिषेक जी के स्पोर्टर बने भूमि जी और मै। जबकि सिकंदर जी और अमित जी, जितेंद्र जी के स्पोर्टर थे।

योजना के अनुसार जितेंद्र जी ने एक नया सूत्र बनाया "MyHindiForum की बेड़ियाँ"। इस फोरम के शुरू होते ही सभी प्रबंधन सदस्य योजना अनुसार काम करने लगे। इसमे बहुत सारे सदस्यो की प्रतिक्रिया वास्तव मे उनके इस फोरम के प्रति लगाव सराहनीय थी। सागर जी और खालिद जी समेत अन्य सदस्य जहा इस तथाकथित झगड़े से सचमुच बहुत क्षुब्ध दिखे, वही कुछ नए-नए ID का पर्दार्पण कर इस झगड़े को लुत्फ भी उठाने लगे थे।


हा... हा... हा... इस पोस्ट को अभी कुछ दिन पहले देख कर मैं भी बेवकूफ़ बन गया था ! :giggle:


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