कार में सत्संग
http://s9.postimg.org/eq04vfzxr/saticr.jpg
सत्संग-महात्मय के बारे में महंत राम गोविंद दास महात्यागी महाराज का कहना है कि 'जीवन में सत्संग का मिलना बड़ा दुर्लभ है। सत्संग से जीवन की सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है।' |
Re: कार में सत्संग
सत्संग-महात्मय को देखते हुए आज से कुछ दशक पहले लोग अपनी व्यस्तता में भी अल्प समय निकालकर सत्संग जैसे आध्यात्मिक मार्ग पर चलकर ईश्वरीय कृपा का परमानन्द प्राप्त करके सुख और शान्ति के महासागर में ओतप्रोत होकर आनन्द के साथ जीवन व्यतीत करते थे, किन्तु असीम दुःख और वेदना की बात यह है कि आज आधुनिकता के इस दौड़ में, एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में हमारे पास इतना समय नहीं रहा कि सत्संग जैसे आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए समय निकालकर ईश्वरीय कृपा का परमानन्द प्राप्त कर सकें।
|
Re: कार में सत्संग
इसे विडम्बना ही कहिए कि जब हमारा बुरा समय आता है तभी हमें सत्संग की याद आती है। यही बुरा समय जब 'लम्बे बुरे समय' में परिवर्तित हो जाता है तो हम सत्संग-प्राप्ति के लिए बुरी तरह तड़पने लगते हैं, क्योंकि हम जानते हैं कि लम्बे बुरे समय की वेदना से निकलकर चैन और सुकून की नींद सोने के लिए सत्संग के अतिरिक्त और कोई मार्ग नहीं। इसीलिए संत कबीरदास जी कहते हैं-
दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करै न कोय। जो सुख में सुमिरन करे दुःख काहे को होय॥ अर्थात्- दुःख के समय सभी भगवान को याद करते हैं पर सुख में कोई नहीं करता। यदि सुख में भी भगवान को याद किया जाए तो दुःख हो ही क्यों? |
All times are GMT +5. The time now is 01:47 PM. |
Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.