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khalid 11-11-2010 02:50 PM

दोस्तों की नजर
 
दोस्तोँ मैँ एक सुत्र बना रहा हुँ जिसमेँ किसी भी मित्रोँ के मजबुत और कमजोर पक्ष के बारे मेँ अपनी राय देनी हैँ
कृप्या ध्यान रखे कि अभद्र भाषा के प्रयोग पर पाबन्दी रहेगी. हमेँ सिर्फ अपने मित्रोँ के बारे मेँ अपनी स्वतंत्र राय देनी हैँ. उनका अपमान करने का उद्देश्य नहीँ हैँ

munneraja 11-11-2010 03:22 PM

सबसे पहले मुन्ना :
मैं खुद मानता हूँ कि मैं नियम पालन और अनुशासन में कठोर हूँ
लेकिन आप मेरे व्यवहार से क्या सोचते हैं ??

aksh 11-11-2010 03:31 PM

सबसे पहला व्यक्ति चुनने का अधिकार मुझे दिया है अनुज खालिद ने तो मैं चुनता हूँ इस कार्य के लिए सबसे पहले जय भैया को.

जय भैया ( भाईजी )

मजबूत पक्ष

1) कुशल नियामक

२) डांट और प्यार का अनोखा संगम.

३) ज्यादातर काम प्यार से निकालने में महारत.

४) हिंदी पर बहुत ही कुशल नियंत्रण और पकड़.

५) कवि ह्रदय.

६) स्वच्छ और साफ़ सुथरी छवि.

७) कम लेकिन सार गर्भित प्रविष्टियाँ.

८) लाग लपेट कर बात ना करना.


कमजोर पक्ष

१) कवि ह्रदय का होना.

२) अंग्रेजी भाषा को बिलकुल भी उपयोग नहीं करते.

३) कभी कभी गलतियों को ध्यान नहीं देते.

४) मजबूत पक्ष का ज्यादा होना.

munneraja 11-11-2010 03:33 PM

Quote:

Originally Posted by aksh (Post 12977)
सबसे पहला व्यक्ति चुनने का अधिकार मुझे दिया है अनुज खालिद ने तो मैं चुनता हूँ इस कार्य के लिए सबसे पहले जय भैया को.
२) अंग्रेजी भाषा को बिलकुल भी उपयोग नहीं करते.

ये तो इनका मजबूत पक्ष है
क्योंकि यह एक हिंदी फोरम है

abhisays 11-11-2010 03:40 PM

मेरे बारे में आप लोगो के क्या ख़यालात है...

aksh 11-11-2010 03:42 PM

Quote:

Originally Posted by munneraja (Post 12979)
ये तो इनका मजबूत पक्ष है
क्योंकि यह एक हिंदी फोरम है

बड़े भैया ये आपका मजबूत पक्ष मिल गया मुझे. आप गलती तुरंत ही पकड़ लेते है. मेरा मतलब था कि मेरे विचार से कोई भी भाषा तब ही सम्रद्ध हो पाती है जब उसके अन्दर दूसरी भाषाओँ के प्रचलित और लोकप्रिय शब्दों को समय समय पर अपनाया जाता रहे. जैसे कि अंग्रेजी ने, जंगल, डकैत, सिपाही, लूट, गुरु, आदि को अंग्रेजी में अपनाया और इस्तेमाल किया. उसी तरह हमको भी हिंदी भाषा के क्लिष्ट शब्दों के स्थान पर कुछ शब्द अंग्रेजी जैसी भाषाओँ से भी ले लेने चाहिए. जैसे कि होटल, सेकण्ड ( द्वितीय ) थर्ड ( तृतीय ) . ये मेरे अपने निजी विचार हैं कि अगर हिंदी वो होगी जो हिंदी फिल्मों में बोली जाती है तो जल्दी से फैलेगी और फ़ैल भी रही है. कल्पना करें कि निजी जीवन में जो हिंदी हम यूज करते हैं अगर उसकी जगह क्लिष्ट हिंदी का प्रयोग करें तो कैसा लगेगा.

मुझे भी जय भैया की हिंदी पर नाज है. आपने देखा नहीं कि कवि ह्रदय होना दोनों पक्षों में लिखा है.

aksh 11-11-2010 03:49 PM

Quote:

Originally Posted by abhisays (Post 12980)
मेरे बारे में आप लोगो के क्या ख़यालात है...

इस पर सूत्र के चेयर मैन श्री खालिद जी और md अक्ष शीघ्र ही फैसला सुनायेंगे. पहले जय भैया के बारे में ही चलेगा एक दिन तक. फिर एक समय पर जय भैया के बारे में विचार प्रविष्ट करना खालिद जी बंद कर देंगे तब जय भैया को एक आख़िरी प्रविष्टि करनी होगी अपने बारे में रखे गए सभी पक्षों पर अपने विचार रखते हुए. और खास तौर पर ये बताने के लिए कि वो अपने कमजोर पक्षों को कैसे मजबूत करेंगे. अभी जय भैया को कोई प्रविष्टि नहीं करनी है और ना ही किसी और के बारे में कोई राय अभी देनी है. साक्षात्कार की तरह ये भी पूरे एक दिन चलेगा. और कल के लिए मुन्ना भैया को चुन लिया गया है. उसके अगले दिन अभिषेक जी आप आयेंगे. धन्यवाद.

khalid 11-11-2010 03:50 PM

Quote:

Originally Posted by abhisays (Post 12980)
मेरे बारे में आप लोगो के क्या ख़यालात है...

तनिक आराम से भैया
रउवा के भी नम्बर लागी अभी तो रउवा लोगन के अपन भाई जी के बारे मे लिखन दीहीँ अपन भि विचार रख्खीँ रउवा

abhisays 11-11-2010 03:51 PM

Quote:

Originally Posted by aksh (Post 12987)
इस पर सूत्र के चेयर मैन श्री खालिद जी और md अक्ष शीघ्र ही फैसला सुनायेंगे. पहले जय भैया के बारे में ही चलेगा एक दिन तक. फिर एक समय पर जय भैया के बारे में विचार प्रविष्ट करना खालिद जी बंद कर देंगे तब जय भैया को एक आख़िरी प्रविष्टि करनी होगी अपने बारे में रखे गए सभी पक्षों पर अपने विचार रखते हुए. और खास तौर पर ये बताने के लिए कि वो अपने कमजोर पक्षों को कैसे मजबूत करेंगे. अभी जय भैया को कोई प्रविष्टि नहीं करनी है और ना ही किसी और के बारे में कोई राय अभी देनी है. साक्षात्कार की तरह ये भी पूरे एक दिन चलेगा. और कल के लिए मुन्ना भैया को चुन लिया गया है. उसके अगले दिन अभिषेक जी आप आयेंगे. धन्यवाद.


काफी अच्छा सूत्र चालू किया है.. आपने और खालिद जी ने.. :bravo:

aksh 11-11-2010 03:54 PM

Quote:

Originally Posted by munneraja (Post 12975)
सबसे पहले मुन्ना :
मैं खुद मानता हूँ कि मैं नियम पालन और अनुशासन में कठोर हूँ
लेकिन आप मेरे व्यवहार से क्या सोचते हैं ??

आपके लिए पूरी रिसर्च कमेटी लगी हुयी है. बड़े भैया ! आपके पास नौरंगा है आपके अन्दर कोई कमी हमको तो दिखाई देगी नहीं नहीं. फिर भी जैसा कि अभी एक प्रविष्टि में बताया गया है. कि आपके बारे में कल चर्चा करेंगे. और हाँ खालिद और अक्ष के बारे में कोई चर्चा नहीं ......

aksh 11-11-2010 03:59 PM

सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया जय भैया के बारे में अपने विचार मजबूत और कमजोर पक्ष की श्रेणी में रख कर करें. जय भैया के बारे में मैंने जो एक दो सांकेतिक बातें कमजोर पक्ष में लिखी हैं वो सिर्फ सांकेतिक हैं ताकि आप सभी को सूत्र की रूप रेखा पता चल जाए. वैसे उनका कमजोर पक्ष है नहीं शायद. बाकी आप लोगों की राय आने पर पता चलेगा.

aksh 11-11-2010 04:00 PM

Quote:

Originally Posted by khalid1741 (Post 12989)
तनिक आराम से भैया
रउवा के भी नम्बर लागी अभी तो रउवा लोगन के अपन भाई जी के बारे मे लिखन दीहीँ अपन भि विचार रख्खीँ रउवा

उम्मीद ही नहीं बल्कि पूरा विश्वास है कि अभि जी ने समझ लिया होगा.

munneraja 11-11-2010 05:19 PM

जितना मैंने जय भाई को जाना है
उसके अनुसार जय भाई मृदु भाषी है,
ठहर कर सोच कर किसी कार्य को करते हैं अतः गलतियों की सम्भावना बहुत कम हो जाती है,
परिवार के साथ समुचित समय देते हुए परिवार के सदस्यों के साथ उन्ही के अनुरूप व्यवहार करने में कुशल हैं
और जय भाई प्रबंधन प्रतिभा के धणी है,
यदि किसी पर वार करते हैं तो भी चाकू के फलके के स्थान पर उसके मूठ से वार करते हैं.
सबसे ऊपर बहुरानी इनकी पूरक प्रतिभा हैं

gulluu 11-11-2010 09:46 PM

मेरी नजर में जय भैया का मजबूत पक्ष है उनकी लेखन क्षमता और सही शब्दों का चुनाव,क्योंकि फोरम पर किसी भी सदस्य के बारे में अनुमान उसके द्वारा की गई प्रविष्टियों से ही लगाया जा सकता है और इस मामले में जय भाई सबसे आगे हैं. वो केवल काम की और नपीतुली बात करते हैं ,व्यर्थ संवाद नहीं करते .
जो एक आध कमजोरी दिखाई पड़ती है वो ये की पूर्ण विराम या बिंदु के स्थान पर / का उपयोग करते हैं जो नए लोगों को समझ नहीं आता साथ ही न जाने क्यों ये खुद को बहुत उम्रदराज और थका हुआ मानने लगे हैं जो की मेरी नजरों में ठीक नहीं है .आपसे अधीक उम्र तो मुन्ना जी की होनी चाहिए लेकिन वो तो खुद को जवान मानते हैं और हम जवानों से भी ज्यादा उर्जावान है .

बाकि लिखे सुने के लिए माफ़ी चाहता हू .

abhisays 11-11-2010 09:46 PM

मेरे पास ही एक ही शब्द है जय जी के लिए.. वो है. Perfect
  • उनकी हिंदी की लेखन शैली perfect है|
  • उनकी प्रबंधन क्षमता perfect है|
  • बहुत ही मुश्किल फैसले या बाते कैसे बहुत ही simple तरीके से कैसे convey की जाये इसमें जय जी perfect है|
  • किस बात को कितना importance देना है या नहीं देना है, यह कोई इनसे सीखे इसमें भी वे perfect है|
इतनी qualities होने के बावजूद वो इतने down to earth है.. इसलिए मेरे पास उनके लिए एक ही शब्द है और वो है perfect :clapping:

sam_shp 11-11-2010 10:14 PM

जयभाई....एकदम सरल , निःस्वार्थी , अनुशासित ,सोच विचार से पॉइंट टू पॉइंट सीधी बात करने मे विश्वाश रखते है....हिंदी भाषा पर मजबूत पकड है...और किसी भी विषय पर झट से काव्य बनाने मे माहिरता है.....इनके गुस्से मे भी प्यार होता है....इनके लिये जितना लिखा जाये उतना कम ही होगा....९९.९९९९९९९९.... % परफेक्ट इंसान.

aksh 11-11-2010 10:30 PM

जय भैया के लिए एक कविता लिखी है उसके बाद फिर जय भैया से अपने बारे में बोली गयी बातों के लिए उनकी राय मांगी जायेगी.

जय भैया है सच्चे इतने कभी ना करते गुमान, नवागत और पुरानों को देखते एक समान.

देखते एक समान कभी ना करते दंगा, नियम अगर हो भंग तो बातों से कर दें नंगा.

शांत चित्त से काम में लगे रहें दिन रात, फोन अगर कर लो तो करें प्रेम से बात.

करें प्रेम से बात दिल हैं इनका सच्चा, तभी तो इनको चाहे अक्ष, सिकंदर,खालिद बच्चा.

सदा रहें इनकी कृपा हमपर कृपा निधान, सौ साल तक जिए भैया ऐसा करो विधान.

ऐसा करो विधान बात है बिलकुल सच्ची, फोरम पर अब ना रहेगी ज्यादा माथा पच्ची.

कह अक्ष कभी भी इनका कम ना हो नाम, गुठली हमें मिलती रहें और भैया खाएं आम.

aksh 11-11-2010 10:41 PM

जय भैया, नमस्कार ! अब वक्त आ गया है कि आप सूत्र " दोस्तों की नजर " पर आयें और आपके बारे में व्यक्त बातो पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करें. धन्यबाद.

aksh 11-11-2010 11:05 PM

एक बात मेरे दिमाग से स्लिप हो गयी. जलवा जी बीमार हैं और एक प्राइवेट हॉस्पिटल के icu में भर्ती हैं. आज शाम को उनका फोन आया था खुद और उन्होंने फोरम के बारे में जानकारी ली और अपनी बीमारी के बारे में भी बताया. कुछ सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उनको भर्ती कराया था. वैसे तो ठीक ठाक हैं पर रिपोर्ट्स अभी आनी बाकी हैं. में कल सुबह उनसे मिलने जाऊंगा फिर हाल चाल बताऊँगा.

उन्होंने भाईजी को एक कुशल प्रवक्ता, कुशल प्रशासक और धैर्यवान व्यक्ति बताया है.

sam_shp 11-11-2010 11:23 PM

Quote:

Originally Posted by aksh (Post 13120)
एक बात मेरे दिमाग से स्लिप हो गयी. जलवा जी बीमार हैं और एक प्राइवेट हॉस्पिटल के icu में भर्ती हैं. आज शाम को उनका फोन आया था खुद और उन्होंने फोरम के बारे में जानकारी ली और अपनी बीमारी के बारे में भी बताया. कुछ सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उनको भर्ती कराया था. वैसे तो ठीक ठाक हैं पर रिपोर्ट्स अभी आनी बाकी हैं. में कल सुबह उनसे मिलने जाऊंगा फिर हाल चाल बताऊँगा.

उन्होंने भाईजी को एक कुशल प्रवक्ता, कुशल प्रशासक और धैर्यवान व्यक्ति बताया है.

जलवा जी का स्वास्थ्य जल्द से जल्द ठीक हो जाये यही हमारी प्रभु प्राथना.उनके स्वास्थ्य की खबर हमें देते रहियेगा.

aksh 11-11-2010 11:28 PM

Quote:

Originally Posted by sam_shp (Post 13121)
जलवा जी का स्वास्थ्य जल्द से जल्द ठीक हो जाये यही हमारी प्रभु प्राथना.उनके स्वास्थ्य की खबर हमें देते रहियेगा.

अवश्य बड़े भैया.

jai_bhardwaj 11-11-2010 11:31 PM

परम स्नेही मित्रों, आप सभी का हार्दिक आभार / प्रतिक्रिया व्यक्त करते समय मैं शब्द-शून्य सा हो चला हूँ / (ना जाने क्यों avf का वह परम सखा याद आ गया जिसने कभी यह कहा था कि मैं (जय) स्व-प्रशंसा का चहेता हूँ/ यद्यपि यह बात सत्य नहीं है किन्तु मैंने तटस्थ भाव से उसे स्वीकार कर लिया था / मैं आज भी उस सखा को पसंद करता हूँ और वार्ता करता रहता हूँ/ )
मुझे प्रसन्नता हुई है कि मेरे दुर्गुणों को आप सभी ने स्पष्ट किया है / मैं अभिभूत हूँ कि मेरे स्व. पिता जी के बाद आप सभी ने मेरे दुर्गुणों को कहा तो है /
अनिल भाई.... जैसा कि आपने लिखा है कि कवि हृदय होना मजबूत पक्ष के साथ साथ कमजोर पक्ष भी है / संभव है कि यह उचित हो किन्तु मैं कविता को अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम मानता हूँ / हाँ यह अवश्य है कि मैं एक भावुक हृदय मानव हूँ इसलिए कभी कभी कोई हठात और सहजता से मुझसे कुछ धन अथवा श्रम ठग ले जाता है किन्तु वह जान ही नहीं पाता कि मैं इसमें भी अपनी खुशियाँ खोज लेता हूँ /
जहाँ तक अंगरेजी भाषा के शब्दों के प्रयोग न करने की बात है तो बन्धु मैं दिन भर अंगरेजी में ही लिखता हूँ उसकी भड़ास को मैं रात में फोरम में हिंदी में लिख कर मिटा लेता हूँ / किन्तु ऐसा नहीं है कि मैं सहयोगी भाषाओं के शब्दों का प्रयोग नहीं करता हूँ / बस कभी कभी अथवा अत्यंत अल्प मात्रा में /
यह भी सत्य है कि मैं गलतियों को नजर अंदाज कर जाता हूँ क्योंकि मैं सोचता हूँ कि कदाचित सम्बंधित व्यक्ति से असावधानी से यह गलती हो गयी होगी इसलिए अगली बार के होने तक मैं उसे ध्यान में नहीं लाता हूँ किन्तु यदि गलती अक्षम्य हो तो उसे चेताना भी पड़ता है /
मुन्ना भाई.... आपने सही कहा है कि मेरी पत्नी ही मेरा मेरुदंड है / पिछले वर्ष मेरे जयपुर प्रवास के दौरान ताराबाबू और अलैक जी सहित आप उनसे स्वयम मिल चुके हैं इसलिए मैं अधिक नहीं लिख सकता /
गुल्लू भाई .... आपने जिस त्रुटि की ध्यान आकर्षित किया है उस विषय मे मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि ऐसा सुविधा के लिए आरम्भ हुआ था जो कि मेरे लेखन की पहचान बन चुका है / avf में मोबाइल से लेखन करते करते ही मैं सितम्बर में नियामक बना था / लैपटाप तो मैंने पिछली दिवाली के बाद लिया था / लैपटाप में पूर्णविराम लगाने के लिए शिफ्ट का प्रयोग करना पड़ता है और दायें हाथ की छोटी उंगली को तनिक श्रम करना पड़ता था इसलिए आरम्भ में मैंने (/) लगाना चालू कर दिया था जो कि आदत बन गयी है / ( एक बार avf में गुरूजी ने मुझसे इस विषयमे जान कारी चाही थी तब मैंने यही उपरोक्त बात स्पष्ट की थी ) / एक एक दिन गंगाजी की तरफ बढ़ना हमें यथार्थ को प्रस्तुत करने को साहस देता है (जब मनुष्य डरता है तो गाना गाने लगता है ... हा हा हा हा )/

रही बात सद्गुणों की तो मैं यह स्पष्ट जानता हूँ कि यह आप सभी भाईयों का मेरे प्रति आदर और स्नेह का प्रबल जोर है जिसके कारण आप (अनिल भाई, गुल्लू भाई, अभिषेक जी, मुन्ना भाई, शाम भाई आदि ) ऐसा लिख सके हैं / ऐसी बातें लिख कर आप सभी मुझे अधिक से अधिक कर्तव्य और दायित्वों को सहन करने के लिए तैयार कर रहे हैं / मैं आप सभी की अपेक्षाओं पर खरा उतरूँ यह मेरी प्रतिबद्धता रहेगी / ईश्वर मुझे आप सभी की उम्मीदों के लिए साहस प्रदान करे /
आपकी सीधी सादी किन्तु मार्मिक पंक्तियों ने मेरे हृदय को झंकृत कर दिया है / मैं निःशब्द हूँ इसकी प्रतिक्रिया में अतः क्षमा करें:hi: /
धन्यवाद एवं आभार मित्रों /
:party::cheers::party:

aksh 11-11-2010 11:37 PM

Quote:

Originally Posted by bhaaiijee (Post 13123)

रही बात सद्गुणों की तो मैं यह स्पष्ट जानता हूँ कि यह आप सभी भाईयों का मेरे प्रति आदर और स्नेह का प्रबल जोर है जिसके कारण आप (अनिल भाई, गुल्लू भाई, अभिषेक जी, मुन्ना भाई, शाम भाई आदि ) ऐसा लिख सके हैं / ऐसी बातें लिख कर आप सभी मुझे अधिक से अधिक कर्तव्य और दायित्वों को सहन करने के लिए तैयार कर रहे हैं / मैं आप सभी की अपेक्षाओं पर खरा उतरूँ यह मेरी प्रतिबद्धता रहेगी / ईश्वर मुझे आप सभी की उम्मीदों के लिए साहस प्रदान करे /
आपकी सीधी सादी किन्तु मार्मिक पंक्तियों ने मेरे हृदय को झंकृत कर दिया है / मैं निःशब्द हूँ इसकी प्रतिक्रिया में अतः क्षमा करें:hi: /
धन्यवाद एवं आभार मित्रों /

:hi: :hi: :hi: :hi: :hi:

aksh 11-11-2010 11:40 PM

अब से कल रात तक हम सभी सदस्य ( केवल मुन्ना भैया को छोड़कर ), मुन्ना भैया के बारे में अपने विचार व्यक्त करेंगे. और उसके बाद कल देर रात को या १० बजे तक बड़े भैया उस पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे. धन्यबाद

jai_bhardwaj 12-11-2010 12:09 AM

मुन्नेराजा ... (मुन्नाभाई)
प्रबल पक्ष (सद्गुण)
१. जीवन में बहुत से उतार चढ़ाव देखे हैं इसलिए जीवन के प्रति इनका जीवंत दृष्टिकोण बहुत ही ठोस और अनुकरणीय है /
२. इनके कई कार्यों का विशद अनुभव इन्हें क्रियाशील और ऊर्जावान बनाए रखता है /
३. ये सरल और छद्मावरण रहित हैं /
४. ये विलक्षण प्रतिभा के धनी और गुप्तज्ञानी हैं /
५. ये मित्र-जीत हैं और मित्रता निभाना खूब आता है /

निर्बल पक्ष (दुर्गुण)
१. ये तनिक हठी हैं / अपनी बात मनवाने का प्रयास करते हैं /
२. इनके मन का होने पर ये कई बार अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं /
३. आजकल ये स्वयं को अकेला मानने लगे हैं /

khalid 12-11-2010 08:17 AM

दादा के बारे मेँ कुछ लिखना सुरज के सामने दिया दिखाने के समान हैँ
इतने ज्ञानी को मैँने पहली बार देखा हैँ
इतने काम को करने वाले विरले हीँ मिलेँगेँ
काम के मामलेँ मेँ दादा सचिन का रिकार्ड तोड देँगेँ
जिनको अपना समझतेँ हैँ उनको मानतेँ भी हैँ
गलत करने वाले को पहलेँ समझाने की कोशिश करतेँ हैँ मजबुत पक्ष हैँ
कमजोर तो मेरे नजर मेँ हैँ नहीँ फिर भी लिख देता हुँ
नौरंगा हमेशा अपने साथ रखतेँ हैँ
हम सभी को डराते रहते हैँ अपने उम्र हमलोँगोँ को बताते नहीँ अभी भी 35 बतातेँ हैँ
दादी जी से डरते हैँ 9 बजतेँ हीँ निकल जातेँ हैँ
क्षमा

munneraja 12-11-2010 09:29 AM

Quote:

Originally Posted by aksh (Post 13120)
जलवा जी बीमार हैं और एक प्राइवेट हॉस्पिटल के icu में भर्ती हैं. आज शाम को उनका फोन आया था खुद और उन्होंने फोरम के बारे में जानकारी ली और अपनी बीमारी के बारे में भी बताया. कुछ सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उनको भर्ती कराया था. वैसे तो ठीक ठाक हैं पर रिपोर्ट्स अभी आनी बाकी हैं.

इश्वर करे वो जल्द ही पूर्ण स्वस्थ्य लाभ कर हमारे साथ आ जाएँ

khalid 12-11-2010 02:39 PM

Quote:

Originally Posted by munneraja (Post 13204)
इश्वर करे वो जल्द ही पूर्ण स्वस्थ्य लाभ कर हमारे साथ आ जाएँ

सच दादा जलवा भाई के बगैर कुछ अधुरा लगता हैँ
भगवान करे जल्दी से ठीक हो जाए

abhisays 12-11-2010 02:46 PM

Quote:

Originally Posted by khalid1741 (Post 13288)
सच दादा जलवा भाई के बगैर कुछ अधुरा लगता हैँ
भगवान करे जल्दी से ठीक हो जाए

मैं भी जलवा भाई के अच्छे स्वाथ्य की कामना करता हूँ.. जल्दी वो स्वस्थ होकर हमारे बीच आ जाये..

abhisays 12-11-2010 04:21 PM

हमारे बीच में वे सबसे अनुभवी, सरल और ऊर्जावान है.. उम्र इनके लिए लगभग रुक सी चुकी है.. नियम और कर्तव्यो के प्रति इनकी घोर आस्था हम सभी के लिए अनुकर्णीय है.. leadership qualities इनमे कूट कूट कर भरी है.. कैसे सबको साथ लेकर चलना है कोई इनसे सीखे..

aksh 12-11-2010 05:07 PM

बड़े भैया /मुन्ना भैया के बारे में लिखने बैठ जाऊं तो एक सूत्र भी कम पड़ जाएगा.
मजबूत पक्ष
१. सोच समझ कर फैसला लेने वाले.
२. एक बार फैसला कर लेते है तो ज्यादा नहीं सोचते.
३. सबको एक सामान महत्व देकर चलना वाकई कोई इनसे सीख सकता है.
४. मजबूत रण नीत कार.
५. सादा जीवन उच्च विचार इनकी जीवन शैली और बातचीत से झलकते है.
६. हमेशा मदद को तैयार.
७. बहुत सी चीजों के जानकार.
८. सीखने की ललक.
९. हार ना मानने का जज्बा.
१०. उम्र जे ज्यादा तजुर्बा.
११. उम्र को कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने देना.
१२. परिवार से जुड़े हुए.
१३. जिम्मेदारी का एहसास.

कमजोर पक्ष
१. कुछ हद तक जिद्दी.
२. कभी कभी फैसला लेने में बहुत ही देरी.
३. नौरंगे चलाने की ट्रेनिंग किसी और को नहीं दी.

sam_shp 12-11-2010 05:43 PM

अनिल भाई, मुन्नाभाई के बारे मे आपने ही सब कुछ लिख दिया जो हम लिखना चाहते है....फिर भी एक दो बात तो लिखनी ही पड़ेगी....फिजूल मे मै नौरंगे का शिकार क्यूँ बनू ????....
जीवन मे उम्र के साथ साथ बहुत धुप छाँव भी देखि है इस लिये....थोडा सख्त दिखते है लेकिन मृदु स्वाभाव के इंसान है...हाँ थोड़े जिद्दी जरुर है...लेकिन जिसे हम जिद कहते है वो शायद इनके लिये सही कदम हो सकता है क्युंकी उनको जीवन की सत्यता का सटीक अनुभव है....
बहुत सारे विषयो / हुन्नर मे महारत है....

कमजोर पक्ष
खुद नौरंगा चलाने मे महारथी है लेकिन भाभीजी के बेलन के सामने घुटने टेक देते है...


gulluu 12-11-2010 08:14 PM

Quote:

Originally Posted by aksh (Post 13305)
बड़े भैया /मुन्ना भैया के बारे में लिखने बैठ जाऊं तो एक सूत्र भी कम पड़ जाएगा.
मजबूत पक्ष
१. सोच समझ कर फैसला लेने वाले.
२. एक बार फैसला कर लेते है तो ज्यादा नहीं सोचते.
३. सबको एक सामान महत्व देकर चलना वाकई कोई इनसे सीख सकता है.
४. मजबूत रण नीत कार.
५. सादा जीवन उच्च विचार इनकी जीवन शैली और बातचीत से झलकते है.
६. हमेशा मदद को तैयार.
७. बहुत सी चीजों के जानकार.
८. सीखने की ललक.
९. हार ना मानने का जज्बा.
१०. उम्र जे ज्यादा तजुर्बा.
११. उम्र को कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने देना.
१२. परिवार से जुड़े हुए.
१३. जिम्मेदारी का एहसास.

कमजोर पक्ष
१. कुछ हद तक जिद्दी.
२. कभी कभी फैसला लेने में बहुत ही देरी.
३. नौरंगे चलाने की ट्रेनिंग किसी और को नहीं दी.

में अक्स भाई से सहमत हू और इन से ज्यादा तो में भी नहीं लिख सकता .फिर भी एक बात में लिखना चाहूँगा की मुन्ना जी प्रत्येक सदस्य को अपने परिवार के सदस्य की तरह मानते हैं, उनको बिना जानते, बिना पहचाने ,बिना देखे, अपने परिवार के सदस्य की तरह प्यार देते हैं और फोरम पर हर तरह से बढ़ने का मौका देते हैं उनकी गलतियां माफ करते हैं .यही इनकी मजबूती है और यही इनकी कमजोरी है क्योंकि कुछ लोग इसका गलत फायदा भी उठा लेते हैं .

ndhebar 12-11-2010 11:18 PM

मुन्ना भाई
मजबूत पक्ष
* एक जीवन्त व्यक्तित्व (शायद ये गाना इन्ही के लिए है : जीवन से भरी तेरी आँखें मजबूर करे जीने के लिए)
इनकी जीवन शैली कम से कम मेरे लिए तो प्रेरणा है
* प्रेरणा प्रदान करने वाली उर्जा का प्रचुर भण्डार इनके अन्दर मौजूद होना (जिसके स्वरुप ये कभी नहीं थकते)
* अत्यधिक अनुभव
और छोटों के लिए भरपूर स्नेह
कमजोर पक्ष
* फैसले में जल्दबाजी (वैसे मेरा भी मानना है की ज्यादा सोचने से फैसले कमजोर पड़ जाते हैं)
* बाल हठ इनमें अभी तक मौजूद है पर क्या करें "दिल तो बच्चा है" और इसी कारन इनकी उम्र का पता नहीं चलता

munneraja 13-11-2010 09:52 AM

आप सभी का आभार जो आपने मेरे बारे में लिखकर सम्मान प्रदान किया
Quote:

Originally Posted by bhaaiijee (Post 13131)
मुन्नेराजा ... (मुन्नाभाई)
५. ये मित्र-जीत हैं और मित्रता निभाना खूब आता है /

निर्बल पक्ष (दुर्गुण)
१. ये तनिक हठी हैं / अपनी बात मनवाने का प्रयास करते हैं /
२. इनके मन का न होने पर ये कई बार अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं /
३. आजकल ये स्वयं को अकेला मानने लगे हैं /

अवसादग्रस्त होने का प्रमुख कारण - जब मैं किसी से दिल से जुड़ जाता हूँ तो उन से जुडी अव्यवहारिकता या गंभीर घटनाएं मेरे अंतर को झकझोर देती हैं.
अकेलापन - कहते हैं ख़राब समय कुछ शिक्षा देकर जाता है, ये उसी समय की शिक्षा है. आप इसे मोह और वैराग्य के मध्य की रेखा कह सकते हैं
Quote:

Originally Posted by khalid1741 (Post 13175)
गलत करने वाले को पहलेँ समझाने की कोशिश करतेँ हैँ मजबुत पक्ष हैँ
नौरंगा हमेशा अपने साथ रखतेँ हैँ
हम सभी को डराते रहते हैँ अपने उम्र हमलोँगोँ को बताते नहीँ अभी भी 35 बतातेँ हैँ
दादी जी से डरते हैँ 9 बजतेँ हीँ निकल जातेँ हैँ

मेरे दिमाग की भूख कभी शांत नहीं होती, कुछ न कुछ करते रहना और सीखना मेरी आदत है जिसे आप ज्ञान का नाम दे रहे हैं.
गलत करने वाले को समझाना क्योंकि मैं उनको अपना मानता हूँ और अति करने वाले को भरपूर मौका देना कि वो खुल कर गलती कर ले ताकि उसको ये गिला ना रहे कि मुझे बेवजह दंड दिया गया. अति करने वाला मुझे कभी प्रिय नहीं होता. श्री कृष्ण ने शिशुपाल को सौ अपराध करने तक क्षमा दान दिया था और श्री कृष्ण मेरे प्रणेता हैं.
मैंने कभी अपने को ३५ से बड़ा नही होने दिया
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Originally Posted by abhisays (Post 13300)
कैसे सबको साथ लेकर चलना है कोई इनसे सीखे..

जब आप किन्ही से मानसिक रूप से परिवारक तौर पर जुड़ जाते हैं तो साथ चलने में कोई परेशानी नहीं आती है अनुज
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Originally Posted by aksh (Post 13305)
बड़े भैया /मुन्ना भैया के बारे में लिखने बैठ जाऊं तो एक सूत्र भी कम पड़ जाएगा.
मजबूत पक्ष

९. हार ना मानने का जज्बा.

कमजोर पक्ष
१. कुछ हद तक जिद्दी.
२. कभी कभी फैसला लेने में बहुत ही देरी.
३. नौरंगे चलाने की ट्रेनिंग किसी और को नहीं दी.

जिद तो माँ कहती हैं कि छुटपन से ही करता रहा हूँ जो अब किशमिश करती है,
और जो हार गया वो मानसिक रूप से खत्म हो गया इसलिए मन को जिन्दगा रखना है तो जीवंत रहिये ....
फैसले में देरी का कारण मैं ऊपर स्पष्ट कर चुका हूँ कि गलती करने वाला भरपूर गलती कर ले ताकि फिर एकदम से छुट्टी की जा सके .....
और जिस की कलाई मजबूत होगी वो मुझसे नौरंगे की ट्रेनिंग ले सकते हैं
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Originally Posted by sam_shp (Post 13314)
?....
क्युंकी उनको जीवन की सत्यता का सटीक अनुभव है....
कमजोर पक्ष
खुद नौरंगा चलाने मे महारथी है लेकिन भाभीजी के बेलन के सामने घुटने टेक देते है...


अब चाहे आप इसे मेरा अहम मान लें लेकिन झूठ से मुझे नफरत है और यहीं सत्यता से परिचय अपने आप हो जाता है
कहते हैं कि हर सेर अपने सवासेर से डरता है तो भला नौरंगा बेलन के आगे कहाँ टिक सकता है ??
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Originally Posted by ndhebar (Post 13406)
मुन्ना भाई
मजबूत पक्ष
* प्रेरणा प्रदान करने वाली उर्जा का प्रचुर भण्डार इनके अन्दर मौजूद होना (जिसके स्वरुप ये कभी नहीं थकते)
कमजोर पक्ष
* फैसले में जल्दबाजी (वैसे मेरा भी मानना है की ज्यादा सोचने से फैसले कमजोर पड़ जाते हैं)

आप सभी का प्यार मुझे वो उर्जा प्रदान करता है कि मैं थके बिना कार्य करता रहूँ

सामान्य रूप से मैं भावुक हूँ, किसी से भी शीघ्र जुड़ जाता हूँ, हालाँकि कभी मैंने दिल पर इसी
कारण चोट खाई लेकिन अपने को चाह कर भी नहीं बदल पाता हूँ और मैं खुश हूँ कि मैंने गलत नहीं किया.
अनुशासन और कठोरता ने मुझे उम्र के बंधन से मुक्त किया और जो जीवन ने सीख दी उस से वैराग्य का ज्ञान मिला
आप सभी मेरे प्रिय हो ..... इश्वर इस परिवार को असीमित उंचाई दे .....
आमीन ...

aksh 13-11-2010 11:16 AM

बड़े भैया ! इस शानदार प्रतिक्रिया के लिए बधाई ! तुस्सी ग्रेट हो पाजी !

aksh 13-11-2010 11:17 AM

बड़े भैया की प्रतिक्रिया आ चुकी है. अब में आप सभी को आमंत्रित कर रहा हूँ अभिषेक जी के बारे में अपनी राय बताने के लिए. ( सिर्फ अभिषेक जी को छोड़ कर सभी ऐसा कर सकते हैं और देर रात को अभिषेक जी अपनी प्रतिक्रिया देंगे. धन्यबाद.

aksh 13-11-2010 11:26 AM

सबसे पहले में ही इस कार्य का शुभारम्भ कर दूं
मजबूत पक्ष

१. मृदुभाषी.
२. सरल स्वाभाव.
३. शीघ्रता से फैसले लेते हैं.
४. मुकाबला करने में यकीं रखते है. इस फोरम के लिए बहुत मेहनत की है.
५. प्रतिभा के धनी.
६. घमंड से कोसों दूर.
७. गुस्सा शायद ही कभी आता हो.
८. अपने से बड़ों का सम्मान करना जानते है.
९. मेहमान नवाजी में गुरु लगते है.
१०.समय का सुन्दर प्रबंधन करते हैं
.

कमजोर पक्ष
१. जल्दबाजी में फैसले लेना.
२. सोफ्ट इमेज के होना.

munneraja 13-11-2010 01:12 PM

अनुज अभिजीत को जितना मैंने जाना है
१. सभी के मान सम्मान को बनाये रखते हैं
२. अपने में जिस कमी को देखते हैं उसको बाहर करने की कोशिश करते हैं
३. अपने कार्य को प्रगति के पथ पर शीघ्र देखना चाहते हैं
४. एक अजीब सी कशिश मैंने इनमे देखी है, अनुज खुद ही बेहतर बता पाएंगे कि वो कशिश किस बात को लेकर है ?
५. इनमे खुद को परिपूर्ण देखने की उत्कंठा है

मैं यहाँ किसी कमी की कोई बात नहीं करूँगा
क्योंकि ये बेहद सुधारवादी हैं

khalid 13-11-2010 03:36 PM

जितना मैँने जाना हैँ ईनके बारे मेँ
1 सभी से सलाह लेके काम करने मेँ विस्वास रखते हैँ
2 फोरम के प्रति बहुत गम्भीर हैँ
3 सभी को बहुत गम्भीरता से सुनते हैँ अच्छा या बुरा
4 जो जैसे हैँ उनको उसी तरह सम्मान देते हैँ
5 वेब डिजाईन इनका काम हीँ नहीँ जुनुन भी हैँ
6 पिछे रहकर काम करने मे यकिन रखते हैँ
7 गुस्सा कम करते हैँ
8 दोस्ती करके निभाने मेँ यकिन करते हैँ
++ पाईँट
जल्दी यकिन करना
काम करके क्रेडीट नहीँ लेना _ पाईँट हैँ


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