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-   -   दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल) (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=1408)

ABHAY 05-03-2011 07:13 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
दीप में रोशनी है......

टूट ही तो गया है सितारों का मन
रेशमी इन इशारों को फ़िर मत बुनो ।

एक सपना संजोया था मैंने कभी
पंखुडी पंखुडी हो बिखरता गया
देख कर उनके बदले हुए रूप को
रंग चेहरे का मेरे उतरता गया ...
धुप के हर पसीने की अपनी कथा
छाव में बैठ कर इस तरह मत सुनो ।

दीप में रोशनी है जलन भी तो है
मोम के इस बदन में गलन भी तो है
कि जीने की लगन है बहुत प्यार में
कि मरने का अनूठा चलन भी तो है ...
इन अंधेरों में मिलता बहुत चैन है
इन उजालों को तुम इस तरह मत चुनो ।

ndhebar 05-03-2011 07:14 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
वाह बहुत अच्छे

kamesh 21-04-2011 06:30 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by sagar - (Post 50598)
जब दर्द नही था सिने में तब खाक मजा था जीने में
अब के सायद हम भी रोये सावन के महीने में !

बहुत अच्छा प्रयास हे कामेश जी

नमस्कार श्रीमान
धन्यवाद जो आप ने सूत्र भ्रमण किया
पुनः धन्यवाद्

kamesh 21-04-2011 06:42 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
सिने में जलन आँखों में तूफान सा क्यों है ?

इस सहर में हर शक्श परेशां सा क्यों है

Ranveer 21-04-2011 06:44 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by yuvraj (Post 38554)
तेरी मोहब्बत का निशान अभी बाकी है,
नाम लाबो पर है और जान अभी बाकी है,
क्या हुआ अगर देख कर मुह फेर लेते हो,
तस्सली है कि, शक्ल की पहचान
अभी बाकी है...

तुमसे मिली ये आँखे
तो ऐसी टीस उठी रूह में
ये वही शख्श था
जो इनमे बसा था

kamesh 23-04-2011 06:27 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
न जी भर के देखा न कुछ बात की

बड़ी आरजू थी मुलाकात की

सितारों की महफ़िल यूं न ही साथ थी

कहा दिन गुजारी कहाँ रात की

sagar - 23-04-2011 09:29 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by kamesh (Post 79498)
न जी भर के देखा न कुछ बात की

बड़ी आरजू थी मुलाकात की

सितारों की महफ़िल यूं न ही साथ थी

कहा दिन गुजारी कहाँ रात की

बहुत अच्छे भाई

kamesh 24-04-2011 11:54 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
राही मनवा दुःख की चिता क्यों सताती है
दुःख तो अपना साथी है
दुःख है इक शाम ढलती
आती है जाती है
दुःख तो अपना साथी है

Kumar Anil 24-04-2011 12:28 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by kamesh (Post 79498)
न जी भर के देखा न कुछ बात की

बड़ी आरजू थी मुलाकात की

सितारों की महफ़िल यूं न ही साथ थी

कहा दिन गुजारी कहाँ रात की

जो मुझको अगर ये होता पता /
कि सजा के क़ाबिल है मेरी ख़ता /
रूठ कर तन्हा चले जाओगे /
छोड़ पल भर मेँ हमको चले जाओगे /
हर लम्हे को मुस्कुरा , थाम कर /
ज़िन्दगी का उनसे पूछ लेते पता /
आपका पुनः स्वागत है ।

Ranveer 25-04-2011 07:44 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by kumar anil (Post 20725)
युवी मेरे दोस्त बात तो पते की है कि प्यार के इस मीठे दर्द मेँ अश्क नमकीन क्योँ होते हैँ । यकीनन इस प्रश्न का उत्तर कोई चोट खाया इन्सान ही दे सकता है । क्या फोरम पर ऐसा कोई बन्दा है ?

क्यूंकि वह मन का मेल साफ़ करता है
तब वह " नियति " को स्वीकार कर पाता है

kamesh 26-04-2011 06:01 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
गुजरे है आज इश्क में हम उस मुकाम से

नफरत सी हो गयी है मोहबत के नाम से

गुजरे है आज इश्क में...................................

kamesh 26-04-2011 06:12 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
अकेले हैं चले आवो कहा हो

कहा आवाज दूँ तुम को कहा हो

अकेले हैं चले आवो कहा हों

तुम्हे हम ढूंढते है

हमें दिल ढूंढता है

न अब मंजिल है कोई न कोई रास्ता है

अकेले हैं चले आवो कहा हो

कहा आवाज दूँ तुम को कहा हो


Ranveer 26-04-2011 09:46 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
कफ़न न डालो मेरे चेहरे पर
मुझे आदत है गम में मुस्कुराने की
रूक जाओ आज की रात न दफनाओ
मेरी मौत से बनी है मुहूर्त उसके आने की ..

sagar - 27-04-2011 11:24 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by kamesh (Post 80671)
गुजरे है आज इश्क में हम उस मुकाम से

नफरत सी हो गयी है मोहबत के नाम से

गुजरे है आज इश्क में...................................

भाई इतनी नफरत अच्छी नही हे फिर महोब्बत हो जायेगी :lol:

amit_tiwari 01-05-2011 09:08 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
जब नमाज़-ए-मुहब्बत अता कीजिये, इस गैर को भी शरीक-ए-दुआ कीजिये
आँख वाले ही नज़रें चुराते रहे, आइना क्यूँ ना हो, सामना कीजिये
दरिया-ए-अश्क आ भी जाएँ तो क्या, चंद कतरे ही तो हैं, पी लिया कीजिये
आप का घर सदा जगमगाता रहे, राह में भी दिया रख दिया कीजिये
ज़िन्दगी है आसान समंदर में सनम, साहिलों का भी कभी तजुर्बा कीजिए !!!!

amit_tiwari 02-05-2011 01:04 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
मेरे सब्र का ना ले इम्तेहान, मेरी खामोशी को सदा ना दे!
जो तेरे बगैर मर भी ना सके, उसे जीने की दुआ तो ना दे!
तू अज़ीज़ दिल-ओ-नज़र से है, तू करीब रग-ओ-जान से है!
मेरे दिल-ओ-जान का फैसला, कहीं वक़्त और बढ़ा ना दे!
तुझे भूल के भी भुला ना सकूं, तुझे चाह के भी ना पा सकूँ!
मेरी हसरतों को शुमार कर, मेरी चाहतों का सिला तो दे!
वो तड़प जो शोला-ए-जान में थी, मेरे तन बदन से लिपट गयी
जो बुझा सके तो बुझा इसे, ना बुझा सके तो हवा ना दे!
मुझे क़त्ल करना है तो क़त्ल कर, यूं जुदाइयों की सज़ा ना दे!

दिल-ओ-नज़र = दिल और नज़र
रग-ओ-जान = रग और जान
दिल-ओ-जान दिल और जान
हसरत = इच्छा या तमन्ना

ndhebar 03-05-2011 07:16 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
अश्क भी अब सहमें से पलकों मे छुपे रहते हैं,
मेरी तरह ये भी तनहाई और घुटन सहते हैं,
डरतें है कि कहीं देख ना ले इन्हे कोई,
निकलना चाहते हैं पर मजबूरीयों में बंधे रहते हैं|

amit_tiwari 03-05-2011 07:24 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by ndhebar (Post 82734)
अश्क भी अब सहमें से पलकों मे छुपे रहते हैं,
मेरी तरह ये भी तनहाई और घुटन सहते हैं,
डरतें है कि कहीं देख ना ले इन्हे कोई,
निकलना चाहते हैं पर मजबूरीयों में बंधे रहते हैं|

2 लाइन में ग़ज़ल लिख डाली |:majesty::majesty:

काफी दिनों बाद इतनी सटीक और असर करने वाली चीज़ पढ़ी भाई |

ndhebar 03-05-2011 07:30 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by amit_tiwari (Post 82737)
2 लाइन में ग़ज़ल लिख डाली |:majesty::majesty:

काफी दिनों बाद इतनी सटीक और असर करने वाली चीज़ पढ़ी भाई |

शब्दों की यही तो खूबसूरती है

amit_tiwari 04-05-2011 05:20 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
हाथ छूटे भी तो रिश्ता नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख से लम्हे नहीं तोडा करते
जिसकी आवाज़ में सिलवट हो और निगाहों में शिकन
ऐसी तस्वीर के टुकड़े नहीं जोड़ा करते
शहद जीने का मिलता है थोडा थोडा
जाने वालों के लिए दिल नहीं तोडा करते
लग के साहिल से जो बहता है उसे बहने दो
ऐसे दरिया का रुख कभी मोड़ा नहीं करते

ndhebar 04-05-2011 06:37 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
मुझे लगता है की ये गजल जगजीत सिंह जी का गाया हुआ है

malethia 08-05-2011 10:10 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
हिंदुस्तान में २२ करोड़ लोगों की इच्छा ही नहीं होती है।
ये दो रूपये रोज में अपना पूरा घर चलाते हैं।
बंद और बरसात में तो भूखे ही सो जाते हैं।
इनके यहाँ बीमारी बीमार को साथ ले के जाती है।
बच्चों की मासूमियत बचपन में छिन जाती है।
इन्हें वेट घटाने की जरूरत नहीं पड़ती।
मसल छोड़ो हड्डियों पर खाल मुशिकल से है चढ़ती।

amit_tiwari 09-05-2011 02:30 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by ndhebar (Post 82989)
मुझे लगता है की ये गजल जगजीत सिंह जी का गाया हुआ है

कभी कभी पढ़ा हुआ भी सुनाने का मन करता है :P:tomato:

amit_tiwari 09-05-2011 09:28 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
बहुत मुमकिन था कि
मेरी रूह के कांटे निकल जाते
मेरे आगे के पत्थर पिघल जाते
ग़मों की घड़ियाँ थम जातीं
गुलों के दिल मचल जाते
तरस कर मैं ना यूँ रोता
तड़प कर अश्क ना बहते
बहिश्तों में समाँ होता
अगर तुम मुझको मिल जाते


हाँ अगर तुम मुझको मिल जाते...


रूह = आत्मा
गुल = फ़ूल
अश्क = आंसू
बहिश्त = स्वर्ग या जन्नत

malethia 10-05-2011 05:55 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
इतना भी किसी को न चाहो खुद जान पे अपनी बन आये !
ये कभी खुद तेरे लिए ना कोई मुसीबत बन जाए !!
चाहत को चाहत रहने दो और इतना ध्यान राहे हरदम !
बढ़ते बढ़ते इतनी ना बढे ना मिले तो आफत हो जाए !!
ये इश्क खुदा कि देन तो है लेकिन उस देन से क्या हासिल !
जिसके आंचल म आते ही आंचल ही सारा फट जाए !!
देने को तो दे दू नाम कोई तेरे चाहत के रिश्ते को !
पर डरता हूँ कि तेरी चाहत भी कहीं बदनाम ना हो जाए !!
यार से इतने शिकवे गिले क्या सोच के तुम करने बैठे !
क्या होगा अगर तेरा यार भी अपने गिले निकालने लग जाए !!

sagar - 10-05-2011 06:02 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by malethia (Post 84529)
इतना भी किसी को न चाहो खुद जान पे अपनी बन आये !
ये कभी खुद तेरे लिए ना कोई मुसीबत बन जाए !!
चाहत को चाहत रहने दो और इतना ध्यान राहे हरदम !
बढ़ते बढ़ते इतनी ना बढे ना मिले तो आफत हो जाए !!
ये इश्क खुदा कि देन तो है लेकिन उस देन से क्या हासिल !
जिसके आंचल म आते ही आंचल ही सारा फट जाए !!
देने को तो दे दू नाम कोई तेरे चाहत के रिश्ते को !
पर डरता हूँ कि तेरी चाहत भी कहीं बदनाम ना हो जाए !!
यार से इतने शिकवे गिले क्या सोच के तुम करने बैठे !
क्या होगा अगर तेरा यार भी अपने गिले निकालने लग जाए !!

वाह बहुत बढिया :bravo::cheers:

malethia 10-05-2011 07:34 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
तुम हो धूप, तुम छांव की तरह
इस रेगिस्तान जिंदगी में गांव की तरह
तुम्हें भूले से भी
मैं भुला नहीं पाता
तुम हो मेरे जिस्म पर लगे
पुराने घाव की तरह।
जिंदगी में तूफ़ानों की
अब आदत सी हो गई,
जो दामन है तेरा महफूज
नाव की तरह ।
ख्वाबों-खयालों में,
रात - उजालों में,
तुम ही, तुम हो सारा आलम
कोई नहीं है
तुम्हारी तरह ।
कैसे कहूं तुम क्या हो ?
जीने की वजह
मरने का बहाना हो,
तुम हो राज दिल का
तुम ही जवाब की तरह ।
'तमन्ना' नसीब की
अब मैं नहीं रखता
जो तुम हो मेहरबां
मुझपे दुआओं की तरह।


(साभार-nbt)

Kalyan Das 10-05-2011 08:46 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by malethia (Post 84546)
तुम्हें भूले से भी
मैं भुला नहीं पाता
तुम हो मेरे जिस्म पर लगे
पुराने घाव की तरह।


(साभार-nbt)

वाह वाह !! वाह वाह !!

काफी दिन बाद बड़े भैया के शब्द नज़र आये !! जो डाइरेक्ट दिल में उतर गए !!

malethia 10-05-2011 09:47 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
अमित जी,सागर जी,कल्याण जी आप सब का शुक्रिया !
कल्याण जी काफी दिनों बाद कर बहुत ख़ुशी हुई..............................

sagar - 10-05-2011 10:25 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
मेरी मोहब्बत मेरे दिल की गफलत थी
मैं बेसबब ही उम्र भर तुझे कोसता रहा

आखिर ये बेवफाई और वफ़ा क्या है
तेरे जाने के बाद देर तक सोचता रहा

मैं इसे किस्मत कहूँ या बदकिस्मती अपनी
तुझे पाने के बाद भी तुझे खोजता रहा


सुना था वो मेरे दर्द मे ही छुपा है कहीं
उसे ढूँढने को मैं अपने ज़ख्म नोचता रहा

malethia 10-05-2011 09:14 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 

यदि जीवन शान से है जीना,
फर्ज है अपना प्रकृति को बचाना,
अनमोल है जीवन इस धरा पर,
खुदा ने दिया है यह नज़राना।

जीयें उसे कैसे, यह एक सवाल है?
प्रकृति का यह उपहार बेमिसाल है,
हो रहा है दोहन, इसका इतना,
जीवन पर आ पड़ी है कैसी विपदा?:beating:

जल जीवन का आधार है,
जल बिन यह जीवन निराधार है,
रोक कर प्रदूषण को,
वातावरण को स्वच्छ बनाना है।

जो वायु जीवन देती है,
उसे युगों तक कायम रखना है
न काटो इन दरख्तों को,
जो छाया तुमको देते हैं।

भरते हैं ये पेट तुम्हारा,
पशुओं का भी पालन करते हैं,
करके ग्रहण ये कार्बनडाई ऑक्साइड
हमारे जीवन को मधुर बनाते हैं।:crazyeyes:

न उजाड़ो इन वनों को,
जो प्राकृतिक आपदा से बचाते हैं,
रोक कर वर्षा का जल,
भूमि का जल-स्तर बढ़ाते हैं।

आज इन्हें बचाओगे तो,
कल जीवन भी बच जाएगा
दिख रहा है जो भविष्य खतरे में,
खतरे से बाहर आ जाएगा।

लगाकर पेड़ ज्यादा से ज्यादा
हमें इस जमीं को सजाना है
पूज्यनीय है यह प्रकृति,
इस संजीवनी को बचाना है।:think:

khalid 19-05-2011 02:22 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
राहे वफा मेँ हम ने ये इनआम पाये हैँ !
आँसु बहाये हैँ तो कभी मुस्कुराये हैँ !
उस की दुआऐँ हैँ फूलोँ की रात दिन !
जिस ने हमारी राह मेँ काँटे बिछाये हैँ !
कोई भी उस के दर्द को पहचानता नहीँ !
वो जिस ने हर किसी के लिए गम उठाये हैँ !
बिजली वहीँ वहीँ गिरायी हैँ वक्त ने !
हमने जहाँ भी नशेमन बनाये हैँ !
मौसम की बेरुखी से जो डरतेँ नहीँ कभी !
दौरे खिजाँ मेँ फूल वही मुस्कुराये हैँ !
दिल से भुलाए बैठी हैँ वो जिन की दुश्मनी !
वो रौशनी से आज भी दामन बचाये हैँ !

prashant 19-05-2011 05:05 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
यहाँ बहुत दर्द है भाई जो मेरे दिल के लिए अच्छा नहीं है/

ndhebar 19-05-2011 05:26 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
बेसबब जूझना थकना और फिर से खुद से लड़ जाना

टूट जाने की हद तक चुप-चाप हर गम को सह जाना

तब होती है उसकी बाँहों में बिखर जाने की वो ज़िन्दगी सी तलब

पर आखिरी ख्वाहिश की तरह उस ख्वाहिश का भी आखिर तक रह जाना

Sikandar_Khan 10-08-2011 09:45 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
ये आवाज कैसी है
जो दिल पर दस्तक देती है
क्यो भला फिर सुनूँ मैं कुछ ?
जब कोई आहट होती है.
तुम्हारी सांसो की आवाज
या है एक वो अहसास,
भर देता है जब जीवन
फिर अब है क्यो ये क्रंदन?
दूर कभी होती है जब
आवाज कही सन्नाटे में
ऐसे दूर हुई है वो
क्या लौटेगी ????
फिर कभी इस गली
न जाने कब कैसे होगा?
उन कदमो का इस दर तक आके
फिर यूही अचानक कभी
आकर दस्तक देना
और ये पूछना......
क्या मैं आ सकती हूँ ????
इस दालान से गुजर के
तेरे दिल तक जा सकता हूँ ..

Dr. Rakesh Srivastava 10-08-2011 12:12 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by teji (Post 23566)
सफ़र मैं हूँ एक सफ़र मुझ में भी है
मैं शहर में घूमता हूँ, एक शहर मुझ में भी है

मेरे टूटे घर को हंसकर मत देख मेरे नसीब

मैं अभी टूटा नहीं हूँ, एक घर मुझ में भी है

खूब वाकिफ हूँ मैं दुनिया की हकीकत से मगर
शख्स कोई हर तरफ से बेखबर मुझ में भी है

आदमी में बढ़ रहा है दिनों दिन कैसा ज़हर
देखता मैं भी हूँ, कुछ ज़हर मुझ में भी है

वक़्त के जरुरत से कोई अछुता है नहीं
कैसे मैं इनकार कर दूं, कुछ असर मुझ में भी है

बेधड़क बेख़ौफ़ चलता हूँ बियाबान में ,मगर
आईने से सामना होने का डर मुझ में भी है .

तेजी जी, अगर ये ख़याल आपका गढ़ा है,
तो आपका कद यकीनन काफी बड़ा है.

rajnish manga 29-10-2012 05:24 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
[QUOTE=kamesh;20342]

:iagree:
जिस जगह पहले उम्मीदों का ठिकाना था ‘शरर’
दिल के उस गोशे में अब दर्द उठता रहता है.


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