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Dark Saint Alaick 28-05-2012 01:38 AM

Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
 
नियंत्रण रेखा के पास होगी उमर कैबिनेट की बैठक

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर कैबिनेट की बैठक अगली दफा नियंत्रण रेखा के पास स्थित एक गांव में होगी। दूर-दराज के लोगों से संपर्क साधने की अपनी पहल के तहत मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू और कश्मीर से दूर कहीं कैबिनेट की बैठक करने का मन बनाया है। मुख्यमंत्री की इस पहल की शुरूआत 30 मई को होगी जब कैबिनेट की बैठक कुपवाड़ा जिले के एक सुदूर गांव करनाह में होगी। करनाह उत्तर कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास स्थित है। कैबिनेट की बैठक में सुदूर इलाकों में विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की संभावना है।

Dark Saint Alaick 28-05-2012 01:38 AM

Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
 
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग प्रधानमंत्री को बताएगा बुनियादी ढांचा की समस्याएं

नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दीगर आयोगों के साथ मिल कर अपने क्रियाकलापों को सुगम बनाने के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे और काम-काज की स्थितियों जैसे साझे सरोकारों से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अवगत कराएगा। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग संविधिक पूर्ण आयोग की हाल की बैठक में उसके अध्यक्ष न्यायमूर्ति के. जी. बालाकृष्णन ने साझे हितों और सरोकारों के अहम मुद्दों पर सभी राष्ट्रीय आयोगों के बीच सहयोग की जरूरत रेखांकित की थी। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अध्यक्ष का विचार है कि बेहतर बुनियादी ढांचा और कामकाज की स्थितियां जैसे मुद्दों को संयुक्त रूप से सरकार के समक्ष उठाया जाना चाहिए। अधिकारी ने बताया कि यह फैसला किया गया कि राष्ट्रीय आयोगों के सभी अध्यक्ष साझे मुद्दों पर प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति बालाकृष्णन आयोगों के बुनियादी ढांचा की जरूरतों और वित्तपोषण समेत साझे हितों और सरोकार के क्षेत्रों के मुद्दों को अंतिम रूप देने के लिए जल्द ही राष्ट्रीय आयोगों के सभी अध्यक्षों को लिखेंगे। अधिकारी ने बताया कि बैठक में यह भी प्रस्ताव किया गया कि न्यायमूर्ति बालाकृष्णन के नेतृत्व में सभी अध्यक्ष इन मुद्दों और सरोकारों को बुलंद करने के लिए प्रधानमंत्री से मिलेंगे। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग इस स्थिति से बचना चाहता है कि अलग-अलग आयोग इन मुद्दों को अलग-अलग ना उठाएं। उसने सलाह दी कि सभी निकायों की एक आॅनलाइन साझी शिकायत रजिस्टर प्रणाली हो। न्यायमूर्ति बालाकृष्णन ने कहा था कि सभी निकायों की एक एकल आॅनलाइन साझी शिकायत रजिस्टर प्रणाली नहीं होगी तो इस मुद्दे का समाधान मुश्किल होगा।

Dark Saint Alaick 28-05-2012 01:39 AM

Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
 
आरटीआई के तहत ‘समयबद्ध योजना’ पर जोर

नई दिल्ली। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत अनिवार्य सक्रिय प्रकटीकरण के गैरअनुपालन पर चिंतित केन्द्र सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए एक ‘समयबद्ध योजना’ पर काम कर रहा है कि सभी सार्वजनिक अधिकारी इस पारदर्शिता कानून के प्रावधानों पर अमल करें। सूचना के अधिकार अधिनियम के अनुपालन के लिए शीर्ष एजेंसी के रूप में काम करने वाले कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस सम्बंध में एक निर्देश सभी लोक अधिकारियों को जारी किया जाएगा। यह कदम इस मायने में अहम हो जाता है कि केन्द्रीय सूचना आयोग और समाज (सिविल सोसाइटी) के संगठनों की शिकायत है कि कानून के प्रभावी होने के छह साल बाद भी इसके तहत सूचना के अनिवार्य सक्रिय प्रकटीकरण के प्रावधानों का अनुपालन नहीं हो रहा है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए एक समयबद्ध योजना पर काम कर रहा हे कि सभी लोक अधिकारी सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 4 के तहत वर्णित प्रावधानों का पालन करें। इस सम्बंध में उनको एक निर्देश जारी किया जाएगा।

Dark Saint Alaick 28-05-2012 01:39 AM

Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
 
मदरसा बोर्ड को लेकर दारूल उलूम और बरेली मरकज आमने-सामने

नई दिल्ली। देश में केंद्रीय मदरसा बोर्ड गठित करने के प्रस्ताव को लेकर दो प्रमुख मुस्लिम शिक्षण संस्थाएं आमने-सामने आ गई हैं। दारूल उलूम देवबंद ने जहां प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ज्ञापन सौंपकर इस प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की है तो वहीं दूसरी ओर बरेली मरकज ने ‘कुछ शर्तों’ के साथ बोर्ड के गठन की हिमायत की है। दरअसल, दारूल उलूम देवबंद सुन्नी मुसलमानों के देवबंदी तबके का संस्थान है, जबकि बरेली मरकज बरेलवी मुसलमानों की सबसे बड़ी शिक्षण संस्था है। देश में बरेली मुसलमानों की संख्या देवबंदियों से अधिक मानी जाती है। तमाम मुस्लिम संगठनों और नेताओं के विरोध के कारण केंद्र सरकार केंद्रीय मदरसा बोर्ड-2009 पर अमल नहीं कर पाई है। दारूल उलूम के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने बीते शुक्रवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात कर जो ज्ञापन सौंपा था, उसमें मदरसा बोर्ड के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की गई है। इस बारे में दारूल उलूम के मुहतमिम (कुलपति) मौलाना अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि हमें मदरसा बोर्ड किसी भी सूरत में कुबूल नहीं है। मदरसा बोर्ड बनने से देश के मदरसे खत्म हो जाएंगे। अगर सरकार ने इसे जबरन थोपने की कोशिश की तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
उधर, दारूल उलूम देवबंद से अलग बरेली मरकज ने ‘कुछ शर्तों’ के साथ बोर्ड के गठन का समर्थन किया है। बरेली मरकज के प्रमुख आला हजरत सुभान राज खान सुभानी मियां के निजी सचिव और मरकज के वरिष्ठ पदाधिकारी आबिद खान ने कहा कि हमारा मानना है कि अगर मदरसों के हितों को ध्यान में रखकर बोर्ड का गठन किया जाए तो इससे मजहबी शिक्षण संस्थानों की बेहतरी होगी। देश में 80 फीसदी मदरसों का संचालन बरेलवी तबके के लोग करते हैं और ऐसे में उनकी बात का महत्व है। मदरसों के संचालन में इनकी भूमिका को ध्यान में रखते हुए बोर्ड में इन्हें वाजिब नुमाइंदगी मिलनी चाहिए। हमारी एक शर्त यह भी है कि मदरसों के पाठ्यक्रमों में सरकार का बेवजह का दखल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन बातों को ध्यान में रखते हुए बोर्ड का गठन होता है तो हम उसका स्वागत करेंगे और पूरी मदद भी देंगे। मदरसा शिक्षा प्रणाली के समग्र, व्यवस्थित एवं एकीकृत विकास के मकसद से केंद्रीय मदरसा बोर्ड विधेयक-2009 लाया गया था। इसमें बोर्ड के प्रमुख के अलावा 15 सदस्य शामिल करने की बात की गई थी। मुस्लिम संगठनों और नेताओं के ऐतराज के कारण इस विधेयक पर सरकार आगे कदम नहीं बढ़ा सकी।

Dark Saint Alaick 28-05-2012 01:40 AM

Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
 
सम्बंधों की मजबूती के लिए भारत, म्यामां तलाशेंगे नए अवसर : मनमोहन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को कहा कि भारत तथा म्यामां नए अवसर तलाशेंगे और व्यापार, निवेश तथा कनेक्टिविटी पर ध्यान केंद्रित करने के साथ द्विपक्षीय सम्बंधों को और मजबूत बनाने के लिए एक रूपरेखा तैयार करेंगे। मनमोहन ने अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर म्यामां की नई राजधानी नाय प्यी ताव रवाना होने से थोड़ी देर पहले एक बयान में उल्लेख किया कि भारत ‘घनिष्ठ मित्र एवं पड़ोसी’ म्यामां के साथ अपने सम्बंधों के महत्व को अत्यंत तरजीह देता है और हाल के वर्षों में हमारे द्विपक्षीय सम्बंधों में काफी मजबूती आई है और विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा कि उनकी आगामी यात्रा पिछले साल अक्टूबर में म्यामां के राष्ट्रपति थीन सीन की अत्यतं सफल भारत यात्रा के दौरान लिए गए फैसलों के कार्यान्वयन में प्रगति की समीक्षा का अवसर प्रदान करेगी। पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी की दिसंबर 1987 की म्यामां यात्रा के बाद मनमोहन इस देश का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री होंगे। उन्होंने कहा कि हम आगामी वर्षों में अपने सहयोग को और विकसित करने के लिए नए अवसरों पर विचार करेंगे और एक रूपरेखा तैयार करेंगे। प्रधानमंत्री शनिवार को नाय प्यी ताव में सीन से वार्ता करेंगे । उन्होंने कहा कि अपनी म्यामां यात्रा के दौरान वह मजबूत व्यापार एवं निवेश सम्बंधों, सीमाई क्षेत्रों के विकास, दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी में सुधार और क्षमता निर्माण तथा मानव संसाधन पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद करते हैं। मनमोहन ने कहा कि हम इन क्षेत्रों में अपने द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के लिए कई समझौतों तथा सहमति पत्रों पर दस्तखत किए जाने की भी उम्मीद रखते हैं। प्रधानमंत्री मंगलवार को यांगून में विपक्ष की नेता और नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की से भी मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि म्यामां में लोकतांत्रिक सरकार की ओर बदलाव तथा व्यापक एवं समावेशी मेलमिलाप प्रक्रिया की ओर म्यामां सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का भारत स्वागत करता है। मनमोहन ने म्यामां के साथ लोकतांत्रिक अनुभव साझा करने की पेशकश की। म्यामां के राष्ट्रपति थीन सीन ने एक साल से अधिक समय पहले कार्यभार संभाला था। उन्होंने 15 साल की नजरबंदी से सू की को रिहा कर और उनकी पार्टी ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी’ (एनएलडी) को इस साल अप्रेल में संसदीय चुनाव लड़ने की अनुमति देकर बहुत से आलोचकों को चौंका दिया था। सीन ने अन्य राजनीतिक बंदियों की रिहाई, जातीय विद्रोही गुटों से वार्ता शुरू करने तथा मीडिया पर लगे प्रतिबंधों में ढील देने और हड़ताल के अधिकार के साथ मजदूर यूनियनों को बहाल करने जैसे चौंकाने वाले कदम भी उठाए हैं। मनमोहन ने कहा कि वह अपनी यात्रा के अंतिम दिन यांगून में म्यामां समाज के विभिन्न तबकों तथा भारतीय और भारतीय मूल के समुदाय को संबोधित करने को उत्सुक हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और म्यामां का साझा इतिहास एवं संस्कृति हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्कों की मजबूती का ठोस आधार है और भारत म्यामां के साथ घनिष्ठ, सहयोगात्मक और पारस्परिक लाभ की भागीदारी के लिए कटिबद्ध है। मनमोहन ने कहा कि वह 2600 साल पुरानी बौद्ध विरासत के प्रतीक ऐतिहासिक श्वेदागोन पैगोडा और भारत के अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की यांगून स्थित मजार पर जाने की भी इच्छा रखते हैं। पैगोडा में भगवान बुद्ध के बाल हैं जो उन्होंने शहदयुक्त केक के बदले में दो व्यापारी भाइयों को दिए थे। मनमोहन की म्यामां के राष्ट्रपति के साथ वार्ता में ऊर्जा, सुरक्षा, कनेक्टिविटी, व्यापार एवं सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सम्बंधों को गहरा करने जैसे मुद्दे केंद्रबिन्दु के रूप में होंगे। यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच ऊर्जा एवं कनेक्टिविटी क्षेत्र में कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। इस दौरान होने वाले समझौतों के मुख्य बिन्दुओं में भारतीय कंपनी जुबिलेंट एनर्जी को आवंटित एक अपतटीय गैस ब्लॉक और यांगून के बाद म्यामां के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले तथा इम्फाल के बीच यात्री बस सेवा जैसे मुद्दे भी शामिल होंगे। भारत म्यामां में तटीय और अपतटीय दोनों ऊर्जा क्षेत्रों में और अवसर हासिल करने में अपना हित देखेगा। गेल और ओवीएल के पास ऊर्जा क्षेत्र में पहले से ही थोड़ी हिस्सेदारी है जहां से चीन को गैस का परिवहन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के साथ म्यामां यात्रा पर उनकी पत्नी गुरशरण कौर और विदेश मंत्री एसएम कृष्णा भी होंगे। भारत को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री की यात्रा से म्यामां के नए राजनीतिक माहौल में द्विपक्षीय सम्बंध नए स्तर पर पहुंचेंगे। मनमोहन के दौरे में ‘‘भारत और म्यामां, प्रगति एवं क्षेत्रीय विकास के लिए एक भागीदारी’’ विषय पर सम्बोधन का कार्यक्रम भी शामिल है जिसमें म्यामां के अग्रणी विचारक और दोनों देशों की व्यावसायिक हस्तियां मौजूद होंगी। द्विपक्षीय सम्बंधों केआर्थिक पहलू के महत्व के मद्देनजर मनमोहन की यात्रा के दौरान भारतीय व्यावसायिक और औद्योगिक हस्तियों का एक समूह भी म्यामां में होगा। यह समूह ऊर्जा, संचार, सूचना प्रौद्योगिकी, इस्पात एवं कृषि क्षेत्र से सम्बंधित होगा। दक्षिण-पूर्व एशिया के मार्ग के रूप में भारत के लिए म्यामां का महत्वपूर्ण सामरिक महत्व रहा है और ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’, ऊर्जा भंडारों और विद्रोह प्रभावित चार राज्यों मिजोरम, नगालैंड, मणिपुर तथा अरु णाचल प्रदेश से लगती इसकी 1640 किलोमीटर लंबी सीमा जैसे कारणों से म्यामां का भारत के लिए खासा महत्व है। सुरक्षा चिंताओं के चलते भारत पश्चिमी देशों की आलोचना के बावजूद म्यामां की सैन्य सरकार से बात करता रहा । वर्ष 2010 में नई दिल्ली की यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने म्यामां में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर आवाज नहीं उठाने के लिए भारत की आलोचना की थी । कभी सू की के पक्ष में खुलकर बोलते रहे भारत ने सुरक्षा और ऊर्जा मुद्दों पर तथा देश में चीन के बढ़ते रणनीतिक कदमों का मुकाबला करने के लिए 1990 के दशक के मध्य में म्यामां की जुंटा सरकार से बातचीत शुरू की। म्यामां की जुंटा से बातचीत पर अंतर्राष्ट्रीय आलोचना की परवाह किए बिना भारत ने देश के ऊर्जा, आधारभूत ढांचे, शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में ऐसे समय पर निवेश किया जब पश्चिम म्यामां पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहा था । भारत एक ओर जुंटा से बात कर और दूसरी ओर सू की तक पहुंच बनाकर राजनीतिक सुधारों की बात कर हमेशा संतुलन बनाता रहा। भारत के रु ख को उस समय बल मिला जब म्यामां ने लोकतंत्र की दिशा में नए कदम उठाए और ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, और यूरोपीय संघ सहित कई विदेशी नेताओं ने देश पर लगे बहुत से प्रतिबंधों और निवेश पर रोक में ढील देने की घोषणा की ।

Dark Saint Alaick 28-05-2012 01:40 AM

Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
 
मानसून से निपटने की तैयारियों की समीक्षा आज

नई दिल्ली। आपदा प्रबंधन पर सोमवार को यहां हो रहे वार्षिक सम्मेलन में आगामी दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान उत्पन्न होने वाली संकटपूर्ण स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। सम्मेलन में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के सहायक आयुक्त और सचिव हिस्सा लेंगे। इसमें मानसून के निपटने की तैयारियों के साथ-साथ अन्य आपदा प्रबंधन से सम्बंधित मुद्दों पर विचार किया जाएगा। केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के प्रतिनिधियों के अलावा आपातकालीन सहायता कार्यों से सम्बंधित केन्द्रीय मंत्रालयों और संगठनों के प्रतिनिधि भी इसमें हिस्सा लेंगे। भारतीय मौसम विभाग, केन्द्रीय जल आयोग, रक्षा मंत्रालय, राष्टñीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, महासागर सूचना सेवाओं के लिए भारतीय राष्टñीय केन्द्र, राष्टñीय आपदा कार्रवाई बल, हिम और भूस्खलन प्रतिष्ठान और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रतिनिधि सम्मेलन में अपनी-अपनी तैयारियों की जानकारी देंगे। आपदा से निपटने में इन संगठनों की क्षमता बढ़ाने और वर्तमान तैयारी में उनकी भूमिका पर भी चर्चा की जाएगी। केन्द्रीय गृह सचिव आर. के. सिंह सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे तथा गृह मंत्रालय में सचिव (सीमा प्रबंधन) ए. ई. अहमद इसकी अध्यक्षता करेंगे।

Dark Saint Alaick 28-05-2012 01:41 AM

Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
 
इन शब्दों को जानकर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों से बचिए

वाशिंगटन। अमेरिका की खुफिया एजेंसिया सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर ‘क्लाउड’, ‘टीम’ और ‘मेक्सिको’ जैसे शब्दों के जरिए देश के सामने आने वाले खतरों का पता लगाने और उनकी काट ढूंढने का काम करती हैं। इसका मतलब यह कि आॅनलाइन रहते वक्त इन शब्दों की उपेक्षा करके आप अमेरिकी जासूसों के रास्ते में बेवजह आने से बच सकते हैं। समाचार पत्र ‘डेली मेल’ के मुताबिक सूचना की आजादी कानून के तहत मांगी गई जानकारी में अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने इन शब्दों की फेहरिस्त जारी की। इस सूची में ‘एटैक’, ‘अलकायदा’, ‘टेररिज्म’ और ‘डर्टी बम’ भी शामिल हैं। इस विभाग के अधिकारी कानून की बंदिश के तहत इन शब्दों की सूची जारी करने को विवश हुए हैं।

Dark Saint Alaick 28-05-2012 01:41 AM

Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
 
मौसम की असामान्य स्थिति पर ‘नक्शा’ जून तक

नई दिल्ली। प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में चावल, गेहूं, आम और सेब तथा प्रमुख फसलों के उत्पादन में मौसम की असामान्य स्थिति की वजह से गिरावट की खबरों के मद्देनजर देशभर में वृहद स्तर पर ‘संवेदनशील नक्शा’ जून के अंत तक तैयार हो जाने की उम्मीद है, जिससे नीति निर्माता समय पर कार्रवाई कर इस नुकसान को कम से कम कर सकेंगे। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के उप महानिदेशक ए. के. सिंह ने बताया कि नक्शे के काम में फसल, मवेशियों तथा मछलियों को सूखा, बाढ़ या तूफान, गर्मी और सर्दी की वजह से हुए नुकसान का आकलन किया जाएगा। सिंह ने कहा कि मौसम की प्रतिकूल स्थिति की वजह से होने वाले नुकसान के आकलन का काम 262 जिलों में पूरा हो चुका है और अन्य में यह अभी जारी है। यह काम आईसीएआर के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के सहयोग से किया जा रहा है।

Dark Saint Alaick 28-05-2012 01:42 AM

Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
 
परिसंपत्ति के आंकड़े इकट्ठे करेगी भारतीय रेल

देश में रेल परिचालन प्रणाली को और दुरुस्त बनाने के लिए रेलवे अपनी परिसंपत्ति के आंकड़े इकट्ठे करेगी। इसके लिए रेलवे ने ट्रैक, स्टेशन और सिग्नल जैसी संपत्ति का ब्यौरा एकत्रित करने के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) के तहत 40 करोड़ रुपए का खर्चा करेगी। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि समूचे रेल नेटवर्क के भौगोलिक सूचना प्रणाली के तहत डेटाबेस तैयार करने काम शुरू हो चुका है। जीआईएस पर आधारित डेटाबेस से किसी इमारत, सिग्नल, कोच, ईंजन आदि के बारे सूचना मिल सकेगी। इससे उनकी मरम्मत या बदलाव की जानकारी के बारे में भी पता चलेगा। आपदा प्रबंधन प्रणाली के तहत दुर्घटना के समय इससे निर्णय लेने में तेजी आ सकेगी। साथ ही दुर्घटना स्थल के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी। अधिकारी ने बताया कि जीआईएस नक्शे से दुर्घटना के समय त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी। इसमें सभी स्टेशनों की जानकारी उपलब्ध होगी।

Dark Saint Alaick 28-05-2012 01:42 AM

Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
 
वसीम रिजवी ने दिया शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सम्बोधित और प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव को प्रेषित अपने इस्तीफे में रिजवी ने कहा है कि वे पार्टी (सपा) की छवि को बचाने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं। रिजवी ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि ‘मैं भ्रष्टाचार के विरूद्ध लड़ाई लड़ रहा था, लेकिन भ्रष्टाचारी लोग इतने मजबूत और ताकतवर हैं कि इस देश से भ्रष्टाचार जल्दी मिटने वाला नहीं है। रिजवी ने कहा कि वे नहीं चाहते कि उनकी वजह से पार्टी की छवि धूमिल हो, इसलिए वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं।


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