मेरे एकाकी जीवन में
मेरे एकाकी जीवन में
तुम मधुरता का आलिंगन स्वप्न सजोती आँखों से तुम निदिया का बंधन ... कण कण आलोकित करती दिनकर की रश्मि तुम अन्धकार में आलंबन हो निर्बलता में शक्ति तुम... जीवन की निर्जनता में तुम हृदय का स्पंदन मेरे एकाकी जीवन में तुम मधुरता का आलिंगन... http://prakhar-anil.blogspot.in |
Re: मेरे एकाकी जीवन में
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अति सुंदर बंधु। |
Re: मेरे एकाकी जीवन में
manmohak rachna....
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Re: मेरे एकाकी जीवन में
बहुत ही खूबसूरत रचना है ! लेकिन इसे मेरे सूत्र प्रणय रस मे होना चाहिए था |
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Re: मेरे एकाकी जीवन में
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Re: मेरे एकाकी जीवन में
उत्तम कृति . बधाई हो .
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Re: मेरे एकाकी जीवन में
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Re: मेरे एकाकी जीवन में
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Re: मेरे एकाकी जीवन में
बहुत ही सुन्दर रचना यादव जी… :bravo:
शब्दों का चयन भी काबिल-ए-तारीफ है। निदिया और नींद में वही फर्क़ लगता है जो बिटिया और बेटी मे। धन्यवाद। |
Re: मेरे एकाकी जीवन में
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धन्यवाद/ |
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