विराट कोहली = राहुल द्रविड़ + वीरेंदर सहवाग
ऐसे बने विराट:
मुश्किलों के बीच राह बनाना उन्हें खूब आता है। क्रिकेट खेलने की उनकी अपनी एक अलग अदा है। मैदान पर उनके आक्रामक तेवर प्रतिद्वंद्वी टीम के हौसले पस्त कर देते हैं। कामयाबी पर दिल खोल कर जश्न मनाना उन्हें खासा पसंद है। जिम्मेदारियां उन्हें अपना बेस्ट करने को प्रेरित करती हैं। अपने इसी मिजाज के कारण वह भीड़ से एकदम अलग दिखाई पड़ते हैं। यंग इंडिया की इसी यंग तस्वीर का नाम है विराट कोहली: भारतीय क्रिकेट के नए यंग सम्राट । 23 बरस की उम्र के क्रिकेटरों में विराट बिना शक भारत ही नहीं, दुनिया के बेस्ट क्रिकेटर हैं। स्टारडम की चमक-दमक विराट ने 18 बरस की उम्र में ही देख ली। इससे वह कुछ राह भी भटके, लेकिन बहुत जल्द संभल भी गए। उनकी समझ में आ गया कि यह चमक तभी तक है, जब तब उनका बल्ला बोलता है। विराट इस झटके से उबरे और फिर खुद को स्थापित किया। चाहे दनादन क्रिकेट हो, फटाफट क्रिकेट या फिर सबसे असली यानी टेस्ट क्रिकेट, हर फॉर्मैट के मुताबिक खुद को वह सहजता से ढाल लेते हैं। वह जितनी खूबसूरत क्रिकेट खेलते हैं, उतने ही खूबसूरत दिखते भी हैं। वह खुद स्मार्ट दिखने का कोई मौका नहीं गंवाना चाहते हैं। उनकी दीवानगी का आलम यह है कि वह जहां भी जाते हैं, उनके यंग फैन्स उनके दीदार को बेताब हो जाते हैं। क्रिकेट का जुनून: विराट बहुत ही सामान्य परिवार से हैं। उनके पिता प्रेम कोहली ऐडवोकेट थे। कमाई बस इतनी कि गुजर-बसर हो जाए। इसके बावजूद पिता ने अपने बेटों विराट और विकास को क्रिकेटर बनाने का सपना संजोया। वह दोनों भाइयों को वेस्ट दिल्ली क्रिकेट अकैडमी में कोच राजकुमार शर्मा के पास ले गए। उस्ताद राजकुमार बताते हैं, ' तब विराट 9 बरस के रहे होंगे। क्रिकेट के लिए जो जज्बा और जुनून विराट ने तब दिखाया, उसने मुझे उनका मुरीद बना दिया। वह तब अपनी उम्र के बच्चों से हर लिहाज से एकदम अलग थे। वह किसी से भी तब आसानी से आउट नहीं होते थे। बाउंड्री से सीधे थ्रो कर स्टंप बिखेर देते थे। मुझे लग गया था कि यह लड़का जरूर इंडिया के लिए खेलेगा। तब विराट के पास बल्ला और पैड भी ठीक से नहीं थे। मैंने बीडीएम के पिंटू जी के पास विराट को बैट के लिए भेजा। तब वह 14 बरस के थे। उनका पलट कर फोन आया कि यह तो अभी बहुत छोटा है। मैंने उनसे कहा था कि फ्यूचर की इन्वेस्टमेंट समझ कर ही सामान दे दें। उन्होंने मेरी परख का सम्मान किया और विराट ने पलट कर पीछे नहीं देखा।' जज्बे को सलाम: विराट अलग ही मिट्टी के बने हैं। वह दिल्ली की टीम की ओर से फिरोजशाह कोटला मैदान पर कर्नाटक के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच खेल रहे थे। इसी दौरान उनके पिता की मौत हो गई। दिल्ली टीम तब गहरे संकट में थी। पिता के दाह संस्कार के बाद विराट अगले दिन फिर बल्लेबाजी के लिए लौटे और 90 से ज्यादा रन बनाए। उनकी इस पारी के बाद दिल्ली के कप्तान मिथुन मनहास ने कहा था कि विराट अलग ही मिट्टी का बना है। उनकी इस पारी का जिक्र सुनील गावस्कर बराबर करते हैं। कामयाबी की डगर: तीन बरस के इंटरनैशनल करियर में उन्होंने जो मुकाम हासिल किया, उस पर किसी को भी रश्क हो सकता है। विराट भारत को 2008 में क्वालालंपुर में अंडर 19 वर्ल्ड कप जिता कर सुर्खियों में आए। अपनी कप्तानी में अंडर 19 वर्ल्ड कप जितवाने के साथ 2008 में ही भारत सीनियर वन डे टीम में भी विराट ने जगह बनाई। हालांकि, आईपीएल की चमक में वह भी एक बार राह भटकते से लगे। ऐसे वक्त में विराट को अपने बचपन के उस्ताद राजकुमार शर्मा और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के कोच एरिक सिमंस की डांट वापस ट्रैक पर ले आई। इन दोनों ने यही समझाया कि उनके आसपास की चमक तभी है कि जब तक उनका बल्ला बोलता है। बल्ला रूठा तो चमक-दमक भी गायब हो जाएगी। विराट ने यह बात समझी और खुद को ऐसा संभाला कि अब उन्हें अब क्रिकेट और सिर्फ क्रिकेट ही दिखाई देता है। नंबर 3 पर फिट: राहुल द्रविड़ से बेहतर वर्ल्ड क्रिकेट में नंबर 3 पर बैटिंग करने वाला बेहतर बल्लेबाज दुनिया में हाल-फिलहाल शायद ही रहा हो। द्रविड़ अब इंटरनैशनल क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं। इसके बाद सबसे बड़ा सवाल था - उनकी जगह कौन लेगा? ऐसे में इस पोजिशन पर सबसे बेस्ट ऑप्शन के तौर पर सामने आए विराट कोहली। इस पोजिशन पर खासतौर पर क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मैट यानी टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाज पर टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी होती है। भारत के लिए एक अच्छी बात यह है कि इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए विराट जैसा युवा तुर्क तैयार है। सच तो यह है कि इस वक्त 23 बरस के दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में भारत के विराट कोहली टॉप पर नजर आते हैं। इस उम्र में उनको बस श्रीलंका के दिनेश चंडीमल से ही कुछ चुनौती मिलती नजर आती है। ताकत और कमजोरी: विराट मिजाज से आक्रामक हैं। इसी अंदाज में क्रिकेट भी खेलते हैं। मैदान पर वह स्लेजिंग का जवाब भी पलट कर देने में यकीन करते हैं। आलोचक इसके लिए भले ही उनकी आलोचना करें लेकिन विराट ने अपना अंदाज बदला नहीं है। वह बहुत ही फोकस होकर खेलते हैं। मैदान पर वह ज्यादा-से-ज्यादा वक्त क्रीज पर बिताने में यकीन करते हैं। यह उनकी ताकत है। विराट कई बार अति आत्मविश्वास में स्ट्रोक खेल कर विकेट गंवा देते हैं। उन्हें निरंतर क्रिकेट में आगे बने रहने के लिए अपनी इस आदत को सुधारना होगा। इंडिया का फ्यूचर: दुनिया के सर्वकालिक महान ओपनर सुनील गावस्कर, पाकिस्तान के रमीज राजा और तकनीकी रूप से बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक संजय मांजरेकर ने एक सुर में विराट कोहली को भारत की बल्लेबाजी का फ्यूचर बताया है। विराट की बल्लेबाजी के लिए इससे बड़ा सर्टिफिकेट नहीं हो सकता है। ये तीनों ही विराट के डिफेंस और स्ट्रोकप्ले के मुरीद हैं।विराट को जब भारतीय टीम का उपकप्तान बनाया गया तब गावस्कर उससे इत्तफाक नहीं रखते थे। विराट को इस बात की दाद देनी होगी कि उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से गावस्कर तक को अपना मुरीद बना लिया। विराट के बारे में राय विराट कोहली में रन बनाने की भूख गजब की है। विराट में यंग सचिन तेंडुलकर की झलक नजर आती है। वह खासे आक्रामक हैं। दबाव में अपने स्ट्रोक खेलते हैं। उनके स्ट्रोकों की रेंज बहुत है। - चेतन चौहान, पूर्व टेस्ट ओपनर विराट कोहली ने बैटिंग में जो मुकाम पाया है उसका श्रेय उनकी मेहनत और जज्बे को है। उन्होंने इंटरनैशनल क्रिकेट का दबाव बहुत बढि़या ढंग से झेला है। विराट अपनी गलतियों से सीख कर आगे बढ़ते हैं। - मनिंदर सिंह, पूर्व लेफ्ट आर्म स्पिनर गुरु वाणी कोच राजकुमार शर्मा -विराट बहुत ही फोकस्ड हैं। वह अपनी फिटनेस और क्रिकेट, दोनों को पूरी तवज्जो देते हैं। घंटो नेट्स पर पसीना बहाते हैं। फील्डिंग में भी पूरी ताकत झोंक देते हैं। -विराट को चुनौतियां पसंद हैं। श्रीलंका में वन डे में भारतीय टीम मैनेजमेंट ने उन्हें ओपनिंग करने को कहा तो उन्हें फौरन हामी भर दी। यह दर्शाता है, जिम्मेदारी लेने से कतई नहीं हिचकते। -कवर ड्राइव और कलाई से फ्लिक कर गेंद को बाउंड्री के पार पहुंचाने में माहिर। -कई पर ओवर कॉन्फिडेंट होकर विकेट गंवा देते हैं। -हालात जितने मुश्किल होते हैं विराट उतना ही बेहतरीन प्रदर्शन करने में यकीन करते हैं। -मुझे वेस्ट दिल्ली अकैडमी के 11 बरस के गुरमेर सिंह में अगला विराट नजर आता है। विराट कोहली की बाकी डीटेल्स जन्म : 5 नवंबर 1988, दिल्ली टीमें : टीम इंडिया, इंडिया रेड, भारत अंडर-19, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु रोल : मिडल ऑर्डर बैट्समैन बॉलिंग : दाएं हाथ के उपयोगी मीडियम पेसर खाना : नॉन वेज पसंद शौक : फास्ट म्यूजिक और कारों के शौकीन स्कूल : सेंट सोफिया स्कूल, पश्चिम विहार, दिल्ली अकैडमी : वेस्ट दिल्ली क्रिकेट अकैडमी |
Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
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Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
दिल्ली के स्टार विराट कोहली ऑल टाइम ग्रेट सचिन तेंडुलकर के पदचिह्नों पर चल पड़े हैं। वे जो भी करते हैं कोई न कोई वर्ल्ड रिकॉर्ड भड़भड़ाते हुए गिर पड़ता है।
वेस्ट इंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन में हुआ मुकाबला ही देख लीजिए। एक ओर जहां विराट ने दो-दो नए रिकॉर्ड बना डाले, वहीं उनके दम पर टीम इंडिया ने भी एक खास कारनामा कर दिया। |
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कोहली का 'विराट' रिकॉर्ड
वनडे इतिहास में महज 103 पारियों में 14 सेंचुरी लगाने वाले विराट कोहली पहले बल्लेबाज बन गए हैं। कोहली जिस तेजी से रन बना रहे हैं, उन्होंने सईद अनवर, सौरव गांगुली, क्रिस गेल और डेस्मंड हेयन्स जैसे दिग्गजों को पछाड़ दिया है। सबसे कम पारियों में 14 odi सेंचुरी लगाने वाले बल्लेबाज- 103 - विराट कोहली 131 - एबी डिविलियर्स 137 - सईद अनवर 143 - सौरव गांगुली 146 - क्रिस गेल 157 - डेस्मंड हेयन्स 159 - हर्शेल गिब्स |
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Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
द्रविड़ के बाद दूसरे दबंग बने कोहली
टीम इंडिया के वनडे इतिहास में दूसरी बार किसी कप्तान ने वेस्ट इंडीज में सेंचुरी लगाई है। कोहली की 102 रन की पारी से पहले मई 2006 में राहुल द्रविड़ ने किंग्सटन में हुए वनडे में 105 रन बनाए थे |
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विराट जीत के साथ रिकॉर्डवीर भी बने कोहली, कई मामलों में सचिन को भी छोड़ा पीछे
http://i9.dainikbhaskar.com/thumbnai.../25/7680_1.jpg टीम इंडिया का भविष्य इस समय 'विराट' दिख रहा है। दिल्ली के स्टार विराट कोहली ने जिस प्रकार से कप्तानी संभाली है, ऐसा लग रहा है कि 2015 के वर्ल्ड कप के लिए हमें एक और लीडर मिल गया है। पहले वेस्ट इंडीज और अब जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे सेंचुरी लगाकर उन्होंने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है जो कभी कोई भारतीय दिग्गज नहीं कर पाया था। हरारे में जिम्*बाब्*वे को हराया: कोहली, रायुडू और मिश्रा रहे जीत के हीरो विराट के सामने चुनौती कुछ खास नहीं थी, लेकिन बतौर कप्तान अपना धैर्य बनाए रखना उनकी लीडरशिप क्वालिटी का नमूना दिखा गया। कोहली ने मुश्किल पिच पर जहां हर टॉप ऑर्डर बल्लेबाज का स्ट्राइक रेट 100 से कम का था, वहां 106.48 की स्ट्राइक रेट से बेहतरीन शतक जड़ा। उन्होंने महज 108 गेंदों का सामना करते हुए 13 चौकों और 1 छक्के की मदद से 115 रन बनाए। इस सेंचुरी के साथ ही 24 साल के कोहली ने एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया जिसकी बराबरी आने वाले समय में कोई इंडियन नहीं कर पाएगा। |
Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
दो सेंचुरी से बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
http://i4.dainikbhaskar.com/thumbnai.../25/7681_2.jpg विदेशी मैदानों पर कप्तानी करते हुए 24 या उससे कम की उम्र में 2 सेंचुरी लगाने वाले वे भारत के पहले और वर्ल्ड के तीसरे खिलाड़ी बन गए हैं। विराट ने कपिल देव के 1983 में बनाए 1 शतक के रिकॉर्ड को जिम्बाब्वे के खिलाफ सेंचुरी लगाकर चकनाचूर कर दिया। 1983 में जिम्बाब्वे के ही खिलाफ नाबाद 175 रन की पारी खेलकर कपिल देव ने यह कीर्तिमान रचा था। इस रिकॉर्ड के शूरवीर ये रहे- ग्रीम स्मिथ (साउथ अफ्रीका) - 2 सेंचुरी विराट कोहली (भारत) - 2 सेंचुरी पोर्टरफील्ड (आयरलैंड) - 2 सेंचुरी कपिल देव (भारत) - 1 सेंचुरी स्टीफन फ्लेमिंग (न्यूजीलैंड) - 1 सेंचुरी मोहम्मद अशरफुल (बांग्लादेश) - 1 सेंचुरी शाकिब अल हसन (बांग्लादेश) - 1 सेंचुरी सचिन तेंडुलकर (इंडिया) - 1 सेंचुरी ये सभी शतक जीते हुए मैचों में लगे हैं। |
Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
सबसे कम पारियों में ठोके 15 शतक
http://i8.dainikbhaskar.com/thumbnai.../25/7683_3.jpg जिम्बाब्वे के खिलाफ बनाया 115 रन का स्कोर विराट कोहली के करियर का 15वां वनडे शतक है। इस सेंचुरी के साथ ही उन्होंने एक खास वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया है। सबसे कम पारियों में 15 सेंचुरी लगाने वाले वे दुनिया के नंबर 1 बल्लेबाज हैं। कोहली ने 15 शतकों का सफर महज 106 पारियों में पूरा कर लिया। इन 15 सेंचुरी में से 14 टीम को जीत दिलाने में काम आई हैं, जबकि महज एक हारे हुए मैच में लगी है। सबसे कम पारियों में 15 सेंचुरी बनाने वाले टॉप बैट्समैन ये रहे- विराट कोहली - 106 पारी सईद अनवर - 143 पारी सौरव गांगुली - 144 पारी क्रिस गेल - 147 पारी हर्शेल गिब्स - 161 पारी डेस्मंड हेयन्स - 166 पारी रिकी पोंटिंग - 180 पारी सचिन तेंडुलकर - 182 पारी विराट कोहली ने लगाईं किसके खिलाफ कितनी सेंचुरी श्रीलंका - 5 वेस्ट इंडीज, इंग्लैंड, बांग्लादेश - 2 ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे - 1 |
Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
सचिन को किया पीछे
विराट कोहली ने अपने कारनामो से कई मामलों में सचिन तेंडुलकर को भी मात दी है। सबसे कम पारियों में 10 से ज्यादा सेंचुरी लगाने के रिकॉर्ड में तो वे सचिन को कब का पीछे कर चुके। अब एक और कीर्तिमान उनके नाम है। 24 या उससे कम की उम्र में विदेशी मैदानों पर बल्लेबाजी करते हुए सर्वाधिक सेंचुरी बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड अब विराट कोहली के नाम है। कोहली ने महज 10 मैचों में 197.33 के औसत से 1184 रन बनाए हैं। इसमें 10 सेंचुरी शामिल हैं। विदेशी मैदानों पर सबसे ज्यादा शतक (24 या उससे कम की उम्र में) लगाने वाले बल्लेबाज ये रहे- विराट कोहली - 10 क्रिस गेल - 9 सचिन तेंडुलकर - 7 उपुल थरंगा - 7 युवराज सिंह - 5 24 से कम की उम्र में सबसे ज्यादा सेंचुरी लगाने के मामले में भी कोहली ने सचिन को पीछे कर दिया। जिम्बाब्वे के खिलाफ मुकाबले से पहले दोनों धुरंधर बराबरी पर थे, लेकिन एक वार से चेला गुरू से आगे निकल गया। 24 या उससे कम की उम्र में सबसे ज्यादा वनडे सेंचुरी लगाने वाले बल्लेबाज ये रहे- विराट कोहली - 15 सचिन तेंडुलकर - 14 क्रिस गेल - 9 सलमान बट्ट - 8 उपुल थरंगा - 8 |
Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
सबसे युवा मैच विनर बने कोहली
विराट की उम्र फिलहाल 24 साल है। महज पांच साल के करियर में उन्होंने ऐसी उपलब्धियां हासिल की हैं, जो उनकी उम्र में सचिन तेंडुलकर भी नहीं कर पाए थे। विराट कोहली जीते हुए वनडे मैचों में सबसे ज्यादा सेंचुरी लगाने वाले युवा हैं। 24 साल की उम्र में उनसे ज्यादा सेंचुरी किसी बल्लेबाज ने नहीं लगाईं। 24 या कम की उम्र में विनिंग सेंचुरी लगाने वाले टॉप 5 बैट्समैन - विराट कोहली - 14 सचिन तेंडुलकर - 10 क्रिस गेल - 7 सलमान बट्ट - 7 महेला जयवर्धने - 6 टार्गेट का पीछा करते हुए भी सबसे ज्यादा विनिंग सेंचुरी कोहली के नाम हैं- विराट कोहली - 9 सचिन तेंडुलकर - 6 वीरेंद्र सहवाग - 4 क्रिस गेल - 4 |
Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
http://i10.dainikbhaskar.com/thumbna.../25/7684_6.jpg
कप्तानी में भी किया कमाल विराट कोहली रन बनाने के साथ ही कप्तानी में भी झंडे गाड़ रहे हैं। ट्राइ नेशन सीरीज के दौरान श्रीलंकाई टीम को महज 96 रन के स्कोर पर ढेर कर उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी को पीछे किया था। भुवनेश्वर कुमार की अगुवाई में भारतीय बॉलर्स ने अपना कमाल दिखाते हुए श्रीलंका को 96 रन पर ढेर किया था। 2005 के बाद यह पहला मौका रहा जब टीम इंडिया ने विदेशी मैदान पर विपक्षी टीम को 100 से कम रन के स्कोर पर ऑलआउट किया। 29 अगस्त 2005 को हरारे में टीम इंडिया ने जिम्बाब्वे को 65 रन के स्कोर पर ढेर किया था। कप्तान धोनी विदेशी धरती पर कभी वनडे में ऐसा कमाल नहीं कर सके, लेकिन कोहली ने महज दूसरे ही मैच में इस खास रिकॉर्ड लिस्ट में एंट्री मार ली। कैरेबियाई किंग कोहली वेस्ट इंडीज के खिलाफ सेंचुरी लगाने के बाद भी विराट ने कई कप्तानी रिकॉर्ड बनाए थे। वनडे मैचों में भारत की कप्तानी करते हुए पहले ही मैच में सेंचुरी लगाने वाले विराट कोहली दूसरे कप्तान हैं। उनसे पहले यह कमाल टीम में जगह बनाने के लिए जूझ रहे गौतम गंभीर ने किया था। गंभीर ने 2010 में नाबाद 138 रन बनाकर यह कारनामा किया था। सचिन तेंडुलकर ने बतौर कप्तान खेले दूसरे वनडे में सेंचुरी लगाई थी। 1996 में उन्होंने 110 रन की पारी खेली थी। |
Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
टीम इंडिया की एक धांसू जीत ने क्रिकेट के रोमांच की देश में वापसी करवा दी। जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम पर हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मुकाबले में धोनी ब्रिगेड ने 360 रन का पहाड़ पार कर नया इतिहास रचा 360 रन के लक्ष्य को हासिल करने में तीन बल्लेबाजों ने अपना दम दिखाया। शिखर धवन ने 95 रन ठोके तो रोहित शर्मा 141 और विराट कोहली 100 रन बनाकर नॉटआउट रहे।
नया इतिहास बनाने के लिए किसी न किसी चमत्कार की जरूरत होती है। इन तीन धुरंधरों ने मिलकर उसी को अंजाम दिया। रोहित ने जहां 2010 के बाद करियर का तीसरा शतक जड़ा, वहीं विराट ने भारतीय वनडे इतिहास की सबसे तेज सेंचुरी लगाई। तीनों के जोश को देखकर लगा कि इस नई टीम इंडिया के लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं। मैच में रोहित शर्मा ने 141 रन की सबसे बड़ी पारी खेली, लेकिन उनकी निरंतरता की कमी ने उसकी रंगत थोड़ी फीकी कर दी। वहीं दूसरी तरफ विराट ने करियर की 110वीं पारी में 16वां सैकड़ा जड़ आने वाले उज्जवल भविष्य के संकेत दे दिए। 2013 का नवंबर माह दुनियाभर के क्रिकेटप्रेमियों के लिए भावुक होने वाला है। इसी महीने क्रिकेट के शहंशाह सचिन तेंडुलकर करियर का आखिरी मैच खेलेंगे। सचिन की विदाई से पहले विराट ने एक और रिकॉर्डतोड़ शतक जड़ सभी प्रशंसकों को खुश होने का एक मौका दे दिया है। वैसे यह कहना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन आंकड़े यही इशारा कर रहे हैं कि क्रिकेट वर्ल्ड को अपना अगला सचिन मिल चुका है। विराट में वे सभी गुण दिख रहे हैं जो कि 19 साल के सचिन में 1989 में देखने को मिले थे। |
Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
24 की उम्र के बादशाह सचिन-कोहली
सचिन और विराट कोहली को जो अंक जोड़ता है वह है 18। दोनों ही धुरंधरों ने करियर का आगाज 18 तारीख को किया। सचिन ने जहां 18 दिसंबर 1989 को पाकिस्तान के खिलाफ करियर का पहला वनडे खेला, वहीं विराट ने 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ दांबुला में डेब्यू किया। दोनों ही बल्लेबाजों ने एशियाई पिचों पर करियर का आगाज किया। वनडे डेब्यू के समय सचिन की उम्र 16 साल थी, वहीं विराट की 20 साल। तेंडुलकर अपने टीनेज में थे तो कोहली ने उस दौर को बस पार ही किया था। 24 की उम्र में दोनों ही अपने-अपने समय के बादशाह रहे। 1990 के दशक में सचिन 24 की उम्र में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। उन्होंने उस कच्ची उम्र में 187 वनडे मैचों की 181 पारियां खेलने का अनुभव हासिल कर लिया था। 16 पारियों में नॉटआउट रहकर उन्होंने 39.52 के औसत से 6522 रन बनाए थे। इसमें 14 शतक और 40 अर्धशतक शामिल थे। विराट 24 की उम्र में 115 वनडे खेल चुके हैं, जिनकी 110 पारियों में 50.92 के औसत से 4736 रन बना चुके हैं। उन्होंने सचिन से बेहतर एवरेज के साथ खेलते हुए 16 शतक लगाए हैं। हाफ सेंचुरी के मामले में विराट (25) वे भले ही मास्टर ब्लास्टर से पीछे हैं, लेकिन उनका पचासे को शतक में कन्वर्ट करने का रेट शानदार है। महज 24 की उम्र में विराट ने हर 6.87वीं पारी में एक सेंचुरी लगाई, जबकि सचिन ने उसी उम्र में उनसे ज्यादा मैच खेलने के बावजूद 1 सैकड़ा लगाने के लिए 12.92 पारियां खेलीं। |
Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
24 की उम्र
सचिन तेंडुलकर (1989-1998) * 187 मैच * 6522 रन (39.52 औसत) * 14 सेंचुरी, 40 हाफ सेंचुरी * 143 रन - हाई स्कोर विराट कोहली (2008-2013) * 115 मैच * 4736 रन (50.92 औसत) * 16 सेंचुरी, 25 हाफ सेंचुरी * 183 - हाई स्कोर |
Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
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Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
दूसरी पारी में दे रहे हैं टक्कर
महज 24 की उम्र में दूसरी पारी में रन बनाने में विराट कोहली सचिन तेंडुलकर के रिकॉर्ड को टक्कर दे रहे हैं। 1990 के दशक में महज 24 की उम्र में टार्गेट का पीछा करते हुए सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड सचिन तेंडुलकर के नाम है। अपने दौर में विराट भी दूसरी पारी के शहंशाह बने बैठे हैं। उन्होंने अबतक 67 मैचों की 63 पारियों में 62.77 के औसत से 3076 रन बनाए हैं, जिसमें 10 शतक और 17 हाफ सेंचुरी शामिल हैं। कोहली का करियर बेस्ट 183 रन का स्कोर भी दूसरी पारी में लक्ष्य का पीछा करते हुए ही बना है। सचिन के दौर यानी 1990 के दशक की बात करें तो उस पीरियड में सचिन ही सेकंड इनिंग के किंग थे। 24 की उम्र में टार्गेट का पीछा करते हुए सर्वाधिक रन बनाने के मामले में उन्होंने ब्रायन लारा, रिकी पोंटिंग और जैक कैलिस जैसे धुरंधरों को पीछे छोड़ा था। सचिन ने 25वां बर्थडे मनाने से पहले तक सचिन ने 93 मैचों की 88 पारियों में 43.70 के औसत से 3365 रन बनाए थे, जिसमें 7 सेंचुरी और 21 हाफ सेंचुरी शामिल थीं। तेंडुलकर ने कोहली से ज्यादा मैच खेलते हुए रन भी ज्यादा बनाए, लेकिन औसत के मामले में वे नई पीढ़ी के विराट से पीछे रह गए। यहां 24 की उम्र का जिक्र जरूरी है। सचिन के रूप में क्रिकेट वर्ल्ड को नई सनसनी टीनेज में ही मिली थी। हालांकि, विराट को अगला सचिन कहना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन उनका हर मैच में सचिन की तरह कोई न कोई कमाल करना इस ओर इशारा कर रहा है कि वे तेंडुलकर के रिकॉर्ड्स तोड़ सकते हैं। खुद मास्टर ब्लास्टर यह बात कह चुके हैं कि उनके रिकॉर्ड तोड़ने का दम विराट में है। |
Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
टीम को जीत दिलाने में कौन है आगे?
मैच के दौरान कोई खिलाड़ी कितने भी कीर्तिमान क्यों न बना ले, उसकी असली परीक्षा यही होती है कि क्या वह अपनी टीम को जीत दिला पाया? 24 की उम्र में अपनी टीम को विनर बनाते हुए सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में भी विराट और सचिन अपने-अपने समय के किंग रहे। सचिन ने 1990 के दशक में बाजी मारी तो विराट 21वीं सदी में कमाल कर रहे हैं। 1990 से 1999 के बीच सचिन ने 86 मैचों में जीत दिलाते हुए 53.21 के औसत से 3725 रन बनाए। इस दौरान तेंडुलकर के बल्ले से 20 शतक और 26 अर्धशतक निकले। 21वीं सदी के प्रिंस विराट कोहली ने 2008 से 2013 के बीच 72 मैचों में जीत दिलाते हुए 67.79 के औसत से 3593 रन बनाए। विराट ने करियर में लगाए 16 वनडे शतकों में से 15 जीते हुए मैचों में लगाए। साथ ही उन्होंने 15 हाफ सेंचुरी भी जड़ीं। जीते हुए मैचों में परफॉर्मेंस सचिन तेंडुलकर (1989-1998) * 86 मैच * 3725 रन (53.21 औसत) * 10 सेंचुरी, 24 हाफ सेंचुरी * 127 नॉटआउट - हाई स्कोर विराट कोहली (2008-2013) * 72 मैच * 3593 रन (67.79 औसत) * 15 सेंचुरी, 15 हाफ सेंचुरी * 183 - हाई स्कोर |
Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली अपनी आतिशी पारियों की बदौलत रेकॉर्डबुक के दुलारे बनते जा रहे हैं। कोहली ने आपने पांच साल के करियर में कई ऐसे वनडे रेकॉर्ड अपने नाम कर लिए हैं, जो दिग्गजों से भी दूर रहे हैं।
कोहली ने बुधवार को नागुपर के विदर्भ क्रिकेट असोसिएशन मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए अपने करियर का 17वीं सेंचुरी बनाई। इन 17 सेंचुरीज के लिए कोहली को 112 पारियों की जरूरत पड़ी। कोहली ने भारत के साथ साथ पूरी दुनिया में सबसे तेजी से 17 सेंचुरीज लगाई हैं। इससे पहले यह रेकॉर्ड सौरव गांगुली के नाम था, जिन्होंने 170 पारियों में इतनी सेंचुरीज लगाई थीं। गांगुली से पहले पाकिस्तान के सईद अनवर ने 177 पारियों में 17 सेंचुरीज पूरी की थीं। जामथा में 115 रनों की नाबाद पारी खेलने वाले कोहली ने अपनी इस पारी के दौरान 82 रनों का आंकड़ा पार करने के साथ ही 2013 कैलेंडर वर्ष में 1000 रन पूरे किए। वह लगातार तीन कैलेंडर वर्ष में 1000 रन बना चुके हैं। गांगुली (1997-2000), सचिन तेंडुलकर (1996-98) और एमएस धोनी (2007-09) के बाद कोहली लगातार तीन कैलेंडर वर्ष में 1000 रन बनाने वाले चौथे बल्लेबाज हैं। |
Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
कोहली ने अपना 17वीं सेंचुरी 61 गेदों पर पूरी की। वह वीरेंद्र सहवाग के 60 गेंदों पर सैकड़े के रेकॉर्ड को 15 दिनों में दूसरी बार तोड़ते नजर आए। इससे पहले इसी सीरीज के दूसरे मैच में कोहली ने भारत की ओर से सबसे तेज सेंचुरी लगाने का रेकॉर्ड कायम किया था। यह रेकॉर्ड पहले सहवाग के नाम था। कोहली ने लक्ष्य का पीछा करते हुए अब तक 11 सेंचुरीज लगाई हैं। वेस्ट इंडीज के बल्लेबाज क्रिस गेल और कोहली इस प्लेटफॉर्म पर एक साथ खडे़ हैं। सिर्फ सचिन तेंडुलकर (17) ने लक्ष्य का पीछा करते हुए इनसे अधिक सेंचुरीज लगाई हैं।
कोहली के सभी 11 सेंचुरीज भारत की जीत में काम आईं। इस लिहाज से सिर्फ सचिन (14) ही कोहली से आगे हैं। कोहली की 11 सेंचुरीज में से पांच ऐसी हैं, जो उन्होंने 300 से अधिक रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए लगाए हैं। कोहली दुनिया के इकलौते ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने दो मौकों पर लगातार पांच पारियों में 50 या उससे अधिक रनों की पारियां खेली हैं। बीती पांच पारियों में कोहली ने 68 नाबाद, 61, 100 नाबाद, 68 और 115 नाबाद बनाए हैं। इससे पहले फरवरी 28 से जुलाई 21, 2012 के बीच कोहली ने पांच पारियों में चार शतक और 66 रन बनाए थे। |
Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
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Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
http://i3.dainikbhaskar.com/thumbnai...22/7799_17.jpg
कोच्चि में जीत विराट कोहली के लिए बेहद खास रही। टीम इंडिया की रन मशीन बन चुके विराट ने यहां 114 पारियों में पांच हजार रन पूरे कर कैरेबियाई दिग्गज विव रिचर्डस की बराबरी कर ली। विराट को इस कारनामे के लिए कोच्चि में 81 रनों की दरकार थी और 86 रनों की पारी के साथ विराट अब वनडे इतिहास में रिचर्डस के साथ सबसे तेज पांच हजारी बन चुके हैं। |
Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
http://i10.dainikbhaskar.com/thumbna.../22/7768_5.jpg
यहीं नहीं कोहली इस मुकाबले में मैन ऑफ द मैच भी चुने गए। इस साल यह विराट का पांचवा मैन ऑफ द मैच अवार्ड था। इसके साथ ही विराट इस साल सबसे ज्यादा मैन ऑफ द मैच अवार्ड जीतने वाले खिलाड़ी भी बन गए। विराट ने इस मामले में पाकिस्तानी कप्तान मिस्बाह उल हक और श्रीलंका के तिलकरत्ने दिलशान को पीछे छोड़ा। मिस्बाह और दिलशान इस साल चार बार मैन ऑफ द मैच चुने जा चुके थे। |
Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
एवरेज में अव्वल विराट
टी-20 इंटरनेशनल में 500 प्लस रन बनाने वाले बल्लेबाजों में विराट कोहली का बैटिंग एवरेज सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने इस हाफ सेंचुरी के साथ ही इस रिकॉर्ड को भी अपने नाम कर लिया। विराट ने 26 मैचों की 24 पारियों में 43.63 के औसत से 829 रन बनाए हैं। टी-20 में बेस्ट बैटिंग एवरेज वाले धुरंधर ये रहे (आधार - मिनिमम 500 रन) - विराट कोहली - 43.63 आरोन फिंच - 41.25 माइक हसी - 37.94 केविन पीटरसन - 37.93 मिस्बाह उल हक - 37.52 |
Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
स्पेशल सेंचुरी के करीब विराट कोहली
विराट टी-20 इंटरनेशनल में चौकों की सेंचुरी पूरी करने के करीब हैं। उन्होंने 24 पारियों में 129.73 के स्ट्राइक रेट से 91 चौके लगाए हैं। महज 9 चौके लगाकर वे इस स्पेशल सेंचुरी को पूरी कर सकते हैं। यदि श्रीलंका के खिलाफ विराट का बल्ला रौद्र रूप लेता है, तो वे 100 चौके लगाने वाले इंडिया के दूसरे और वर्ल्ड के 14वें बल्लेबाज होंगे। इंडिया के लिए यह कारनामा सिर्फ गौतम गंभीर ने किया है, जिनके खाते में 109 चौके दर्ज हैं। |
Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
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Re: सचिन तेंदुलकर + राहुल द्रविड़ = विराट कोहली
इकलौते इंडियन हैं विराट
टी-20 मैचों में लगातार तीन हाफ सेंचुरी लगाने का इंडियन रिकॉर्ड विराट कोहली के नाम है। उन्होंने 2012 में यह कारनामा किया था। 2014 के टी-20 वर्ल्ड कप भी उन्होंने लगातार दो पचासे लगाने का कमाल किया। विराट के लगातार पचासे इस प्रकार से थे- 68 रन - बनाम श्रीलंका, पल्लेकल - 7 अगस्त 2012 70 रन - बनाम न्यूजीलैंड, चेन्नई - 11 सितंबर 2012 50 रन - बनाम अफगानिस्तान, कोलंबो - 19 सितंबर 2012 |
Re: विराट कोहली = राहुल द्रविड़ + वीरेंदर सहवाग
इकलौते इंडियन हैं विराट
टी-20 मैचों में लगातार तीन हाफ सेंचुरी लगाने का इंडियन रिकॉर्ड विराट कोहली के नाम है। उन्होंने 2012 में यह कारनामा किया था। 2014 के टी-20 वर्ल्ड कप भी उन्होंने लगातार दो पचासे लगाने का कमाल किया। विराट के लगातार पचासे इस प्रकार से थे- 68 रन - बनाम श्रीलंका, पल्लेकल - 7 अगस्त 2012 70 रन - बनाम न्यूजीलैंड, चेन्नई - 11 सितंबर 2012 50 रन - बनाम अफगानिस्तान, कोलंबो - 19 सितंबर 2012 |
Re: विराट कोहली = राहुल द्रविड़ + वीरेंदर सहवाग
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