Re: वाह वाह क्या बात हें :.........
ताली : अर्ज किया है : ताली गाली से सदा, इनका सरोकार | बाता-बाती में नहीं, कोई पाए पार | कोई पाए पार, मगर लीडर दे टक्कर | लफ्फाजी व्यापार, काम इक करता हटकर | खोज माल असबाब, खजाना करता खाली | लेकिन कवि की जात, खोज नहीं पाता ताली || |
Re: वाह वाह क्या बात हें :.........
very nice............
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Re: वाह वाह क्या बात हें :.........
बचपन के खेल में छुप जाता था में दोस्तों से ,
आज खोजने पर भी वो दोस्त नजर नहीं आते!! |
Re: वाह वाह क्या बात हें :.........
_वो लाख तुझे पूजती होगी मगर तू खुश न हो ऐ
खुदा, _वो मंदिर भी जाती है तो मेरी गली से गुजरने के लिए...!! |
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