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कर्नाटका राज्य > बादामी के गुफा मंदिर
गुफा मंदिरों के अलावा उत्तरी पहाड़ी में तीन शिव मंदिर हैं जिनमें से शायद मालेगट्टी शिवालय सबसे अधिक प्रसिद्ध है। अन्य प्रसिद्ध मंदिर भूतनाथ मंदिर, मल्लिकार्जुन मंदिर और दत्तात्रय मंदिर हैं। बादामी में एक किला भी है जिसमें कई मंदिर विद्यमान हैं। बदामी दो से अधिक शताब्दियों तक चालुक्यों की राजधानी रहा । वातापी के प्राचीन कदम्ब राज्य के मांडलिक (मंत्री) जयसिंह ने चालुक्य वंश की नीव रखी। ब्रह्मा के कमंडल से चुल्लू द्वारा छिड़के हुए जल से उत्पन्न वीर मानव योद्धा से इस वश का प्रादुर्भाव माना जाता है। चालुक्यों की राजधानी बदामी हम्पी से भी 1000 वर्ष ज्यादा पुरानी है। बदामी भी हम्पी की तरह मंदिरों से भरा हुआ है। यहां पांच गुफाएं हैं, जिनमें चार मानव-निर्मित और एक प्राकृतिक है। इन गुफाओं में उन सारे धर्मो से संबंधित मूर्तियाँ मिल जाएंगी जो (उस वक्त) पांचवी सदी में प्रचलित थे। चट्टानों से काटकर बनाए गए यहां के सुंदर मंदिर बदामी का खास आकर्षण हैं। इन मंदिरों में दो विष्णु के, एक शिव का और एक जैनियों का मंदिर प्राचीन कला का एक अद्भुत नमूना है। पांचवीं प्राकृतिक गुफा एक पूरी पहाड़ी को काटकर बनाई गई है और बौद्ध कला का एक अद्भुत नमूना है। यह गुफा ऊंचाई पर है और यहां से दिखने वाला चारों तरफ का प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों का मन मोह लेता है। ** |
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कर्नाटका राज्य > मैसूर (मैसूरू)
karnataka > mysore (mysuru) भारत के दक्षिणी छोर में स्थित कर्नाटक की राजधानी बंगलुरु से 140 किलोमीटर दूर मैसूर वाकई खूबसूरत शहर है। कभी वाडियार राजाओं की राजधानी रहा मैसूर समुद्रतल से 610 मीटर की ऊंचाई पर स्थित खुशबूदार शहर भी है। यहां चमेली, गुलाब आदि फूलों की सुगंध के अलावा चंदन और कस्तूरी की खुशबू से वातावरण सुगंधित रहता है। मैसूर चंदन के विशाल जंगलों, हाथियों, बगीचों और महलों के अलावा कला, संस्कृति, प्राकृतिक सुंदरता तथा ऐतिहासिक धरोहर से समृद्ध भारत का प्रमुख शहर है। यहां अनेक दर्शनीय स्थल हैं। आइए, आपको सबसे पहले लिए चलते हैं चामुंडेश्वरी मंदिर। चामुंडी पहाड़ी पर बने इस मंदिर तक एक हजार सीढियां चढ़ कर या पैदल सड़क के रास्ते भी जाया जा सकता है। यह सतमंजिला मंदिर है। रास्ते में 5 मीटर ऊंचे ठोस चट्टानों को काट कर बनाए गए भगवान शिव के वाहन नंदी के दर्शन भी होते हैं। मंदिर तक जाने के मार्ग में हरे−भरे वृक्षों और सुरभित पवन के स्पर्श से मन आनंदित हो उठता है। |
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कर्नाटका राज्य > मैसूर (मैसूरू)
karnataka > mysore (mysuru) मुख्य शहर से 16 किलोमीटर दूर ‘श्रीरंगपटनम’ अंग्रेजों से आजीवन युद्ध करते रहने वाले महान शासक टीपू सुल्तान की राजधानी थी। यहां वह इमारत दर्शनीय है जिसमें टीपू सुल्तान ने अंग्रेज सैनिकों को कैद कर रखा था। श्रीरंगपटनम की चारदीवारी के अंदर एक मस्जिद और श्री रंगनाथ स्वामी का मंदिर भी है। मैसूर से 45 किलोमीटर पूरब में सोमनाथपुर के चाणक्येश्वर मंदिर की दीवारें उत्कृष्ट वास्तुशिल्प के उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। प्रस्तर निर्मित इन दीवारों पर रामायण, महाभारत तथा होयसल राजाओं के जीवन की जीवनशैली को बड़ी कुशलता से अंकित किया गया है। |
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