स्वाइन फ्लू : जानिए सावधानी और इलाज
स्वाइन फ्लू के संक्रमण से बचाव ही उचित उपाय(स्वाईन फ्लू की जानकरी इंटरनेट के माध्यम से )
स्वाइन फ्लू को लेकर मानव जाति के लिए जो सबसे बड़ा जोखिम सामने है वह है स्वाइन एन्फ्लूएंजा वायरस के म्यूटेट करने का जोकि स्पेनिश फ्लू की तरह घातक भी हो सकता है। चूंकि यह इंसानों के बीच फैलता है इसलिए सारे विश्व के इसकी चपेट में आने का खतरा है। एन्फ्लूएंजा वायरस की खासियत यह है कि यह लगातार अपना स्वरूप बदलता रहता है। इसकी वजह से यह उन एंटीबॉडीज को भी छका देता है जो पहली बार हुए एन्फ्लूएंजा के दौरान विकसित हुई थीं। यही वजह है कि एन्फ्लूएंजा के वैक्सीन का भी इस वायरस पर असर नहीं होता। कैसे बचें * सूअरों को एविएन और ह्यूमन एन्फ्लूएंजा स्ट्रेन दोनों का संक्रमण हो सकता है। इसलिए उसके शरीर में एंटीजेनिक शिफ्ट के कारण नए एन्फ्लूएंजा स्ट्रेन का जन्म हो सकता है। * किसी भी एन्फ्लूएंजा के वायरस का मानवों में संक्रमण श्वास प्रणाली के माध्यम से होता है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति का खांसना और छींकना या ऐसे उपकरणों का स्पर्श करना जो दूसरों के संपर्क में भी आता है, उन्हें भी संक्रमित कर सकता है। जो संक्रमित नहीं वे भी दरवाजा के हैंडल, टेलीफोन के रिसीवर या टॉयलेट के नल के स्पर्श के बाद स्वयं की नाक पर हाथ लगाने भर से संक्रमित हो सकते हैं। क्या है सावधानियां * सामान्य एन्फ्लूएंजा के दौरान रखी जाने वाली सभी सावधानियां इस वायरस के संक्रमण के दौरान भी रखी जानी चाहिए। * बार-बार अपने हाथों को साबुन या ऐसे सॉल्यूशन से धोना जरूरी होता है जो वायरस का खात्मा कर देते हैं। * नाक और मुंह को हमेशा मॉस्क पहन कर ढंकना जरूरी होता है। * इसके अलावा जब जरूरत हो तभी आम जगहों पर जाना चाहिए ताकि संक्रमण ना फैल सके। क्या है इलाज * संक्रमण के लक्षण प्रकट होने के दो दिन के अंदर ही एंटीवायरल ड्रग देना जरूरी होता है। इससे एक तो मरीज को राहत मिल जाती है तथा बीमारी की तीव्रता भी कम हो जाती है। * तत्काल किसी अस्पताल में मरीज को भर्ती कर दें ताकि पैलिएटिव केअर शुरू हो जाए और तरल पदार्थों की आपूर्ति भी पर्याप्त मात्रा में होती रह सकें। * अधिकांश मामलों में एंटीवायरल ड्रग तथा अस्पताल में भर्ती करने पर सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है। |
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जानिए स्वाइन फ्लू और उसके लक्षण:--------सारे देश में स्वाइन फ्लू ने दहशत मचा रखी है। अचानक यह महामारी सुरसा की तरह फैली और देखते ही देखते महानगरों को अपनी चपेट में ले लिया। आमतौर पर पशुओं और पालतू जानवरों को होने वाले वायरस के हमले कभी इंसानों तक नहीं पहुंचते। इसकी वजह यह है कि जीव विज्ञान की दृष्टि से इंसानों और जानवरों की बनावट में फर्क है। अभी देखा यह गया था कि जो लोग सूअर पालन के व्यवसाय में हैं और लंबे समय तक सूअरों के संपर्क में रहते हैं, उन्हें स्वाइन फ्लू होने का जोखिम अधिक रहता है।
मध्य 20वीं सदी से अब तक के चिकित्सा इतिहास में केवल 50 केसेस ही ऐसे हैं जिनमें वायरस सूअरों से इंसानों तक पहुंचा हो। ध्यान में रखने योग्य यह बात है कि सूअर का मांस खाने वालों को यह वायरस नहीं लगता क्योंकि पकने के दौरान यह नष्ट हो जाता है। क्या है स्वाइन फ्लू लक्षण:---------स्वाइन फ्लू के लक्षण भी सामान्य एन्फ्लूएंजा के लक्षणों की तरह ही होते हैं। बुखार, तेज ठंड लगना, गला खराब हो जाना, मांसपेशियों में दर्द होना, तेज सिरदर्द होना, खांसी आना, कमजोरी महसूस करना आदि लक्षण इस बीमारी के दौरान उभरते हैं। इस साल इंसानों में जो स्वाइन फ्लू का संक्रमण हुआ है, वह तीन अलग-अलग तरह के वायरसों के सम्मिश्रण से उपजा है। फिलहाल इस वायरस के उद्गम अज्ञात हैं। वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन फॉर एनिमल हैल्थ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह वायरस अब केवल सूअरों तक सीमित नहीं है, इसने इंसानों के बीच फैलने की कुवत हासिल कर ली है। एन्फ्लूएंजा वायरस की खासियत यह है कि यह लगातार अपना स्वरूप बदलता रहता है। इसकी वजह से यह उन एंटीबॉडीज को भी छका देता है जो पहली बार हुए एन्फ्लूएंजा के दौरान विकसित हुई थीं। यही वजह है कि एन्फ्लूएंजा के वैक्सीन का भी इस वायरस पर असर नहीं होता. |
Re: स्वाइन फ्लू : जानिए सावधानी और इलाज
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Re: स्वाइन फ्लू : जानिए सावधानी और इलाज
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Re: स्वाइन फ्लू : जानिए सावधानी और इलाज
thanks you very much deepuji ,.. is sutra ko aage badhakar swain flue ke bare me sabko adhik jankari prdan karne ke liye ... kai logon ko isase fayda hoga . behad upyogi jankari di hai aapne ...
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Re: स्वाइन फ्लू : जानिए सावधानी और इलाज
जानकारी देने के लिए धन्यवाद सोनी जी।
जिन्हें आयुर्वेद में रुचि है या उसे मानतें है, वे सावधानी के तौर पर तुलसी और कालीमिर्च के काढे का प्रयोग करें। कपुर और ईलाईची की चुर्ण की खुश्बु लें और घर में धुप या लोबान जलाएं। |
Re: स्वाइन फ्लू : जानिए सावधानी और इलाज
बारिश के बाद ठिठुरन बढ़ी, स्*वाइन फ्लू का खतरा भी बढ़ा
देश की राजधानी दिल्ली के सभी इलाकों में बारिश हो रही है। बारिश होने के कारण तापमान में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विशेषज्ञों को कहना है कि शनिवार पूरे दिन बारिश होती रहेगी और रविवार को भी आसमान में बादल छाए रहेंगे। तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है। राजधानी दिल्ली के साथ देश के कई अन्य इलाकों में भी बारिश हो रही है। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ और मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भी बारिश हो रही है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी मंगलेश रयक्वापर्ण ने बताया कि अरब सागर व बंगाल की खाड़ी से बड़ी मात्रा में नमी आने के कारण प्रदेश में मौसम की रंगत बदल गई है। बिन मौसम की बारिश से फसलों को काफी नुकसान मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई इलाकों में शनिवार को बेमौसम बारिश हुई और कई इलाकों में ओले भी गिरे। मौसम विभाग के अनुसार अगले एक-दो दिन मौसम इसी तरह बना रहेगा। मुंबई, ठाणे, रायगढ, पालघर, सहित नाशिक, सतारा, महाबलेश्वर, अकोला, रत्नागिरी, अहमद नगर जैसे अन्य क्षेत्रों में तेज बारिश हुई। बिन मौसम की बारिश के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है। स्वाइन फ्लू के संक्रमण का खतरा बढ़ा मौसम साफ होने के साथ ही तापमान में बढ़ोतरी होने पर स्वाइन फ्लू का खतरा कम होने की बात कही जा रही थी। इस बीच मौसम फिर बदल गया। वातावरण में नमी की मात्रा बढ़ने से स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ गया है। यह मौसम वायरस के संक्रमण के लिए अनुकूल होता है। इस मौसम में लोगों को स्वास्थ्य का खास ख्याल रखने की जरूरत है। लोगों को भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना चाहिए। |
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Lets take the step to prevent swine flu....
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