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anilkriti 28-09-2012 12:38 PM

मेरे एकाकी जीवन में
 
मेरे एकाकी जीवन में
तुम मधुरता का आलिंगन
स्वप्न सजोती आँखों से
तुम निदिया का बंधन ...


कण कण आलोकित करती
दिनकर की रश्मि तुम
अन्धकार में आलंबन हो
निर्बलता में शक्ति तुम...


जीवन की निर्जनता में
तुम हृदय का स्पंदन
मेरे एकाकी जीवन में
तुम मधुरता का आलिंगन...


http://prakhar-anil.blogspot.in

arvind 28-09-2012 05:51 PM

Re: मेरे एकाकी जीवन में
 
Quote:

Originally Posted by anilkriti (Post 165041)
मेरे एकाकी जीवन में
तुम मधुरता का आलिंगन
स्वप्न सजोती आँखों से
तुम नीदिया का बंधन ...

कण कण आलोकित करती
दिनकर की रश्मि तुम
अन्धकार में आलंबन हो
निर्बलता में शक्ति तुम...

जीवन की निर्जनता में
तुम हृदय का स्पंदन
मेरे एकाकी जीवन में
तुम मधुरता का आलिंगन...

प्रणय-रस की एक और शानदार कविता.....
अति सुंदर बंधु।

ndhebar 28-09-2012 09:31 PM

Re: मेरे एकाकी जीवन में
 
manmohak rachna....

Sikandar_Khan 28-09-2012 10:11 PM

Re: मेरे एकाकी जीवन में
 
बहुत ही खूबसूरत रचना है ! लेकिन इसे मेरे सूत्र प्रणय रस मे होना चाहिए था |

anilkriti 28-09-2012 11:20 PM

Re: मेरे एकाकी जीवन में
 
Quote:

Originally Posted by sikandar_khan (Post 165094)
बहुत ही खूबसूरत रचना है ! लेकिन इसे मेरे सूत्र प्रणय रस मे होना चाहिए था |

सिकंदर भाई , प्रणय रस नामक कोई श्रेणी मुझे नहीं मिली नहीं तो वहीँ पोस्ट करता / पसंद करने के लिए शुक्रिया /

Dr. Rakesh Srivastava 29-09-2012 12:33 AM

Re: मेरे एकाकी जीवन में
 
उत्तम कृति . बधाई हो .

Dark Saint Alaick 29-09-2012 11:58 AM

Re: मेरे एकाकी जीवन में
 
Quote:

Originally Posted by anilkriti (Post 165041)
तुम मधुरता का आलिंगन
स्वप्न सजोती आँखों से
तुम नीदिया का बंधन ...

मेरे विचार से यह निंदिया (नींद) होना चाहिए ! कविता अच्छी है ! धन्यवाद !

anilkriti 29-09-2012 11:48 PM

Re: मेरे एकाकी जीवन में
 
Quote:

Originally Posted by dark saint alaick (Post 165140)
मेरे विचार से यह निंदिया (नींद) होना चाहिए ! कविता अच्छी है ! धन्यवाद !

आप का विचार बिल्कुल सही है बंधू. धन्यवाद /

YUVRAJ 30-09-2012 10:54 AM

Re: मेरे एकाकी जीवन में
 
बहुत ही सुन्दर रचना यादव जी… :bravo:
शब्दों का चयन भी काबिल-ए-तारीफ है।
निदिया और नींद में वही फर्क़ लगता है जो बिटिया और बेटी मे।
धन्यवाद।

anilkriti 01-10-2012 12:25 PM

Re: मेरे एकाकी जीवन में
 
Quote:

Originally Posted by yuvraj (Post 165282)
बहुत ही सुन्दर रचना यादव जी… :bravo:
शब्दों का चयन भी काबिल-ए-तारीफ है।
निदिया और नींद में वही फर्क़ लगता है जो बिटिया और बेटी मे।
धन्यवाद।

युवराज जी आप का कथन बिल्कुल सही है / निदिया का प्रयोग वैसे ही है जैसे बिटिया का होता है/

धन्यवाद/


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