Re: सावधान :.........
धन्यवाद ,इतनी जानकारी देने के लिए।
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सावधान! कैंसर का मरीज भी बना सकता है गोलगप्पों का पानी !......... http://i10.dainikbhaskar.com/thumbna.../09/5718_1.jpg (वडोदरा फूड विभाग ने शहर के सैकड़ों पानीपुरी के ठेलों पर की कार्रवाई) वडोदरा (गुजरात) :...... पानीपुरी यानी कि गोलगप्पों का नाम सुनते ही मुंह में पानी आने लगता है, लेकिन आप यह जानकर चौंक उठेंगे कि यह सिर्फ लीवर के लिए ही नुकसानदायक नहीं, बल्कि इससे कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी भी हो सकती है। जी हां, अधिकतर पानीपुरी वाले इसके पानी में कलर और बासी मावे का भी उपयोग करते हैं। वडोदरा के फूड विभाग ने शहर के सैकड़ों पानीपुरी के ठेलों पर लगातार 10 दिनों तक छापेमारी की कार्रवाई करते हुए इस बात का खुलासा किया है। जांच में यह भी पाया गया कि पानीपुरी का पानी भी शुद्ध नहीं होता, वहीं इसमें पुदीने की जगह सिंथेटिक कलर का उपयोग किया जाता है। इसीलिए इसके अधिक सेवन से पेट और आंतों पर पड़ता है। आंतों पर पड़ने वाला यह असर कैंसर जैसी घातक बीमारी का भी कारण बन सकता है :......... दैनिक भास्कर के सौजन्य से : |
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सावधान! कैंसर का मरीज भी बना सकता है गोलगप्पों का पानी !......... http://i10.dainikbhaskar.com/thumbna.../09/5721_2.jpg (वडोदरा खाद्य विभाग के अधिकारियों ने गोलगप्पों के हानिकारक पानी को नष्ट करवाया) वडोदरा (गुजरात) :...... आमतौर पर एक व्यक्ति 100 मिली पानीपुरी का सेवन करता है। ज्यादातर दुकानदार पानीपुरी के लिए फिल्टर पानी का उपयोग नहीं करते, जो घातक रोगों का कारण बनता है। इसके अलावा पानीपुरी के पानी को ठंडा रखने के लिए बर्फ भी उपयोग में लाई जाती है। आमतौर पर फैक्ट्रियों में बनी बर्फ गंदे पानी की बनी होती है, जो पेट के संक्रमण को बढ़ाती है। ये रोग हो सकते हैं... - उल्टी-दस्त - पेट दर्द - श्वास की बीमारी - चर्मरोग :......... दैनिक भास्कर के सौजन्य से : |
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सावधान! कैंसर का मरीज भी बना सकता है गोलगप्पों का पानी !......... http://i10.dainikbhaskar.com/thumbna.../09/5723_3.jpg (वडोदरा खाद्य विभाग के अधिकारियों ने गोलगप्पों के हानिकारक पानी को नष्ट करवाया) वडोदरा (गुजरात) :...... मटकों और टंकियों की नहीं होती रोजाना सफाई : पानीपुरी वाले पानी को तीखा करने के लिए मसाले मिलाने के बजाय उसमें एसिड या ऐसी ही अन्य वस्तुएं मिला देते हैं, जो काफी हानिकारक होती हैं। इसके अलावा पानीपुरी के मटकों की रोज सफाई नहीं की जाती। दरअसल इसमें रोजाना ही पानी बचा रहता है, जिसे फेंका नहीं जाता। जो पानी शाम को बच जाता है, उसमें ही दूसरे दिन और पानी तैयार कर दिया जाता है। इससे पानी में कीटाणु पैदा हो जाते हैं और वे हमारे शरीर में जाकर बीमारियां फैलाते हैं :......... दैनिक भास्कर के सौजन्य से : |
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सावधान! कैंसर का मरीज भी बना सकता है गोलगप्पों का पानी !......... http://i10.dainikbhaskar.com/thumbna.../09/5725_4.jpg (वडोदरा खाद्य विभाग के अधिकारियों ने गोलगप्पों के हानिकारक पानी को नष्ट करवाया) वडोदरा (गुजरात) :...... सैकड़ों लारियों के पानी के सैंपल्स ‘अनसेफ’ आए : खाद्य विभाग के ऑफिसर डॉ. मुकेश के बताए अनुसार शहर में सैकड़ों लारियों के पानी के सैंपल लिए गए। इन्हें लेबोरेटरी में टेस्ट किया गया। जांच किए गए लगभग 90 प्रतिशत नमूने ‘अनसेफ’ पाए गए। कई सैंपल्स में एसिड और खराब मावे की मिलावट की भी बात सामने आई। इन सैंपल्स से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पानीपुरी का अधिक सेवन करने वालों के स्वास्थ्य के लिए यह कितनी खतरनाक स्थिति है :......... दैनिक भास्कर के सौजन्य से : |
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सावधान! कैंसर का मरीज भी बना सकता है गोलगप्पों का पानी !......... http://i10.dainikbhaskar.com/thumbna.../09/5727_5.jpg (वडोदरा खाद्य विभाग के अधिकारियों ने पानी में मिलाए जाने वाले कलर को भी नष्ट करवाया गया) वडोदरा (गुजरात) :...... वडोदरा स्थित गोत्री मेडिकल कॉलेज के जीएमईआरएस, एसो.प्रोफेसर (कम्युनिटी मेडिसिन) डॉ. चंद्रेश पंड्या के बताए अनुसार पानीपुरी बनाने से लेकर इसे बेचने तक की प्रोसेस में स्वच्छता का बहुत अभाव होता है। अधिकतर पानीपुरी वाले हाथों में ग्लोव्ज भी नहीं पहनते। पानी में अधिकतर प्रतिबंधित कलर का भी उपयोग किया जाता है। एसिडिटी तो सामान्य समस्या है, 6 से 24 घंटों में आप फूड पॉयजनिंग और अधिक सेवन से एलर्जी और इसके बाद कैंसर के भी शिकार हो सकते हैं :......... दैनिक भास्कर के सौजन्य से : |
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सावधान! कैंसर का मरीज भी बना सकता है गोलगप्पों का पानी !......... http://i10.dainikbhaskar.com/thumbna.../09/5729_6.jpg (वडोदरा खाद्य विभाग के अधिकारियों ने पानी में मिलाए जाने वाले कलर को भी नष्ट करवाया गया) वडोदरा (गुजरात) :...... कई लारियों से पानी में मिलाए जाने वाले कलर भी जब्त किए गए :......... दैनिक भास्कर के सौजन्य से : |
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सावधान! उंगलियां चटकाना हो सकता है घातक, जानिए क्यों? !......... http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1435147250 लंदन :...... अगर आप भी गाहे-बगाहे हाथ या पैर की उंगलियां चटकाने के शौकीन हैं तो हो जाइए सावधान। खाली समय की ये आदत आपको गठिया जैसे दर्दनाक बीमारी के जाल मे फंसा सकती है। ब्रिटिश के एक अंग्रेजी अखबार में इस संबंध में जारी रिपोर्ट के अनुसार उंगलियों की हडि्डयों को चटकाने की आदत गठिया का सबब बन सकती है। इस रिपोर्ट के अनुसार हमारी हडि्डयां लिगामेंट से एक दूसरे से जुड़ी होती हैं और जहां दो हडि्डयां आपस में जुड़ती हैं वह हिस्सा जोड़ कहलाता है। जब हम उंगलियां चटकाते हैं उस समय हम वास्तव में इन जोड़ों को खींच रहे होते हैं और इस तरह हडि्डयों को एक-दूसरे से दूर खींचते हैं। ऎसे में आपस में जुड़ी हडि्डयां दूर होती हैं और जोड़ के भीतर का दबाव भी कम होता है। घुटने, कोहनी और उंगलियों के जोड़ों में एक विशेष प्रकार का द्रव पाया जाता है जो दो हडि्डयों के जोड़ पर ग्रीस के जैसे काम करता है और हडि्डयों को आपस मे रगड़ खाने से रोकता है। जोड़ों पर दबाव के कम होने से इस विशेष प्रकार द्रव में मौजूद गैस जैसे कार्बन डाई आक्साइड नए बने खाली स्थान को भरने का काम करती है और ऎसे में द्रव में बुलबुले बन जाते हैं। जब हम जोड़ों को काफी अधिक खींचते हैं तो दबाव कम होने से यह बुलबुले फूट जाते हैं और हड्डी चटकने की आवाज आती है। एक बार जोड़ों पर बने इन बुलबुलों के फूटने के बाद द्रव में दोबारा गैस के घुलने में 15 से 30 मिनट का समय लगता है इसी कारण हाल ही में चटकाए गए जोड़ को तुरंत दोबारा चटकाने से आवाज नहीं आती। यह समझा जाता है कि जोड़ों के बार-बार खिचाव से पकड़ कमजोर हो सकती है और हडि्डयों के जोड़ पर मौजूद ऊतक नष्ट भी हो सकते हैं। :......... पत्रिका के सौजन्य से : |
Re: सावधान :.........
आते ही विजय जी ने काम शुरु कर दिया! जानकारी के लिए धन्यवाद मित्र!
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प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए आपका हार्दिक आभार......... |
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